एनएसएस द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में हुआ 47 यूनिट रक्त का संग्रहण, छात्राओं ने रक्तदान के लिए बढ-चढ कर लिया हिस्सा
एनएसएस द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में हुआ 47 यूनिट रक्त का संग्रहण,
छात्राओं ने रक्तदान के लिए बढ-चढ कर लिया हिस्सा
लाडनूं। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 47 यूनिट रक्तदान किया गया। शिविर का शुभारम्भ करते हुए कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा कि नियमित रूप से रक्तदान करने से आयरन की अतिरिक्त मात्रा नियंत्रित हो जाती है। जो दिल की सेहत के लिए अच्छी है। प्रत्येक व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए, जिससे उसके दिल की सेहत में सुधार, दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। माना जाता है। खून में आयरन की ज्यादा मात्रा दिल के दौरे के खतरे को बढ़ा सकती है। उन्होंने बताया कि कई बार मरीजों के शरीर में खून की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि उन्हें किसी और व्यक्ति से ब्लड लेने की आवश्यकता पड़ जाती है। ऐसी ही इमरजेंसी स्थिति में खून की आपूर्ति के लिए लोगों को रक्तदान करने के लिए आगे आना चाहिए। इससे जरुरतमंद की मदद हो सकेगी। आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में आयोजित इस रक्तदान शिविर में इस अवसर पर विशेषाअधिकारी प्रो. नलिन के. शास्त्री, कुलसचिव प्रो. बीएल जैन, प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, उप कुलसचिव विनीत सुराणा आदि मौजूद रहे। शिविर में एनएसएस की सभी स्वयंसेवी छात्राओं के अलावा आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय एवं शिक्षा विभाग की बीएड व एमएड की छात्राध्यापिकाओं एवं सभी स्नातकोत्तर विभागों के विद्यार्थियों के साथ विश्वविद्यालय के स्टाफ ने भी भाग लेकर रक्तदान किया। शिविर में रक्त संग्रहण के लिए स्थानीय राजकीय चिकित्सालय की ब्लड बैंक टीम ने अपनी सेवाऐं दी, जिनमें एसएमओ डा. पीएस आरोड़ा, नर्सिंग आॅफिसर जयसिंह शेखावत, सुमन मेघवाल व अन्य चिकित्साकर्मियों में नरेन्द्र सिंह, ओमसिंह, धर्मेन्द्र काला, रामचन्द्र बांगड़ा, जितेन्द्र व किशनलाल शामिल थे। शिविर में एनएसएस प्रभारी डा. आभासिंह एवं डा. रविन्द्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में एनएसएस व एनसीसी की छात्राओं ने स्वयंसेवी के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की।