लाडनूं नगर पालिका ने जारी किया पट्टे पर पट्टा, फर्जी साक्ष्यों के आधार पर पट्टा जारी किया,
लाडनूं ठिकाने का पट्टा सम्वत् 1993 वि. में जारी हुआ था, जमीन पर 13 फरवरी 2014 का न्यायालय का स्टे-आर्डर था, फिर भी नगर पालिका ने 23 मई 2023 को दे डाला अन्य व्यक्ति को दूसरा पट्टा
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। नगर पालिका द्वारा बनाए जा रहे पट्टों में धांधली बरते जाने और लाडनूं शहर में आबादी के पट्टे की स्वामित्व की कब्जासुदा जमीन पर नगर पालिका ने किसी अन्य व्यक्ति के नाम से फर्जी तरीकों को आधार मानते हुए एक और पट्टा जारी करने का मामला सामने आया है। इस मामले में पट्टा पत्रावली के आवेदक ने नगर पालिका को पूरी तरह से अंधेरे में रख कर तथ्यों को छिपा कर बदनियति पूर्वक गलत साक्ष्य निर्मित करके इस पट्टे को जारी करवाया और अब जमीन को खुर्दबुर्द करने की फिराक में है।
यह है पूरा मामला
इस बारे में जितेन्द्र कलाल पुत्र प्रभुदयाल कलाल निवासी खटीकों का बास, लाडनूं ने नगर पालिका लाडनूं के अधिशाषी अधिकारी को पत्र देकर नगरपालिका के पट्टा क्रमांक 1071 दिनांक 06.12.2022 जारी करने की दिनांक 23.05.2023 की क्रियाविति को रूकवाने व अवैध निर्माण रूकवाते हुए इस पट्टे को खारिज करवाने की मांग की है। कलाल ने अपने पत्र में बताया है कि उसका एक पुराना पट्टा सुदा पैतृक प्लाट खटीक बस्ती छींपों का मौहल्ला लाडनूं में वार्ड सं. 15 में दर्जियों के मोहल्ले के पास है। जिसके पड़ौस में उनके ही परिवार की जमीनें हैं। केवल पश्चिम में सदीक छींपा का मकान का है। इस भूमि का पट्टा ठाकुर राज बाल सिंह द्वारा सम्वत 1993 आसाढ सुदी 15 का उसके पूर्वजों दाना बेटा भुरा के नाम से संयुक्त पट्टा जारी किया हुआ है। अपनी इस भूमि का बंटवारा करके दानमल ने अपने पुत्र लक्ष्मीनारायण को दी थी तथा लक्ष्मीनारायण ने अपने भाई बन्नालाल को अपने हिस्से में आई भूमि विक्रय कर दी व बन्ना लाल के एक मात्र पुत्र प्रभुदयाल ने भाईबंट में आई इस भूमि को लूणचंद को विक्रय कर दिया। इस प्रकार इस भूमि का स्वामित्व जितेन्द्र कलाल के चचेरे भाई लूणचन्द को प्राप्त है।
दस्तावेजों की कूटरचना की और वास्तविक साक्ष्यों को छिपाया
सम्वत 1993 में जारी पट्टे के उपरान्त भी रफीक छींपा पुत्र हनीफ छींपा व ईकबाल छींपा पुत्र लाल मोहम्मद छींपा ने नगरपालिका मण्डल लाडनूं से झूठे फर्जी दस्तावेजातों की कूटरचना करके प्रशासन शहरो के संग अभियान में इस प्लाट के लिए 23 मई 2023 को फर्जी पट्टा अपने ईकबाल छींपा पुत्र लाल मोहम्मद के नाम से जारी करवा लिया। इस प्रकार पट्टे पर पट्टा जारी करवाया जाना कानूनन गलत है। इकबाल छींपा को इस भूमि पर पूर्व में बने हुये पट्टे की जानकारी भलीभांति होने के उपरान्त भी उसने कूटचित दस्तावेजातों को तैयार करके सांठ-गांठ पूर्वक फर्जी पट्टा संख्या 1071 दिनांक 06.12.2022 को 23 मई 2023 को जारी करवा लिया।
न्यायालय में वाद होने एवं ताफैसला स्थगन आदेश के बावजूद किया फर्जीवाड़ा
रफीक छिपा व शिकायतकर्ता जितेन्द्र कलाल के चाचा लूणचंद के बीच अपर मुख्य न्याययिक मजिस्ट्रेट लाडनूं के समक्ष मुकदमा नम्बर 29/2012 बअनुवान लूणचंद बनाम रफीक चल रहा था, जिसे उसने छिपाया और इसमें न्यायालय में 20.06.2012 को स्टे हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में न्यायालय ने दिनांक 19.07.2013 को लूणचंद के पक्ष में अन्तरिम अस्थाई निषेधाज्ञा जारी कर दी थी। इस पर दोनो पक्षकारान की आपसी सहमति भी थी। उसके पश्चात न्यायालय ने विधिवत सुनवाई करते हुये दिनांक 13.02.2014 को प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए इस विवादित प्लाट पर स्टे/स्थगन आदेश को अप्रार्थीगण पर ताफैसला मूल वाद विवादित जायेगा का विक्रय पंजीयन स्वयं करने या किसी से करवाने, विवादित जायेगा से प्रार्थी को बेदखल न तो स्वयं करने एवं ना किसी अन्य से करवाने के लिए पाबंद भी किया गया। इन सब तथ्यों को पूरी तरह से जानबूझ कर षड्यंत्रपूर्वक छिपाते हुए रफीक व इकबाल छींपा ने गुपचुप रूप से कर्मचारियों आदि से सांठ-गांठ करके दिनांक 23.05.2023 को यह फर्जी पटटा जारी करवाया लिया। इस प्रकरण से सम्बन्धित मूल अन्तिम निर्णय दिनांक 12.02.2024 को हुआ है। इससे पहले ही इन लोगों ने पुराने पट्टे के बिना सरेंडर हुए ही पट्टे पर नया पट्टा फर्जी तरीके से बनवा लिया। पत्र में मांग की गई है कि इकबाल छींपा के पक्ष में जारी पट्टा संख्या संख्या 1071 दिनांक 06.12.2022 को खारिज किया जावे तथा इस पट्टा को लेकर हर प्रकार की क्रियान्विति रूकवाई जाए एवं अवैध निर्माण रूकवाया जावे।