लाडनूं में डम्पिंग यार्ड के बाहर बन गए कचरे के टीले, चारों तरफ बिखरा कचरा घरों में कर रहा लोगों का खाना-पीना खराब,
बनी हुई है कड़े कदम उठाए जाने की जरूरत
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। यहां हाईवे के पास पुरानी राती खान के डम्पिंग यार्ड के आसपास बसे लोगों का जीना हराम हो चुका है। उनके घरों तक नगर पालिका ने कचरे के ढेर लगा डाले हैं। चारों तरफ प्लास्टिक की प्रतिबंधित कैरी बेग्स और अन्य बदबूदार कचरा दिन भर हवा के साथ उड़-उड़ कर घरों में आता है। उन लोगों का खाना-पीना और रहना-सोना तक दूभर हो चुका है। इस स्थिति को लेकर अनेक पार्षदों और नागरिकों ने नगर पालिका और प्रशासन को बहुत बार सूचित भी किया, परन्तु किसी ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया। पार्षद यशपाल आर्य और पूर्व पार्षद विजयलक्ष्मी आर्य के अलावा रामेश्वर शर्मा, हनुमान शर्मा, सुरेश खींची आदि ने इसके लिए अधिकारियों को लिखा था और मौका भी दिखाया था, लेकिन स्थिति बदल नहीं पाई। हालात इतने अधिक बिगड़ चुके हैं किडम्पिंग यार्ड (खान) के किनारों पर तो कचरे के टीले खड़े हो चुके। नगरपालिका को जेसीबी मशीन लगा कर बाहर पड़ा सारा कचरा खान के अंदर डलवाना चाहिए। आस पास के क्षेत्र की नियमित सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि वहां कचरा और गंदगी एकत्र नहीं होने पाए।
पाबंद किया जाए ऑटो टीपर चालकों व ठेकेदारों को
लाडनूं का सारे शहर का कचरा नगर पालिका के ऑटो टीपर सभी वार्डों से घर-घर जाकर संग्रहित करके लाडनूं के दक्षिण तरफ बने डम्पिंग यार्ड में ले जाकर डाला जाने का सिस्टम है। लेकिन, यह सिस्टम इन आटो टीपर्स के ड्राइवरों ने पूरा बिगाड़ कर रख छोड़ा है। डम्पिंग यार्ड के रूप में पत्थर की बंद हो चुकी राती-खान का नगर पालिका को कचरा डालने के लिए किया हुआ है। इस खान की गहराई तक रास्ता बना होने के बावजूद कोई भी आटो टीपर वाला वहां तक जाकर कचरा डम्पिंग यार्ड में नहीं डालता, अपितु खान के बाहर आम रास्ते और आस पास की बस्ती में बने मकानों के ईर्द गिर्द ही डाल कर भाग जाते हैं। ऐसे सभी आटो टीपर चालकों और ठेकेदारों को पाबंद किया जाना चाहिए और अवज्ञा करने पर उन्हें उसी समय हटाने की व्यवस्था होनी चाहिए।