सीवरेज के कार्य में सड़कें तोड़ कर छोड़ दी, रुडीप अधिकारियों ने नहीं ली दो-दो सालों से सुध,
वाहन चालक और राहगीर हुए परेशान, शिकायतों का कोई असर नहीं
अबू बकर बल्खी, पत्रकार। लाडनूं (kalamkala.in)। शहर में रुडीप अधिकारियों की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहाँ सिवरेज लाईन बिछाने के दौरान तोड़ी गई अनेक सड़कें पिछले दो-दो सालों से अधूरी पड़ी है, जिसकी आज तक अधिकारियों व कर्मचारियों ने कोई सुध नहीं ली है। वार्ड सं. 38 और 25 में टूटी सड़कों की स्थिति से लोग बहुत परेशान हैं। उपखंड कार्यालय से महज दो सौ मीटर की दूरी पर शहर के वार्ड सं. 38, पुरानी ऊन मिल के सामने के सद्दीक नगर में सीवरेज कार्य फरवरी 2023 में पूर्ण किया गया था। इसके बाद यहां सीवरेज कनेक्शन भी जोड़े गए। यहाँ सीवरेज लाइन डालने के लिए उस दौरान यहां नगरपालिका द्वारा बनाई गई सड़क को तोड़ा गया, फिर चैंबर व कनेक्शन जोड़ने का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया और फिर उसको करीब दो साल का समय बीतने को है। मगर, एलएनटी कार्मिकों ने दो बार सड़क पर कंकरी व रोड़ी बिछाई और उसे हर बार अधूरा छोड़ दिया गया। फिर उसकी वापस कोई सुध लेने नहीं आता। इस सम्बन्ध में वार्ड सं. 38 के निवासी अब्दुल हमीद, मोहम्मद रफीक, इमरान, मोहम्मद खालिद, उस्मान सोलंकी आदि ने बताया कि बाईपास से उपखंड कार्यालय व पुलिस थाना को जोड़ने वाली इस मुख्य सड़क को सीवरेज के नाम पर तोड़े हुए करीब दो साल पूरे होने को है, मगर विभाग के जिम्मेदारों ने काम पूरा होने के बाद वापस यहां आकर झाँकना तक गवारा नहीं किया। इस बारे में अनेकों बार रुडीप के अधिकारियों को मौखिक व लिखित में अवगत करवाया गया, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। जब संपर्क पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई गई तो ठेकेदार के कर्मचारी यहां कंकरी बिछाकर इतिश्री कर चले गये। जिसके चलते अब हालात पहले से बदतर हो गए, यहां कंकरी पर राहगीरों का गुजरना दूभर हो गया है।
वार्ड संख्या 25 में भी हैं ऐसे ही हालात
लगभग इसी प्रकार के हालात वार्ड सं. 25 में भी बने हुए हैं। यहां भी करीब दो साल से सिवरेज लाईन के नाम पर थोड़ी गई विभिन्न सड़कें वापस न तो सही की गई और न दुबारा बनाई गई। यहां भी सिवरेज का काम पूरा हो चुका, लेकिन अधिकारी इसकी कोई सुध नहीं लेते। इन सड़कों पर बने गड्ढों के कारण वाहनों और राहगीरों का गुजरना तक मुश्किल गया है। पार्षद सुमित्रा आर्य ने बताया कि इंजीनियर भावेश और अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को अनेक बार इस हालत से अवगत करवाया जा चुका और दो बार मौका भी दिखाया गया, लेकिन सिवाय आश्वासनों के कुछ भी नहीं हुआ। एलएंडटी कम्पनी की लेबर नहीं रहती, कभी कुछ और हो जाता है। बहाने हजार हैं, लेकिन काम नहीं हो रहा। इसी प्रकार शहर के अन्य हिस्सों के हालात भी हैं। रूडिप और एल एंड टी को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।