लाडनूंः दहेज को लेकर महिला अत्याचार का मामला-
प्रताड़नाएं सहन करती युवती से आखिर परिवारजनों ने दिलाई पुलिस को रिपोर्ट
लाडनूं (kalamkala.in)। दहेज की मांग को लेकर महिला पर अत्याचार का एक मामला यहां पुलिस के सामने आया है, जिसकी जांच चल रही है। तहसील के ग्राम शिमला निवासी मोतीराम चौधरी की पुत्री किरण चौधरी को तरह-तरह से मारने के प्रयास करने आदि के आरोपों के साथ एक रिपोर्ट स्थानीय पुलिस ने उसके ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ दहेज की मांग करने एवं महिला को प्रताड़ित करने के सम्बंध में धारा 498ए, 406 आईपीसी के तहत दर्ज की है। इस मामले में पीड़िता की रिपोर्ट पर पुलिस ने महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र में परिवादिनी किरण चौधरी को बुलाया और दूसरे आरोपी पक्ष रवि दुलड़ जाट वगैरह को बार-बार बुलाया। इसमें किरण तो उपस्थित रही, लेकिन आरोपी पक्ष से कोई उपस्थित नहीं हुआ और कोई सन्तोषजनक जवाब भी नहीं दिया। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। मामले की जांच सीआई राजेश कुमार डूडी कर रहे हैं।
शादी के बाद से ही करने लगे तंग व परेशान
पीड़िता विवाहिता किरण चौधरी (31) पुत्री मोतीराम चैधरी जाति जाट हाल निवासी शिमला तहसील लाडनूं ने अपनी व्यथा-कथा की रिपोर्ट अभियुक्तों पति रवि दुलड़ पुत्र सुजीत दुलड, श्वसुर सुजीत दुलड़ पुत्र देबुलाल दुलड़, सास सुनीता पत्नी सुजीत दुलड़, देवर राहुल दुलड़ पुत्र सुजीत दुलड़, प्रिया दुलड़ पुत्री बिनोद बुलड, सुमित्रा दुलड़ पनि विनोद दूलड़ सभी जाति जाट निवासी जयसिंहपुरा पुलिस थाना मण्डावा जिला झुझुंनूं के खिलाफ स्थानीय पुलिस को दी है। इसमें बताया है कि उसकी शादी रवि दुलड़ के साथ 20 जनवरी 2024 को शिमला गांव में हुई थी। शादी के बाद से ही उसका पति शादी में दहेज का सामान कम लाने व सामान खराब क्वालिटी का लाने के ताने कसने लगा। इसी प्रकार अभियुक्त सास, श्वसुर आदि सभी भी उसे ताना मारते हुए कहा कि यदि हम अपने पुत्र व भाई का विवाह किसी अन्य स्थान या किसी अन्य लड़की से करते तो हमें और अधिक दहेज का सामान अच्छा मिलता। लेकिन तुमने और तुम्हारे परिवार वालों ने हमारी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पीड़िता उन्हें बताती कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी तथा माता वृद्ध है। उसने अपनी हैसियत से अधिक सामान दिया है, अब ओर अधिक वे नहीं दे सकती। पीड़िता तब तक अपने सुसराल रहती, तब तक सभी अभियुक्त उसे दहेज व नगदी की मांग को लेकर तंग परेशान करते और बिना किसी बात के परिवादीयां के साथ लडाई-झगडा करने उतारू रहते। पीड़िता यह सोच कर सब कुछ सहती रही कि कुछ दिन बाद अभियुक्तगण के स्वभाव में परिर्वतन आ जायेगा, लेकिन अभियुक्तगण के स्वभाव में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं आया और जैसे-जैसे दिन बीतते गये उनका स्वभाव और ज्यादा खराब हो गया।
पांच लाख व कार रूपए की मांग की और स्कूटी व रूपए भी लिए
पीड़िता के ससुर सुजीत दुलड़ ने उससे बार-बार अपने पुत्र को नगदी 5 लाख रूपये दिलाने की मांग की, क्यांेकि उन्हें दहेज का सामान व नगद रूपए कम दिएगए। दूसरी तरफ पीड़िता का पति रवि दुलड़ उसे शक की नजर से देखता और बात-बात पर गाली-गलौच कर मारपीट करने पर उतारु रहता। इन सभी अभियुक्तों ने मिली कर पीड़िता किरण को रसोई में बन्द करके गैस सिलेन्डर लीक करके मारने की भी कुचेष्टा की। उन्होंने उसे अपने परिवारवालों से 5 लाख रूपए दिलाने की मांग की और कहा कि अन्यथा उसके लिये इस घर में कोई जगह नहीं है। पीड़िता ने आखिर यह बात अपने पीहर आकर घर वालों को बताई तो पीड़िता के भाई