लाडनूं शहर में बूढ़ों, बच्चों और महिलाओं की शामत?
जारी है सांडों का विचरण, भिडंत और लोगों को चपेट में लेने का सिलसिला, महिला को रौंदने के बाद फिर एक वृद्ध आया चपेट में,
लोगों को इंतजार- कब चेतेगा प्रशासन लाडनूं का??
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। ‘कलम कला’ की लगातार चेतावनियों और बेसहारा गौवंश की व्यवस्थाओं के लिए बार-बार आगाह किए जाने के बावजूद नगरपालिका और स्थानीय प्रशासन ने कोई गौर नहीं किया और सोमवार को फिर एक वृद्ध उनकी चपेट में आकर घायल हो गया। सोमवार को सुबह करीब 10 बजे बस स्टेंड पर घूम रहे एक सांड ने इस वृद्ध को अपनी चपेट में ले लिया। तेली रोड निवासी वृद्ध अयूब को आसपास के लोगों ने तत्काल यहां राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया, जहां उसका उपचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि दो दिन पूर्व बस स्टेंड पर शनि मंदिर से लौट रही एक महिला को भी सांड ने रौंद डाला था। महिला को भी लोगों ने तत्काल अस्पताल पहुंचाया। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में आएदिन कोई न कोई घटना सांड द्वारा घायल करने की हो जाती है। आम लोगों द्वारा नगरपालिका और प्रशासन को बार-बार अवगत करवाएं जाने के बावजूद इस समस्या के हल के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
सैंकड़ों सांडों का आखिर क्या उपाय होगा
शहर में सैंकड़ों की संख्या में सांड मौजूद हैं। नगर पालिका के अध्यक्ष रावत खां का कहना है कि अज्ञात लोग बाहर से रात के समय पिकअप भर कर लाते हैं और चुपचाप शहर में सांड छोड़कर चले जाते हैं। इस हकीकत को और भी काफी लोग बताते हैं। कुछ भी हो, लेकिन समस्या का समाधान तो निकालना जरूरी है ही। लोग कब तक घायल और चोटिल होते रहेंगे। शहर के सभी क्षेत्रों में सांडों के झुंडों का विचरण, भिड़ंत और लोगों को चपेट में लेने का सिलसिला जारी है। प्रशासन शांत है, जनता भयभीत और चिन्तित हैं। बूढ़ों, बच्चों और महिलाओं की शामत है। आखिर कब चेतेगा लाडनूं का प्रशासन? सबको इंतजार है…….!!