राजस्थान कायमखानी महासभा के चुनाव या समाज के साथ भौंडा मजाक? आखिर असली जिलाध्यक्ष कौन? डीडवाना में हुए कथित चुनाव में दो जिलाध्यक्षों का दावा कि वे निर्विरोध चुने गए, साफे व मालाएं पहने, डीजे के साथ खुशियां मनाई

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राजस्थान कायमखानी महासभा के चुनाव या समाज के साथ भौंडा मजाक? आखिर असली जिलाध्यक्ष कौन?

डीडवाना में हुए कथित चुनाव में दो जिलाध्यक्षों का दावा कि वे निर्विरोध चुने गए, साफे व मालाएं पहने, डीजे के साथ खुशियां मनाई

लाडनूं (kalamkala.in)। राजस्थान कायमखानी महासभा की जिला इकाई के चुनाव को लेकर विवाद पैदा हो गया है। दो-दो जिलाध्यक्ष अपनी-अपनी जीत और चुने जाने के दावे कर रहे हैं।‌ उनके समर्थक खुशियां मना रहे हैं, स्वागत कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 16 फरवरी को डीडवाना के कायमखानी छात्रावास में राजस्थान कायमखानी महासभा के डीडवाना-कुचामन जिले के जिला अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर एक आमसभा का आयोजन किया गया था। इसमें, कायमखानी महा सभा डीडवाना-कुचामन जिला के दो जिला अध्यक्ष चुने गए हैं और दोनों ही अपने आपको निर्विरोध और सर्वसम्मति से निर्वाचित अध्यक्ष होना बता रहे हैं।
इसमें एक पक्ष के अध्यक्ष सेवानिवृत पुलिस अधिकारी सलावत खान कुड़ली हैं और दूसरे पक्ष में शब्बीर खान चायनाण लाडनूं अध्यक्ष बने हैं।दोनों ही पक्षों ने दावा किया है कि हमें निर्विरोध और सर्वसम्मति से निर्वाचित किया गया है।अब देखना यह है कि हकीकत क्या है। जानकारी मिली है कि चुनावी प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही एक धड़े ने अपने आपको स्वयंघोषित जिलाध्यक्ष बताकर माला पहन ली और वहां से चलते बने। फिर वहां पर लाडनूं से आए शब्बीर खान ने अपने समर्थकों के साथ अपने आपको अध्यक्ष घोषित करवा दिया। ये दोनों पक्षों की तरफ से चुने गए अध्यक्ष सलावत खान और शब्बीर खान ने अध्यक्ष की कुर्सी पर दावा करते हुए अपने समर्थकों से साफे और मालाएं भी पहनना शुरू कर दिया है। सलावत खान ने तो डीडवाना स्थित अपने निजी मार्केट में चाय-पानी और अल्पाहार की व्यवस्था के साथ डीजे बजवा दिया और डीडवाना से अपने पैतृक गांव कुड़ली तक डीजे के साथ रोड शो करते हुए पहुंचे। दूसरी ओर शब्बीर खान लाडनूं ने अपने पैतृक निवास पर समर्थकों से मालाएं और साफा पहने। उन्होंने अपने आपको जिलाध्यक्ष घोषित किया है और उन्होंने ने भी डीजे के साथ युवाओं की भीड़ लेकर रैली के रूप में अपने घर आकर चाय-पानी और अल्पाहार की व्यवस्था की। इस पूरे घटनाक्रम को समाज के शिक्षित, समझदार और बुजुर्ग लोगों ने निराशाजनक स्थिति बताई और कहा कि ऐसे में कोई भी समाज भविष्य में कभी आगे नहीं बढ़ सकती, जहां कुछ लोग अपनी मनमर्जी चलाकर अपनी ही कौम पर जबरदस्ती थोपना चाहती है। लोगों ने कहा कि डीडवाना-कुचामन जिले का कोई भी विधिवत और कानूनन अध्यक्ष अभी तक नहीं चुना गया है और कायमखानी छात्रावास में जो समाज की बैठक की आयोजित थी, उसकी सूचना तक नियमानुसार सबको नहीं दी गई। यह भी बताया जा रहा है कि इस चुनाव के लिए सदस्य बनाने के काम में भी धांधली बरती गई। साथ ही जिन लोगों ने चुनाव के लिए 500-500 रुपयों की रसीदें कटवाई थी, उनको भी बैठक की कोई सूचना नहीं दी गई। गुपचुप तरीके से चुनाव सम्बंधी सब कार्रवाई किए जाने के प्रयासों को समाज के लोग विफल बता रहे हैं। साथ ही मांग उठ रही है कि कायमखानी क़ौम के चुनाव संवैधानिक प्रक्रिया से ही करवाए जाने चाहिए और भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। महासभा के चुनाव में अपराधिक रेकार्ड वाले व्यक्तियों तथा सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करने वाले लोगों व गरीबों के हक पर डाका डालने वाले तथा गरीबों पर अत्याचार करने वाले लोगों को भविष्य में कभी मौका नहीं दिया जाना चाहिए। सोशल मीडिया पर इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है, इस प्रकार यह चुनाव एक मजाक बन कर रह गया है।

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Author: kalamkala

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