लाडनूं नगर पालिका में आखिर यह क्या हो रहा है?- 9
महात्मा गांधी के नाम पर झूठ का सहारा और निर्माण के लिए फर्जी कार्यादेश देकर किया घोटाला,
सौंदर्यकरण के नाम पर सेल्फी पाॅइंट बनाने में भी भ्रष्टाचार के आरोप, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
लाडनूं (kalamkala.in)। जिन्हें लोग सच्चाई और ईमानदारी के लिए याद करते हैं, उन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन पर हुए काय्र को भी लाडनूं नगर पालिका ने घोटाले की चपेट में ले लिया है। यहां उपखंड कार्यालय के बाहर हाईवे पर सड़क मार्ग के हिस्से में तारबंदी करके बनाई गई गांधी वाटिका और डीडवाना रोड पर पुलिया के पास नगर पालिका द्वारा बनवाए गए ‘आई लव लाडनूं-सेल्फी पाॅइंट’ को लेकर वार्ड सं. 38 के पार्षद संदीप प्रजापत द्वारा जिला कलेक्टर को की गई शिकायत पर जांच शुरू की गई है। संदीप प्रजापत ने बताया कि नगर पालिका लाडनूं में कांग्रेस शासनकाल के दौरान पिछले तीन सालों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ, जिसकी अब धीरे-धीरे शिकायतें हो रही है और घोटाले एक-एक करके सामने आने लगे हैं। इन सबकी जांच होने पर करोड़ों रूपयों के घोटाले जग-जाहिर हो पाएंगे। पार्षद प्रजापत ने बताया कि उसने उपखंड-कार्यालय में बनी गांधी-वाटिका व डीडवाना तिराहे पर बने सेल्फी-पांईट की निविदाओं में हुए घोटाले की शिकायत जिला कलेक्टर डीडवाना को थी, जिसकी जांच जिला कलेक्टर ड ने उपखंड अधिकारी लाडनूं मिथलेश कुमार को सौंप कर उसकी रिपोर्ट मांगी है।
काम पूरा होने के छह माह बाद की टेंडर प्रक्रिया पूरी
प्रजापत ने बताया कि उपरखण्ड कार्यालय लाडनूं में बने गांधी वाटिका का निर्माण व उद्घाटन 2 अक्टूबर 2021 को कर लिया गया था, लेकिन इसकी निविदा का कार्यादेश छह महिनों बाद 28 मार्च 2022 को दिया गया। इसी तरह डीडवाना तिराहे पर बने सेल्फी पाॅन्ईट का निर्माण 31 मार्च 2022 तक पूर्ण कर लिया गया था, जबकि इसकी निविदा-प्रक्रिया इसके तीन महीनों बाद 21 जून 2022 की की गई। इसके साक्ष्य पाष्रद संदीप प्रजापत ने जिला कलेक्टर के सम्मुख प्रस्तुत भी किए हैं। संदीप ने आरोप लगाया है कि इन दोनों निविदाओं में नगरपालिका अध्यक्ष व ईओ सहित तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता भी मुख्य रूप से दोषी हैं, जिन्हें प्रारम्भिक जांच के बाद निलम्बित किया जाना चाहिए।
गांधी वाटिका के लिए भी लिया झूठ का सहारा
उपखंड कार्यालय में बनी गांधी वाटिका के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को लेकर पार्षद संदीप प्रजापत द्वारा जिला कलेक्टर को दिए गए पत्र में बताया गया है कि नगरपालिका अध्यक्ष लाडनूं के आदेश व अनुशंषा पर उपखंड कार्यालय लाडनूं परिसर में गांधी वाटिका के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी थी। इस निर्माण सबंधित प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हुआ है, जिसकी जांच कराई जाकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जावे। पत्र में बताया गया है कि इस गांधी वाटिका सम्बंधी अनुशंषा, मौका देखने एवं निविदा सम्बंधी पूरी प्रक्रिया झूठी व कूटरचित है। इस फाल्स प्रोसेस को अपनाते हुए घोटाला किया गया है। पत्र के अनुसार इस गांधी वाटिका के निर्माण के लिए नगर पालिका के अध्यक्ष द्वारा अनुशंषा एवं आदेष दिए गए। इस निर्माण सम्बंधी पत्रावली के अनुसार 3 जनवरी 2022 को आदेश व अनुशंसा की गयी, जिसके पश्चात कनिश्ठ अभियंता द्वारा उसी दिन मौका देखा जाना बताया गया व तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी की रिपोर्ट ली गयी व अध्यक्ष नगरपालिका लाडनूं द्वारा प्रशासनिक व वितीय स्वीकृति दी गयी। इस कार्य की निविदा 13 जनवरी 2022 को निकाली गयी व एक फर्म को इसके निर्माण का कार्यादेश 28 मार्च 2022 को दिया गया।
