लाडनूं में समर्थन मूल्य तुलाई केन्द्र द्वारा किसानों के साथ खुली नाइंसाफी,
किसानों ने किसान आयोग के अध्यक्ष सीआर चौधरी को सौंपा ज्ञापन
लाडनूं (kalamkala.in)। लाडनूं में कहने को लाडनूं में कृषि उपज मंडी का समर्थन मूल्य फसल तुलाई केन्द्र खुल गया, लेकिन यह किसानों के हितों का खुला मजाक उड़ाने और उनके लिए परेशानियां पैदा करने वाला साबित हो रहा है। फसल तुलाई के लिए नियमानुसार क्षेत्र के 30 प्रतिशत किसानों की फसल तुलाई की जानी चाहिए, लेकिन लाडनूं में शुरू की गई मूंग की तुलाई में पूरी धांधली बरती गई है। यहां मात्र आधा प्रतिशत किसानों के टोकन काटे गए और उन टोकनों में से भी सिर्फ आधे की मूंग तुलाई की जाकर तुलाई बंद कर दी गई। ऐसे में क्षेत्र के किसानों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। किसानों की मूंग की फसल की तुलाई नहीं होना, किसानों के हितों पर कुठाराघात है। किसानों में इस बात को लेकर भी रोष है कि लाडनूं क्षेत्र व डीडवाना जिला से बाहर के बाड़मेर आदि सुदूर जिलों के किसानों के टोकन निकलना बेहद चिंताजनक है। क्षेत्र के किसानों की पूरी तरह से अवहेलना की जा रही है। इसके साथ क्षेत्र के किसानों की मूंगफली की फसल की तुलाई भी तीन महीने बीत जाने के बाद भी नहीं की जा रही है। यह भी किसानों के हितों को कुचलने वाली बात सामने आई है।
यह बताया गया ज्ञापन में
क्षेत्र के किसानों ने अपनी इन व्यथाओं को लेकर उन्होंने किसान आयोग राजस्थान सरकार के अध्यक्ष सीआर चौधरी को ज्ञापन देकर समर्थन मूल्य पर मूंग तुलाई पुनः चालु करवाने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि लाडनूं तहसील के कुल 2000 के लगभग टोकन जारी किये गये थे, जिनमें से केवल 1000 टोकन की ही तुलाई हो पाई है, शेष पंजीकृत किसानों की तुलाई बंद कर दी गई है। इसलिए शेष सभी पंजीकृत किसानों की मूंग तुलाई पुनः शुरू की जानी चाहिए। साथ ही मूंगफली की फसल की तुलाई भी शुरू करवाई जाए। तुलाई का समय के समाप्त होने को है, जबकि मूंग तुलाई मात्र 50 प्रतिशत की ही हो पाई है और नेफेड/ राजफेड ने तुलाई बंद करने आदेश जारी कर दिए हैं। यह किसानों के साथ नाइंसाफी है। इसलिए सभी किसानों की मांग है कि मूंग व मूंगफली भी खरीद शुरू करवा कर पूर्ण करवाई जाए।
इन सब किसानों ने दिया ज्ञापन
किसान आयोग के अध्यक्ष सीआर चौधरी को ज्ञापन देने वालों में किसान नेता देवाराम पटेल, भगवाना राम चोयल सिकराली, मोतीराम कस्वां मालगांव, नारायण राम ईशरावां मालगांव, गोपाल बीरड़ा सुनारी, महेंद्र खिलेरी निम्बी जोधां, जगदीश गोदारा गैनाणा, चैनाराम गोदारा चूंडासर, लूणाराम रलिया रताऊ, हड़मान सारण बाकलिया, हरिराम ईशरावां, जगदीश ईशरावां मालगांव, भीखाराम खिलेरी हीरावती, चैनाराम सांडास, रामनिवास ढाका चन्द्रभान आदि शामिल थे।