[the_ad id='90']

Download App from

Follow us on

क्रांतिकारी के साथ महान् विचारक, बेहतरीन शिक्षक व समाज सुधारक थे तिलक- प्रो. त्रिपाठी

लोकमान्य गंगाधर तिलक की 166वीं जयंती मनाई

लाडनूं। जैन विश्व भारती संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत शनिवार को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की जयंती मनाई गई। इस तिलक की 166वीं जयंती कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि एक महान् क्रांतिकारी, महान् विचारक, बेहतरीन शिक्षक एवं समाज सुधारक के रूप में अपनी अनूठी पहचान रखने वाले गरम दल के शीर्षस्थ नेताओं में शुमार लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का जन्म 30 जुलाई 1856 में हुआ था। छात्र जीवन से ही देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत तिलक स्वतंत्र विचारों के धनी थे। उनका यही विचार आगे चलकर ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’ का नारा बना, जिसे समूचे देश ने अंगीकार कर स्वतंत्रता हासिल की। उन्होंने कहा कि तिलक आजादी लेने के बजाए आजादी को हर भारतीय का जन्मसिद्ध अधिकार बताते थे एवं आजादी प्राप्ति हेतु दृढ़ संकल्पित एवं एकनिष्ठ राष्ट्रसेवा का भाव जनमानस के मन में जगाते थे। प्रो. त्रिपाठी ने तिलक द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘गीता रहस्य’ पर भी अपने विचार रखे, साथ ही उनके द्वारा संपादित पत्र ‘मराठा’ एवं ‘केसरी’ की तात्कालिक लोकप्रियता पर प्रकाश डाला। सहायक आचार्य प्रेयस सोनी ने तिलक स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका पर प्रकाश डाला तथा ‘आयु सम्मति कानून, 1991’ से संबंधित तिलक के विचारों को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करते हुए उन्होंने कांग्रेस को एकजुट करने के लिए तिलक के किये गये प्रयासों का वर्णन किया। छात्रा अभिलाषा स्वामी ने लोकमान्य तिलक के प्रेरक जीवन पर अपने विचार रखे। अंत में प्रो. रेखा तिवाड़ी ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन अभिषेक चारण ने किया। कार्यक्रम में डॉ. प्रगति भटनागर, डॉ. बलवीर सिंह, श्वेता खटेड़, देशना चारण, ेअभिषेक शर्मा आदि उपस्थित रहे।

kalamkala
Author: kalamkala

Share this post:

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल

error: Content is protected !!

We use cookies to give you the best experience. Our Policy