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डीडवाना से कुचामन तक 45 किमी रेल लाईन का सर्वे करवा कर स्वीकृत करवाने की मांग, महिला मोर्चा की वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष आर्य ने लिखा रेलमंत्री को पत्र, गिनाए फायदे

डीडवाना से कुचामन तक 45 किमी रेल लाईन का सर्वे करवा कर स्वीकृत करवाने की मांग,

महिला मोर्चा की वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष आर्य ने लिखा रेलमंत्री को पत्र, गिनाए फायदे

लाडनूं (kalamkala.in)। भाजपा महिला मोर्चा की वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष सुमित्रा आर्य ने रेल मंत्र को पत्र देकर राजस्थान के डीडवाना-कुचामन जिला के मुख्यालय डीडवाना को प्रदेश की राजधानी जयपुर से सीधे रेलसेवा से जोड़े जाने के लिए 45 किमी की रेलवे लाईन स्वीकृत किए जाने की मांग की है। आर्य ने लिखा है कि राज्य का जिला ‘डीडवाना-कुचामन’ के जिला मुख्यालय डीडवाना का लिंक प्रदेश की राजधानी जयपुर से रेलमार्ग से नहीं होने से सभी यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डीडवाना को सीधा जयपुर से रेल-लिंक करने के लिए सिर्फ डीडवाना से कुचामन तक रेलवे लाईन बिछाने की जरूरत है। इस छोटे से टुकड़े के बनते ही इसका सीधा लिंक रेलवे के माध्यम से जयपुर से हो सकेगा। डीडवाना से कुचामनसिटी रेल लाइन की इस नई रेललाईन की दूरी मात्र 45 कि.मी. होगी और इसकी लागत बहुत कम होगी, लेकिन उपयोगिता व रेलवे राजस्व बहुत अधिक होगी।

जयपुर की दूरी 77 किमी घटेगी

सुमित्रा आर्य ने अपने पत्र में बताया है कि डीडवाना से कुचामनसिटी तक की इस रेल-लाईन के बन जाने से इस क्षेत्र के डीडवाना, लाडनूं, सुजानगढ़ तहसीलों, विधानसभा क्षेत्रों व आसपास के सैंकड़ों गांवों के प्रवासियों व निवासियों के आवागमन रेलमार्ग से जयपुर जाने की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी, जो वर्तमान में पूरी तरह से वंचित ही हैं। इन सबका राजधानी जयपुर से सीधा जुड़ाव होने से यह सबके लिए काफी लाभदायक रहेगी। इस रेल-लाइन के बन जाने से डीडवाना से जयपुर तक की दूरी मात्र 151 किमी होगी, जबकि अभी अगर रेल मार्ग से जयपुर जाना हो, तो यहां के लोगों को डेगाना होकर जाना पड़ता है और सीधी रेल सेवा कोई भी उपलब्ध नहीं है। समय का अपव्यय भी इसमें होता, जब दूसरी ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है। डीडवाना से वाया डेगाना होकर जाने से जयपुर की वर्तमान दूरी 228 कि.मी. पड़ती है। इस तरह डीडवाना, लाडनूं, सुजानगढ़ से जयपुर की दूरी में 77 कि.मी. की बचत हो सकेगी।

प्रवासियों को मिलेगा वैकल्पिक मार्ग

आर्य ने अन्य लाभों में लिखा है कि इस नई रेल लाइन के टुकड़े के बनने से बड़ी संख्या में यहां से अन्य प्रदेशों में रहने वाले प्रवासियों को लाभ हो सकेगा। इससे प्रदेश व देश की राजधानियों को जोड़ने का एक और वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध हो जाएगा। साथ ही इस लाइन के बन जाने से कई लंबी दूरी की नई गाड़ियों का संचालन भी संभव हो सकेगा, क्योंकि रिवर्सल की आवश्यकता नहीं रहेगी।

कृषि उत्पाद विपणन सहित मिलेंगे वाणिज्यिक लाभ

इस क्षेत्र के कृषि एवं अन्य उत्पादों को राजधानी से जुड़ कर नया वाणिज्यिक क्षेत्र व लाभ मिल पाएगा। इनमें नमक उत्पादकों, प्याज, जीरा, मूंगफली, इसबगोल, जैतून की खेती करने वाले किसानों व व्यापारियों तथा भुजिया, पापड़, बड़ी, चूरी व खाटा बनाने वाले इस क्षेत्र के विशिष्ट घरेलू व लघु उद्यमियों के लिए यह फायदेमंद साबित होगी। इसके अलावा इलाज के लिए जयपुर आवागमन करने वाले बीमार व्यक्तियों व कर्मचारियों को इसका बहुत लाभ मिल सकेगा। साथ ही इस क्षेत्र के बहुत सारे ऐसे गांवों, जो आजादी के 76 वर्षों के बाद भी जो रेल सेवा से नहीं जुड़ पाए, उनको भी रेल सेवा का लाभ मिल जाएगा।

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