छिपोलाई की जमीन पर वन विभाग की 17 लाख की परियोजना में धांधली का जायजा लिया,
पालिकाध्यक्ष ने जिला वन अधिकारी से वार्ता कर सही काम करने के लिए चेताया
लाडनूं (kalamkala.in)। नगर पालिका की छिपोलाई ताल की विशाल भूमि पर वन विभाग द्वारा संचालित वन प्राणी प्रबंधन फंड (कैम्पा फंड) के तहत जलवायु परिवर्तन एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम में किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण नगर पालिका के चैयरमेन रावत खां ने जिला सतर्कता समिति की पूर्व सदस्या पार्षद सुमित्रा आर्य व जन संघर्ष समिति के संयोजक जगदीश यायावर के साथ मौके पर पहुंच कर किया। उन्होंने मौके पर पाया कि छिपोलाई स्थित नगर पालिका की इस भूमि पर चारों तरफ आसपास के खेत वालों ने कब्जा कर रखा है। उन्होंने पाया कि वन विभाग के कार्मिकों ने सीमा पर तारबंदी करने व मिट्टी की खुदाई करके मेड़बंदी करने के कार्य में बहुत कोताही बरती है और खेतों की सींवों से 20 से 30 फुट दूर जाकर खाई खोद कर मेड़बंदी और तारबंदी की गई है, ताकि खेतों वाले फिर अपनी सीमाओं का विस्तार कर सके। इसी प्रकार वृक्षारोपण के लिए खड्डों की खुदाई, पानी के हौद के निर्माण और झोंपड़ी बनाने के काम में भी भारी धांधली पाई गई।
डीएफओ सुनील चौधरी को हकीकत से किया आगाह
पालिकाध्यक्ष रावत खां ने मौके पर वन रक्षक मनोज चौधरी को बुला कर इस सब के बारे में जानकारी ली तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इस पर जिला वन अधिकारी सुनील चौधरी से बात करके उन्हें स्थिति से अवगत करवाया गया। जिला वन अधिकारी ने पालिकाध्यक्ष पूरे मामले की जांच करवाने और सारा काम नियमानुसार करवाने का भरोसा दिलाया। गौरतलब है कि लाडनूं के छिपोलाई में वन विभाग द्वारा वन प्राणी प्रबंधन फंड (कैम्पा फंड) के तहत जलवायु परिवर्तन एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम में लापरवाही बरती जाने के सम्बंध में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सदस्य एडवोकेट जगदीश सिंह राठौड़ ने वन विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर कार्य की मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों की मिलीभगत से राजस्व राशि के दुरूपयोग के आरोप लगाए थे। उन्होंने करीब 17 लाख रूपयों के खर्च से 40 हैक्टर जमीन में की जा रही 1163 मीटर की दूरी तक तारबंदी और 3400 मीटर में खाई खोदकर मिट्टी की मेडबंदी के कार्य में पूरी तरह लापरवाही बरती जाने एवं इस राजकीय भूमि के समीपस्थ काश्तकारी जमीन के खेत मालिकों को अपनी सींव खिसकाने का अवसर देने का आरोप लगाया था। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए लिखा था कि रेंजर सीमा इनाणिया को अवगत करवाने के बावजूद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। इसके अलावा अनेक पार्षदों ने नगर पालिका के अध्यक्ष रावत खां को शिकायत करते हुए छिपोलाई में वन विभाग द्वारा पौधे लगाने के कार्यक्रम में लापरवाही करने एवं सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा होने की संभावना जताई थी। पार्षद बाबूलाल प्रजापत, मुरलीधर सोनी, बच्छराज नागपुरिया, सुमन खींची, लूणकरण शर्मा, विजयलक्ष्मी पारीक, सुरेन्द्र जांगिड़ आदि ने इस स्थिति को लेकर नाराजगी जाहिर की थी।
इनका कहना है-
तहसीलदार से सीमांकन करवाएंगे
छिपोलाई की भूमि नगरपालिका क्षेत्र की है। वन विभाग इसमें वृक्षारोपण की तैयारियां कर रहा है। इस कार्य का आज मौका देखा, तो काफी गड़बड़ियां पाई गई। जिला वन अधिकारी को काम में लापरवाही नहीं बरतने के लिए चेतावनी दी गई है। इस सम्पूर्ण परिसर का माप करके इसकी सीमाबंदी करने के लिए तहसीलदार को लिखा जाएगा। नगर पालिका इस क्षेत्र की एक इंच जमीन भी किसी को कब्जा नहीं करने देगी।
-रावत खां लाडवाण, अध्यक्ष, नगर पालिका, लाडनूं।
साफ नजर आ रही थी कोताही
पालिकाध्यक्ष रावत खां के साथ हमने आज छिपोलाई क्षेत्र का मौका देखा। योजना के अनुसार प्रस्तावित सभी कामों में कोताही साफ नजर आ रही थी। खेतों के विस्तार की संभावना साफ नजर आ रही थी, खाई खोद कर डोल लगाने के काम में सीमाओं की पूरी अनदेखी की गई है। वन रक्षक मनोज ने हमें बताया कि वे पहले किए गए गलत काम में सुधार करवा रहे हैं। अब किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
-जगदीश यायावर, संयोजक, जन संघर्ष समिति, लाडनूं।
सम्पूर्ण कार्य की नियमित निगरानी जरूरी
लोगों में अतिक्रमण की प्रवृति अधिकारियों और कर्मचारियों की अनदेखी और उपेक्षा के कारण बढ रही है। छिपोलाई में भी वन विभाग के काम में बरती गई लापरवाही से लोगों को अपने खेतों की सीमाओं के विस्तार का अवसर मिलेगा। हमने आज पालिकाध्यक्ष के साथ मौका देख कर पाया कि इस सम्पूर्ण कार्य की नियमित निगरानी जरूरी है ताकि सरकारी फंड का पूर्ण सदुपयोग हो सके और योजना भलीभांति सफल रहे। – सुमित्रा आर्य, पार्षद एवं पूर्व सदस्य, जिला सतर्कता समिति, नागौर।