ख्यातनाम साहित्यकार डा. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’ को राष्ट्रीय राजस्थानी भाषा पुरस्कार, 2024 की घोषणा,
ज्ञानभारती संस्थान कोटा द्वारा 24 नवम्बर को आयोज्य भव्य समारोह में दिया जाएगा पुरस्कार
लाडनूं/ डेह (पवन कुमार पहाड़िया, डेह)। राजस्थानी भाषा के वरिष्ठ कवि, निबंधकार, समालोचक, संपादक एवं अुनवादक डॉ. गजादान चारण को ज्ञानभारती संस्थान कोटा की ओर से वर्ष 2024 के ‘गौरीशंकर कमलेश राजस्थानी भाषा पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा। यह घोषणा ज्ञानभारती संस्थान कोटा की अध्यक्ष वीणा शर्मा ने की। यह राष्ट्रीय राजस्थानी भाषा पुरस्कार, 2024 डॉ. गजादान चारण शक्तिसुत’ को आगामी 24 नवम्बर को ज्ञानभारती संस्थान कोटा द्वारा आयोज्य भव्य समारोह में प्रदान किया जाएगा।
संस्थान के सचिव सुरेन्द्र शर्मा ने बताया कि राजस्थानी के ख्यातनाम साहित्यकार गौरीशंकर कमलेश की याद में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर का राजस्थानी भाषा पुरस्कार ऐसे साहित्यकार को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने अपनी लेखनी की धार से राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं समाज का गौरव बढ़ाया है। पुरस्कार आयोजन समिति सचिव वरिष्ठ साहित्यकार जितेन्द्र निर्मोही ने बताया कि डॉ. चारण को यह पुरस्कार उनकी चर्चित राजस्थानी निबंध कृति ‘राजस्थानी साहित्य : साख अर संवेदना’ के लिए दिया जाएगा। इस कृति में राजस्थान की संस्कृति, प्रकृति, जीवनमूल्य, आदर्श, आस्था, विश्वास, लोकजीवन एवं मायड़भाषा राजस्थानी के गीतों-छंदों की लळक-रळक से जुड़े 10 निबंध सम्मिलित हैं, जो आम से खास हर राजस्थानी भाषा-भाषी को गर्व की अनुभूति करवाने वाले हैं।
पुरस्कार आयोजन समिति के संयोजक नहुष व्यास ने बताया कि डॉ. चारण की अब तक कुल 22 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी कृतियों को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं विश्वविद्यालय स्तर पर पाठ्यक्रमों में सम्मिलित किया गया है। हाल ही में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत विश्वविद्यालय स्तर पर राजस्थानी भाषा दक्षता विकास हेतु आपने ‘बानगी’ नाम से पुस्तक लिखी है, जो कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी है।
डॉ. चारण के नाम हुई इस घोषणा का नागौर-डीडवाना राजस्थानी साहित्यकार समाज ने स्वागत करते हुए उन्हें हार्दिक बधाइयां दीं तथा निर्णायक मंडल का आभार जताया। नागौर के वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मणदान कविया, पवन पहाड़िया, सुखदेवसिंह गाडण, सुरेन्द्र कागट, प्रहलादसिंह झोरड़ा, सत्यपाल सांदू, गजेन्द्र गांधी, जहांगीर रहमान कुरैशी, विनोद सेन, कैलाश सोलंकी, सुरेन्द्र सोनी, सांवलदान कविया, गोविंद सिंह खेण, फतूराम छाबा, जगदीश यायावर आदि ने बधाइयां देते हुए खुशियां जताई।