नाबालिग के साथ सामुहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस पर मुलजिमानों का साथ देने का आरोप,
सभी संगीन धाराएं हटाई, प्रकरण को हलका बनाया, बचाया जा रहा है गैंगरेप के आरोपियों को,
महिला आयोग की काउंसलर एसपी से मिली, पीड़ित पक्ष ने भी दिया ज्ञापन, जांच बदलवाने व सबकी गिरफ्तारी की मांग
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के निर्देशन में नागौर महिला आयोग काउंसलर प्राची मेहरा ने तहसील के ग्राम दताऊ के नाबालिग के साथ सामुहिक दुष्कर्म के मामले को रफा-दफा करने के प्रयासों के चलते डीडवाना में पीड़िता के परिजनों के साथ जिला पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करके इस पूरे प्रकरण की जांच उच्च अधिकारियों से करवाने की मांग की। इस मामले में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलवाने को लेकर लगातार प्रयासरत श्री आनंद परिवार सेवा समिति के कार्यालय सचिव आरके सुरपालिया ने बताया कि इस प्रकरण की गंभीरता को कम करने के प्रयास शुरू से ही किए जा रहे हैं। इस मामले में लड़की के साथ गैंगरेप होने के बावजूद लाडनूं पुलिस-प्रशासन राजनीतिक दबाव में आकर इससे धारा 376 तक हटाते हुए मात्र छेड़छाड़ का मुकदमा बनाने के लिए कोशिश कर रहे हैं। इस मामले को दर्ज करने में भी लाडनूं पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। उन्होंने इस प्रकरण में धारा 376 आईपीसी को वापस जोड़े जाने की मांग करते हुए बताया कि मामले से पुलिस ने जानबूझ कर अनेक धाराओं को हटा दिया गया है, जिनमें पोक्सो एक्ट की की धारा 5 जी/6 के अलावा 376डी, 379 भी हटाई गई है। केवल 363, 354 क् 11/12 पोक्सो एक्ट रखी गई है।
सभी मुल्जिमानो की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ज्ञापन
इस सम्बंध में जिला पुलिस अधीक्षक डीडवाना को दिए गए ज्ञापन में प्रकरण सीआर नं. 20/2024 पुलिस थाना लाडनूं में बकाया रहे मुलजिमानों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए बताया गया है कि उस प्रार्थी ने पुलिस थाना लाडनूं में गत 18 जनवरी को एक मुकदमा नं. 20/2024 अधीन धारा 384, 376(2)(द), 376घ, 376, 363 भा.द.सं. व 5/6 पोक्सो एक्ट में दर्ज करवाई। इस मामले में अब तक पुलिस ने सिर्फ मुलजिम नन्दलाल को ही गिरफ्तार किया है। नन्दलाल के सहयोगी मुलजिमानों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस प्रकरण में पीड़िता के धारा 164 सीआरपीसी के बयान भी 22 जनवरी को करवाए जा चुके हैं, फिर भी पुलिस द्वारा इसमें आगे कार्रवाई नहीं बढाई जा रही है। मुख्य आरोपी नन्दलाल के अलावा अन्य मुलजिमानों का कोई पता लगाने की कोशिश और गिरफ्तारी नहीं की जा रही है। पीड़ित परिवार के दम्पति नरेगा मजदूर हैं और उसके घर केवल उसकी पुत्री व पुत्र ही रहते हैं, जिन्हें मुलजिम के सहयोगियों द्वारा लगातार धमकियां दी जा रही हैं। मुलजिमान पुत्री को घर से उठा लेने तथा पत्नि को भी घर से निकलते समय उठा लेने की धमकियां दी जा रही है। वे चेतावनी दे रहे हैं कि अपना मुकदमा वापिस ले लो और राजीनामा कर लो। इस प्रकार का नाजायज दबाव बनाए जाने के बारे में उन्होंने लाडनूं पुलिस को भी बताया, लेकिन पुलिस कोई परवाह नहीं कर रही है। इसके चलते उन्होंने अपने ज्ञापन में अनुसंधान अधिकारी से न्याय कोई उम्मीद नहीं होने से प्रकरण की तफ्तीश अन्य निष्पक्ष व उच्चाधिकारी से करवाये जाने तथा सभी मुलजिमानों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की है। श्री आनंद परिवार सेवा समिति के अध्यक्ष मंजीत पाल सिंह व कार्यालय सचिव आरके सुरपालिया ने बताया कि इस मामले में पीड़ित पक्ष को न्याय मिलने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा और शंतिपूर्ण तरीके से विधिसम्मत ढंग से इंसाफ के लिए हर उचित संघर्ष किया जाएगा।