माली समाज के आंदोलन को महासभा का समर्थन
लाडनूं। अखिल भारतीय कुशवाहा सैनी महासभा के प्रदेशाध्यक्ष गजानंद सैनी ने कहा है कि माली, सैनी, कुशवाहा आदि नामों वाले पिछड़ समाज को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए उन्हें अलग से आरक्षण दिया जाना जरूरी है। राज्य सरकार को अविलम्ब इस बारे में अध्यादेश जारी करना चाहिए। महासभा की ओर से भरतपुर में आरक्षण समिति द्वारा दिए गए धरने और मांग को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि समय रहते सरकार को सैनी माली समाज के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था कर देनी चाहिए।
कुशवाहा सैनी महासभा के प्रदेश सचिव जगदीश यायावर सैनी ने कहा कि आज माली समाज जाग उठा है। इस समाज को पिछले काफी सालों से ओबीसी वर्ग में अलग-थलग कर दिया गया है। इसका सारा लाभ उच्च जातियों के लोग ले रहे हैं। माली जाति के लोगों को नौकरियों, शिक्षा और राजनीति कहीं भी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है।
अब समानता के लिए अलग से 12 प्रतिशत की व्यवस्था की जानी आवश्यक बन चुकी है। अब समाज द्वारा किसी प्रकार के भेदभाव की राजनीति को सहन नहीं किया जाएगा। अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो भरतपुर से शुरू किया गया आंदोलन पूरे प्रदेश में पांव पसार लेगा।