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लाडनूं में विवाहिता की हत्या का मामला, पुलिस ने पीहर पक्ष के बिना ही करवाया पोस्टमार्टम, मृतका के भाई की हत्या की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की, न्यायालय के आदेश से दर्ज हुई एफआईआर, अब शुरू की गई जांच

लाडनूं में विवाहिता की हत्या का मामला, पुलिस ने पीहर पक्ष के बिना ही करवाया पोस्टमार्टम, मृतका के भाई की हत्या की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की,

न्यायालय के आदेश से दर्ज हुई एफआईआर, अब शुरू की गई जांच

लाडनूं (kalamkala.in)। स्थानीय पुलिस ने एक विवाहिता को उसके पति, जेठ, श्वसुर, सांस, मौसेरी सास और 2-3 अन्य मुलजिमानों द्वारा मारपीट कर पानी के कुंड में गिरा कर हत्या कर देने का एक मामला दर्ज किया है। इसमें पुलिस पर पीहर पक्ष के आए बिना ही पोस्टमार्टम करवाने और उसकी हत्या की रिपोर्ट दर्ज नहीं कर मामले में लीपापोती करने का आरोप भी लगाया गया है। इस प्रकरण को धारा 115 (02), 352, 240, 61 (2), 62, 103 (1) भारतीय न्याय संहिता के तहत पुलिस ने न्यायालय अति. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लाडनूं के आदेश से दर्ज किया है। मामले की जांच सीआई राजेश कुमार डूडी कर रहे हैं।

सभी ससुराल पक्ष पर लगाया प्रताड़ित करने का आरोप

यह मामला भंवरलाल (50) जाट पुत्र चैनाराम निवासी हुडास ने अपनी मृतका बहिन मंजू के पति प्रेमाराम (40) पुत्र रामदेवाराम, जेठ पुसाराम (42) पुत्र रामदेवाराम, श्वसुर रामदेवराम (62) पुत्र रूघाराम, सास भंवरी (60) पत्नी रामदेवाराम, ननद सरिता (35) पुत्री रामदेवाराम एवं मौसेरी सास चुन्नी देवी (61) पत्नी सोहनराम समस्त जाति जाट निवासीगण इनाणियों की ढाणी, लाडनूं के खिलाफ न्यायालय में इस्तगासा पेश कर बताया है कि उसकी बहन मंजू पुत्री चेनाराम की शादी करीब 20 वर्ष पूर्व मुल्जिम प्रेमाराम पुत्र रामदेवाराम इनाणियां के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही उसकी बहन के साथ उसके पति प्रेमाराम, ससुर रामदेवाराम, जेठ पुसाराम, सास भंवरी देवी व ननद सरिता का व्यवहार सही नहीं रहा। वे उसकी बहन को प्रताड़ित करते थे। मंजू का पति प्रेमाराम आयेदिन शराब पीकर उसके साथ मारपीट करता था। उसने अपने बहनोई व उसके परिवार से कई बार समझाईश की। वे लोग हर बार उनसे आईन्दा मारपीट नहीं करने का भरोसा दिलाते रहे। उसकी बहिन भी लोक-लाज के चलते इनकी क्रूरता को सहन करती रही। लेकिन, मुल्जिमानों के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया।

सभी ससुरालियों ने मिलकर की थी मारपीट

रिपोर्ट के अनुसार गत 23 जुलाई को सुबह करीब 10.30 बजे उसने अपनी बहन को फोन किया, तो वह रोने लगी व बताया कि मुल्जिमान प्रेमाराम व जेठ पुसाराम उसके साथ गाली-गलौच कर रहे थे और मारपीट भी कर रहे थे। इतना सुनते ही पास ही खड़े मुल्जिम प्रेमाराम ने उससे फोन छीन लिया और बात नहीं करने दी। उसने अपनी बहू से बात करने की वापस ट्राई की, लेकिन बात नहीं करवाई गई। रात्रि करीब 10 बजे मुल्जिम प्रेमाराम ने बात किया पर आवाज साफ नहीं आयी, तो वापिस कॉल किया तो मुल्जिमान प्रेमाराम व जेठ पुसाराम ने फोन पर उसे गालियां निकाली व धमकाया। उस समय फोन में उसकी सास व मौसेर सास चुकी देवी की आवाज भी आ रही थी, वह भी गालियां निकाल रही थी, साथ ही बच्चों के रोने की आवाजें आ रही थी। इसकी रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।

बिना पीहर पक्ष के आए व सहमति के बिना पुलिस ने करवाया पोस्टमार्टम

इस्तगासे के अनुसार इसके बाद 24 जुलाई को सुबह करीब 9.30 बजे उसकी बहन के ससुराल से फोन आया कि भाभी पानी लेने कुण्ड पर गई व पानी निकालते वक्त कुण्ड में गिर जाने से खत्म हो गई है। यह कहकर फोन काट दिया। तब वह हसन से बैंगलोर फ्लाईट के लिए गया, जहां पहुंचते ही उसके पास घर से फोन आया कि हम लोगों को बिना बुलाये ही व पीहर पक्ष के पहुंचने से पहले ही उसकी बहन का पोस्टमार्टम करवाकर आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया। फिर मुस्तगीस ने पुलिस को फोन किया तो कहा कि कार्यवाही कर रहे हैं। फिर मुस्तगीस फ्लाईट कैंसिल कर ट्रेन से आया व आने पर पता चला कि मुल्जिम पति प्रेमाराम व जेठ पुसाराम, ससुर रामदेवा राम व सास व मौसेरी सास व दो-तीन अन्य ने मुस्तगीस की बहन के साथ मारपीट कर उसे कुण्ड में गिराकर हत्या कर दी।

भानजा-भानजियों से मिलने से रोका और धमकियां दी

इस्तगासे में बताया गया है कि उसने सोचा कि पुलिस हॉस्पीटल में आ गई थी और पोस्टमार्टम भी करवा दिया था तथा उसे आश्वासन दिया था कि कार्यवाही चल रही है, लेकिन अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। यहां तक कि उसके (मृतका के भाई के) बयान भी नहीं लिए गए।मुल्जिमान खुले घूम रहे हैं। अब अंदेशा है कि ये मुलजिम लोग उसके भाणजा-भाणजियों को भी मार देगें। मुल्जिमान बदमाश प्रवृति के हैं और उसे अपने भाणजा भाणजियों से मिलने भी नहीं मिलने दे रहे हैं। वे लोग धमकियां दे रहे हैं कि कोई कार्यवाही की तो परिवार सहित जान से मार देंगे।

पुलिस के असहयोग पर ली न्यायालय की शरण

उसने आरोप लगाया है कि उसने घटना की रिपोर्ट 3 सितम्बर को पुलिस थाना लाडनूं में दी, लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। उसने फिर रिपोर्ट को पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर्ड डाक से भेजा, रिपोर्ट भेजी, लेकिन फिर भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई, तब जाकर न्यायालय में इस्तगासा पेश किया गया। न्यायालय के आदेश के बाद लाडनूं पुलिस ने रिपोर्ट पर धारा 115 (2), 352, 240, 61 (2), 103 (1) बीएनएस के तहत दर्ज कर जांच शुरू की है। मामले की जांच थानाधिकारी राजेश कुमार डूडी पुलिस निरीक्षक द्वारा की जा रही है।

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