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प्रगति के लिए शांति व्यवस्था जरूरी और शांति कायम रखना पुलिस का दायित्व- डीएसपी विक्की नागपाल, अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

प्रगति के लिए शांति व्यवस्था जरूरी और शांति कायम रखना पुलिस का दायित्व- डीएसपी विक्की नागपाल,

अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस पर कार्यक्रम आयोजित

लाडनूं (kalamkala.in)। अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस के अवसर पर जैन विश्वभारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पुलिस उप अधीक्षक विक्की नागपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि समाज में शांति व्यवस्था रहने पर ही प्रगति संभव है। शांति और प्रगति से ही मानव कल्याण को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने पुलिस व्यवस्था को समाज में शांति बनाए रखने वाली व्यवस्था बताया और कहा कि पुलिस प्रशासन का प्रमुख दायित्व ही शांति कायम रखने का है। इसके लिए पुलिस प्रशासन सदैव सजग और सक्रिय रहता है। उन्होंने पुलिस महकमे में गठित की जाने वाली शांति समिति के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि समाज में शांति स्थापना करने एवं शांति बनाए रखने के लिए शांति समिति महत्वपूर्ण आधार होती है। इन समितियों के माध्यम से समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखने में काफी सहयोग मिलता है।

शांति के भाव समाहित करने जरूरी 

कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. बलबीर सिंह चारण ने कहा कि शांति एवं अशांति मानव स्वभाव के दो सहज लक्षण हैं। यदि अपने विचारों में प्रत्येक मनुष्य शांति बनाए रखने का भाव समाहित कर ले, तो व्यक्तिगत स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक शांति बनाए रखना सहज एवं आसान हो जाता है। सह-अस्तित्व के भाव को समाज का हर व्यक्ति स्वीकार कर ले तो हिंसा के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। विभाग की छात्रा जीनत बानो ने भी अपने शांति दिवस पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के प्रारम्भ में डा. रविन्द्र सिंह राठौड़ ने स्वागत वक्तव्य व विषय प्रवर्तन प्रस्तुत करते हुए अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मनाए जाने के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला तथा विश्व शांति की दिशा में किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर शांति स्थापित करने के लिए बनाए गए संगठनों का उल्लेख भी किया।

खुद से शुरू करें शांति के प्रयास 

अहिंसा एवं शांति विभाग की छात्राओं टीना, मुस्कान एवं सारा ने प्रारम्भ में मंगल-संगान प्रस्तुत किया। विभाग की सहायक आचार्या डॉ. लिपि जैन ने अंत में आभार व्यक्त करते हुए कहा कि व्यक्ति को स्वयं से शांति स्थापित करने का प्रयास शुरू करना चाहिए। यदि प्रत्येक व्यक्ति इस दिशा में अग्रसर होगा, तो स्वत: ही समाज में शांति को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम का संचालन विभाग के विद्यार्थी नरेंद्र सिंह राठौड़ ने किया। इस अवसर पर संस्थान के सभी संकाय सदस्य, शोधार्थी एवं विद्यार्थी 80 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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