अखबार की कटिंगों को बनाया आधार
पार्षद संदीप प्रजापत ने अपनी इस शिकायत में कलेक्टर का ध्यानाकर्षित किया हे कि इस सारी कुटरचित प्रक्रिया से पहले ही इस गांधी वाटिका का निर्माण पूरा हो चुका था। इस गांधी वाटिका का उद्घाटन भी 2 अक्टूबर 2021 को नगरपालिका अध्यक्ष और तत्कालीन उपखंड अधिकारी लाडनूं व अन्य गणमान्य नागरिको द्वारा किया जा चुका था। इस शिकायत के साथ पार्षद संदीप ने तत्समय समाचार पत्रों में छपी उद्घाटन की खबरों की कटिंग भी संलग्न की है तथा सवाल उठाया गया है कि यदि 2 अक्टूबर 2021 को खुद नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा इस निर्माण का उद्घाटन किया जा चुका था तो उसके छह माह बाद फर्जी पत्रावलियां बना कर निर्माण करने का आदेश व अनुशंषा, प्रसाशनिक व वितीय स्वीकृति देने के पीछे क्या उद्देश्य रहा? इससे प्रतीत व प्रमाणित होता है कि इसमें निश्चित रूप से भ्रष्टाचार हुआ है। इसलिए इस सम्बंध में सक्षम जांच, कार्रवाई और दोषियों का निलम्बन किया जाए।
तीन माह पूर्व हुआ निर्माण और उसके बाद पूरी की झूठी प्रक्रियाएं
इसी तरह डीडवाना रोड पर बने सेल्फी पॉइंट के निर्माण में भ्रष्टाचार की जांच की मांग करते हुए पाष्रद संदीप प्रजापत ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है और बताया है कि नगरपालिका अध्यक्ष लाडनूं के आदेश व अनुशंसा पर डीडवाना रोड पर सेल्फी पॉइंट के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी। इस निर्माण सबंधित प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हुआ है, जिसकी जांच की जाकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जावे। पत्र में बताया गया है कि इस डीडवाना रोड के सेल्फी पॉइंट के निर्माण के लिए अध्यक्ष नगरपालिका लाडनूं द्वारा आदेश व अनुशंषा की गई। इस निर्माण के लिए नगरपालिका की पत्रावली अनुसार 9 मई 2022 को आदेश व अनुशंषा की गई, उसी दिन कनिष्ठ अभियंता ने मौका देखा गया व अधिशाषी अधिकारी की रिपोर्ट ली गई। इस पर नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा प्रसाशनिक व वितीय स्वीकृति दी गई। इस पत्रावली की पूरी प्रक्रिया को भी झूठी व कूटरचित बताते हुए पार्षद संदीप ने बताया हे कि इस कार्य की निविदा 20 मई 2022 को निकाली गई व एक फर्म को इसके निर्माण का कार्यादेश 21 जून 2022 को दिया गया। जबकि, इस डीडवाना रोड पर सेल्फी पॉइंट का निर्माण इस निविदा से पहले ही हो चुका था। सेल्फी पॉइंट का निर्माण 31 मार्च 2022 को पूर्ण हो चुका था और इस झूठी निविदा पर प्रकाशन से 2 माह पहले की दिनांक डाली गई।
सूचना देने के कोताही पर मिली थी चेतावनी
इस शिकायत के साथ भी समाचार पत्र की कटिंग लगाई गई है, जिसमें 30 मार्च 2022 को ही इसका निर्माण हो चुका था। इसका फोटो भी समाचार में लगाया गया है। इस घोटाले को लेकर पार्षद संदीप ने बताया है कि उसने इस निर्माण के कार्यादेश 21 जून 2022 से पूर्व 31 गई 2022 को ही निर्माण होने के बाद टेंडर जारी होने बाबत शिकायत की थी और सूचना का अधिकार के तहत आवेदन किया था, लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई और सूचना भी उपलब्ध नहीं करवाई गई। इसकी प्रथम अपील की जाने पर नगर पालिका अधिकारी को चेतावनी दी जाकर सूचनाएं उपलब्ध करवाई गई। इस प्रकार मौके पर निर्माण 31 मार्च 2022 को होने के बाद निविदा व निर्माण के आदेश व अनुशंषा की झूठी प्रक्रिया अपनाई गई, जो गंभीर भ्रष्टाचार है। इसकी जांच करवाई जाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई व निलम्बन होना चाहिएं