राष्ट्रमंडल के सहयोग से निःशुल्क निबंध लेखन कार्यक्रम का आयोजन, 31 अगस्त तक बच्चे लिखेंगे अपने-अपने निबंध,
लाडनूं के सभी शिक्षण संस्थानों के बच्चे होगे शामिल, केन्द्र प्रभारी छगनलाल व सीताराम सोनी जुटे प्रतियोगिता की सफलता के लिए
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। क्षेत्र के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत बालकों के लिए हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट, श्री रामचंद्र मिशन तथा राष्ट्रमंडल के सहयोग से ‘हार्टफुलनेस निबंध लेखन कार्यक्रम-2024’ का आयोजन किया जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए पंजीकरण निःशुल्क रखा गया है। इस निबंध लेखन कार्यक्रम में भाग लेने वाले बालकों की दो श्रेणियां रखी गई है, जिनमें पहली श्रेणी में आयुवर्ग 14 से 18 वर्ष निर्धारित किया गया है और दूसरी श्रेणी में 19 से 25 वर्ष के आयुवर्ग के बालकों को शामिल किया गया है। इन दोनों ही वर्गों के लिए निबंध लेखन के लिए विषय अलग-अलग रखे गए हैं। इनमें पहली श्रेणी के बच्चों के लिए हेनरी फोर्ड के वाक्यांश- ‘जब हर चीज आपके विरुद्ध जाती हुई लगे, तब याद रखें कि विमान हवा के विरुद्ध उड़ान भरता है, उसकी दिशा में नहीं।’ रखा गया है, जिसमें 500 शब्दों की अधिकतम सीमा में निबंध लेखन करना होगा। दूसरी श्रेणी के बालकों के लिए एलिजाबेथ एडवर्ड्स के वाक्यांश ‘अपनी नई वास्तविकता को स्वीकार करना ही दृढ़ता है, भले ही वह आपकी पुरानी वास्तविकता से कम अच्छी हो।’ पर निबंध लिखना होगा, जिसकी अधिकतम शब्द सीमा 750 शब्द निर्धारित है। कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी बच्चों को अपने विद्यालय/शिक्षण संस्थान में नियुक्त समन्वय की देखरेख में अंतिम तिथि 31 अगस्त तक लिख कर उनके माध्यम से सारी काॅपियां श्री रामचन्द्र मिशन के स्थानीय केन्द्र के प्रभारी छगन लाल को सुपुर्द करनी होगी।
राष्ट्रमंडल की साझेदारी में चलाया जा रहा है कार्यक्रम
श्री रामचन्द्र मिशन के केन्द्र प्रभारी छगनलाल ने बताया कि हार्टफुलनेस निबंध लेखन कार्यक्रम श्री रामचंद्र मिशन का प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका संचालन सन् 1993 से किया जा रहा है। वर्ष 2005 से 15 वर्षों तक इसका आयोजन भारत में संयुक्त राष्ट्र जनसूचना केंद्र (भारत व भूटान) की सहकार्यता में किया गया। सन् 2021 में यह कार्यक्रम वैश्विक स्तर पर यूनेस्को के एमजीआईईपी (यूनेस्को महात्मा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन फॉर पीस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट) की सहकार्यता में आयोजित किया गया था, जिसमें संयुक्त राष्ट्र संघ की 6 आधिकारिक भाषाओं एवं 8 भारतीय भाषाओं में प्रविष्टियों को आमंत्रित किया गया था। इस वर्ष यह कार्यक्रम राष्ट्रमंडल की साझेदारी में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लगभग तीन दशकों से भारत में देश भर के विभिन्न संस्थानों के सहयोग से इस निबंध कार्यक्रम को निर्बाध रूप से चलाया जा रहा है। यह ऐतिहासिक निबंध लेखन कार्यक्रम मानवीय भावना, जिसे प्रतिकूल परिस्थितियों से भी दबाया नहीं जा सकता, के सम्मान में विद्यालयों-महाविद्यालयों एवं शिक्षकगणों के सहयेाग से चलाया जा रहा है। इसमें लाडनूं के सभी शिक्षण संस्थानों के बच्चे शामिल होंगे। इसके लिए सबसे सम्पर्क किया जाकर उन्हें पूरे कार्यक्रम से अवगत करवाया जा चुका है और विद्यार्थियों के लिए काॅपियां वितरित की जा चुकी है। इन शिक्षण संस्थानों से सम्पर्क कार्य को केन्द्र प्रभारी छगन लाल और सीताराम सोनी सम्पन्न कर रहे हैं।
