मोहब्बत जुबान से कही बात नहीं, दिल से हुई दुआ और नेक अमल से साबित होती है- मदनी,
लाडनूं के शहरिया बास में जमीयत अहले-हदीस द्वारा इस्लाहे-समाज कॉन्फ्रेंस का आयोजन
लाडनूं (kalamkala.in)। यहां शहरिया बास स्थित हुसैनखानियों की बाड़ी में जमीयत अहले-हदीस के तत्वावधान में सोमवार को ईशा की नमाज के बाद इस्लाहे समाज कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए शेख अब्दुस्सलाम मदनी ने सीरतुन नबी व मोहब्बत-ए-रसूल विषय पर तकरीर की। मदनी ने कहा कि नबी से सच्ची मोहब्बत का मतलब है कि उनके प्रति अकीदत और एताअत (आस्था व अनुसरण) दोनों ही हो, केवल अकीदत रहने और उनकी हिदायतों पर अमल नहीं करने से काई लाभ नहीं होगा। आज के दौर में जब रिश्तों में स्वार्थ और मतलबदारी बढ़ती जा रही है, हमें नबी के इस अमल से सीख लेनी चाहिए। मोहब्बत सिर्फ जुबान से कही गई बात नहीं, बल्कि यह दिल से की गई दुआ और नेक अमल से साबित होती है। उन्होंने अंत मे कहा कि सब लोग नबी की मोहब्बत को अपनी जिंदगी में उतारो, दूसरों के लिए भलाई की दुआ किया करो और उनकी मुश्किलों को हल करने में मदद करें। यही सच्ची मोहब्बत है।
मोहब्बत और नफ़रत में हद से गुजरने की अनुमति नहीं
इस अवसर पर शेख अफजल सनाबिली ने कहा कि इस्लामी उसूलों में सबसे अहम अकीदा तौहीद है। चाहे नबी हों या इमाम, किसी को मोहब्बत और नफ़रत में हद से गुजरने की अनुमति नहीं है। हज़रत आदम से लेकर ख़ातमुल नबीइन तक, सब अपने अस्तित्व की तख़लीक़ में अल्लाह के मुहताज हैं।कार्यक्रम से पहले शेख अजीजुर्रहमान उमरी ने कुरआन की तिलावत कर कार्यक्रम की शुरुआत की। प्रोग्राम में मंच का संचालन मौलाना इशाक सनाबली ने किया।
ये सब रहे मौजूद
आयोजन को सफल बनाने में रकीब खान, अरबाज खान, अबू नहीफ़, अरमान खान, फरमान, नयूम खान, लियाकत खान की भूमिका रही। इस आयोजन में सदर हाकम अली खान, हाजी यासिन खान मोयल, हुसैन खान हुसेनखानी, मजीद खान, शेर खान, नवाब खान हाथीखानी, फिरोज खान मोयल, पार्षद हाजी सत्तार खान सहित अन्य मौजूद रहे।
