कुंवर नटवर सिंह चौधरी राजस्थानी के हित चिंतक थे – कविया
डेह (रिपोर्ट- पवन पहाड़िया)। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के संस्थापक एवं वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मण दान कविया ने भारत के पूर्व विदेश मंत्री व कांग्रेस के कद्दावर नेता कुंवर नटवर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें राजस्थानी का हित चिंतक बताया है। कविया ने अपने शोकोद्गार में कहा कि कुंवर नटवर सिंह भारतीय राजनीति में चार दशक तक छाये रहे। वो आज के सांसदों की तरह गिरी हुई एवं नीची सोच वाले नहीं थे। उनके जहन में राष्ट्र हमेशा सर्वोपरि रहा। वो सच्चे भारत भक्त थे। कविया ने कहा कि हालांकि उनकी मातृभाषा ब्रज थी, लेकिन राजस्थानी भाषा को विधानसभा में सर्वसम्मति से मान्यता का संकल्प पारित कराने में अहम भूमिका निभाई। कविया ने बताया कि मेरा उनसे मिलना कर्नल सोनाराम चौधरी के साथ उनके आवास पर हुआ। मेरे आग्रह एवं अनुरोध पर उन्होंने हरिसिंह महुआ और हरिसिंह कुम्हेर जो उस समय गहलोत सरकार में मंत्री थे, उनको राजस्थानी के पक्ष में रहने का आदेश देकर 25 अगस्त 2003 को राजस्थान विधानसभा में सर्वसम्मति से राजस्थानी भाषा की मान्यता का संकल्प पारित कराने का श्रेय एवं प्रेय कार्य किया था।