व अन्य लोगों ने उसके पति, सास ससुर व परिवार के सदस्यों से बात की और समझाने का प्रयास किया। लेकिन अभियुक्तगण एक गाडी व नगदी रुपये नहीं देने पर पीड़िता को अपने घर नहीं रखने पर अड़े रहे। तब मजबूरन उसके पीहर वालों ने ससुरालियों को एक स्कूटी और करीब 3-4 लाख रुपये नगदी दे दिये। इसके कुछ दिनों तक तो वे लोग शांत हो गए, लेकिन बाद में फिर दहेज व नगदी की मांग दोहराने लगे। विरोध करने पर उसके साथ गाली-गलौच कर मारपीट पर उतारू हो गए। वे सब उसे बार-बार अपने परिवारवालो से कह कर 5 लाख रूपये और दिलाने की मांग करने लगे।
मार डालने तक की कोशिश
पीड़िता का पति अपने काम से कहीं बाहर जाता तो वह उसे भी साथ लेकर जाता और उसे अपनी गाड़ी में ही रखता तथा उसका मोबाईल अपने साथ ले जाता और गाडी को लॉक करके उसे उसमें बंद कर जाता। उसका पति आदतन शराबी है और गाड़ी में बंद करके वह शराब पीकर लौटता और आकर उसके साथ गाली-गलौज व मारपीट करने लगता तथा जान से मारने पर उतारू हो जाता। उसका पति कई बार उसे जान से मारने की कोशिश में जहर की दवाईयां तक दी। इस कारण उसकी हालत बिगड़ने से वह मरने की हालत में हॉस्पीटल में भर्ती रहती थी। इस प्रकार उसे लगातार सभी अभियुक्त मिलकर दहेज व नगद रूपयों की मांग को लेकर मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते रहते थे। उसका पति कई बार शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार भी हुआ। फिर भी उस पर कोई विश्वास नहीं हुआ और वह शराब पीकर गाली-गलौज करते हुए नगदी रूपयों की मांग करता और तंग व परेशान करता। मारपीट करने पर उतारु रहता। पीड़िता को रात को 3-3 घण्टे कमरे से बाहर निकाल कर मारपीट करता तथा उसे खाना तक नहीं देता। कई बार उसे रात को गाड़ी में ही छोड़ कर बाहर से लॉक कर देता। तब वह पूरी रात बिना कुछ खाए-पीए गाड़ी में बंद रहती।
देवर पर लगाया गलत हरकतों का आरोप
पीड़िता का देवर अभियुक्त राहुल मौका पाकर उसका हाथ पकड़ लेता और उसके साथ अश्लील हरकतें करने लगाता। वह कहता कि भईया तुझे रखेंगे नहीं तू मेरी पत्नी बनके रह जा। इस बात का विरोध करने पर वह और अन्य सभी अभियुक्त उसके साथ मारपीट करते और कहते, तुम्हे इसके साथ रहना है तो रह जाओ। तुम्हारा पति तुमको नहीं रखेगा। सास, ससुर, देवर के अलावा अन्य अभियुक्तों ने उसके साथ गाली-गलौच करते हुए उसे जमीन पर पटककर उसके बाल काट दिये। इन सभी अभियुक्तगण के व्यवहार से वह इतनी डर गई कि उसने अपने ससुराल वालों की बात तक किसी को नहीं बता पाई। पीड़िता किरण चौधरी ने अपनी रिपोर्ट में इसी तरह की घटनाओं का वृतांत को बताते हुए अभियुक्तों पर लगातार दहेज व नगदी की मांग को लेकर गाली-गलौच करने, मारपीट करने, घर से निकाल देने, उसका स्त्रीधन हड़प लेने व मांगने पर भी वापस नहीं लौटाने, उसे व उसके परिवार वालों को फोन पर धमकियां देने आदि के आरोप लगाए है। और बताया है कि अभिुक्त कहते हैं कि उनकी मांग पूरी नहीं होने तक उसे घर में नहीं रखेंगे और उसकी व उसके परिवार की जिन्दगी खराब कर देंगे। उनसे जो होता है कर लें, उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, उनकर पहुंच बहुत ऊपर तक है। वह इस सबसे बुरी तरह से डर कर मानसिक तनाव में रहने लगी और किसी को कुछ भी नहीं बता पाई। बाद में वह अपने भाई राजू के पास हैदराबाद चली गई और वहां भी वह गुमसुम रहने लगी। पीड़िता की दादी का देहान्त 5 दिसम्बर को हुआ तो उसके सारे परिवारजन व रिश्तेदार इक्कठे हुए, उन सबने गुमसुम रहने को लेकर उससे पूछताछ की। परिवारजन ने उसे समझाकर व तसल्ली दिला कर सारी बात पूछी तब उसने सारा वृतांत बताया। इसके बाद उसके भाई ने साथ आकर यह रिपोर्ट पुलिस को दिलाई।