जटिल संरचना वाले छोटे से अंग आंख का काम बहुत बड़ा- डा. बलवीर सिंह,
विश्व दृष्टि दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर आंखों की देखभाल बताई
लाडनूं (kalamkala.in)। विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर यहां जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजकीय नेत्र चिकित्सालय के नेत्र विशेषज्ञ डा. बलवीर सिंह थे तथा अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने की। कार्यक्रम में डा. बलवीर सिंह ने आंखों के रखरखाव और नेत्र स्वास्थ्य पर पर्याप्त ध्यान देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि आंख शरीर की सबसे जटिल संरचना होती है। यह एक छोटा सा अंग होता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है और इसका काम बड़ा होता है। उन्होंने आंखें को हाथ से नहीं छूने की सलाह देते हुए आंख में कुछ भी गिरने, खुजली आने, आंसू आने के बावजू उसे नहीं छूने और केवल पानी से धोने की जरूरत बताई। उन्होंने मोबाईल व अन्य गैजेट्स को देखने पर आंखों के नजदीक से देखने की मांसपेशियों के विकसित होने और दूर से देखने पर उसका गलत असर होने के बारे में बताते हुए कहा कि मोबाईल आदि आज आवश्यकता में शामिल हो गए हैं, इन्हें छोड़ा नहीं जा सकता, लेकिन इन्हें देखने का समय कम कर देना चाहिए तथा आंखों से कुछ दूरी बनाकर देखने की जरूरत है। उन्होंने पलकों को झपकाने को बहुत जरूरी बताते हुए एकटक नहीं देखने की सलाह दी। उन्होंने चश्मे की आवश्यकता होने पर चश्मा लगाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि बिना चश्मा के देखने पर आंखें पर अतिरिक्त जोर देना पड़ता है और इस प्रकार चश्मा नहीं लगाना नुकसानदायक हो सकता है। इस अवसर पर छात्राओं ने आंखों, चश्मा, काॅंन्टेक्ट लैंस आदि के सम्बंध में अनेक प्रश्न पूछ कर अपनी जिज्ञासाएं प्रकट की, जिनका समुचित समाधान डा. बलवीर सिंह ने किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रो. बीएल जैन ने दृष्टि दिवस और आंखों का महत्व बताते हुए आंखों को शरीर की सबसे महत्वपूर्ण ज्ञानेन्द्रिय बताया और उनकी नियमित देखभाल की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम में जगदीश यायावर, सोहनसिंह चारण एवं सभी छात्राध्यापिकाएं उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन डा. अमिता जैन ने किया। इसके अलावा डॉ, बलवीर सिंह ने स्थानीय आदर्श विद्या मंदिर और राजकीय जोहरी उ.मा. विद्यालय में भी बच्चों के लिए आँखों पर ध्यान देने की आवश्यकता के बारे में बताया और उनको मोबाइल के कम उपयोग की नसीहत दी।