धर्म कम हुआ, धर्म का दिखावा बढ़ गया- मदन मोहन महाराज
भट्टड़ परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा के छठे दिन कृष्ण विवाह प्रसंग
मूण्डवा (रिपोर्टर लाडमोहम्मद खोखर)। मुंडवा के तारकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रहे भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में कथावाचक मदन मोहन महाराज ने व्यासपीठ से कहा कि आज हमारे देश मे धर्म का दिखावा बढ़ गया है, धर्म कम हो रहा है। धर्म हमारे जीवन की प्राणवायु है, जिससे श्वास चलती है। धर्म कोई अफीम नहीं, जिसका नशा किया जाए। यदि धर्म नही है जीवन में तो मानव और पशु में कोई फर्क नही है। इसलिए हमें सही धर्म का आचरण करना है। कथा के माध्यम से उन्होंने चरित्र निर्माण व राष्ट्र उत्थान की बातें बताई और कहा कि ऐसा व्रत लें कि राष्ट्र भक्ति प्रत्येक मन में जागृत हो जाये। देव निष्ठा होनी चाहिए। हमने राष्ट्र को ही राम माना है। यदि राष्ट्र के प्रति समर्पण नहीं है, तो राम, कृष्ण से भी प्रेम नही हो सकता। सन्त और शास्त्र हमें यही इशारा करते हैं कि भगवान योगेश्वर जैसा कोई रागी भी नही है और कृष्ण के जैसा कोई अनुरागी भी नही है। कृष्ण नटखट बनकर अनूठी लीलाएं भी करते हैं और भगवान योगेश्वर जगतगुरु भी हैं। भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप है भागवत, जिसमें सभी पुराणों का अर्क है। इसे अध्यात्म दीप की संज्ञा दी गई है। सत्संग का जीवन में बहुत महत्व है। ज्ञान का कभी नाश नही होता है, इसलिए जीवन में सत्संग की बड़ी महिमा है, प्रति दिन हमें सत्संग करना चाहिए।
संतों का आगमन हुआ
कथा में अजनेश्वर धाम जोधपुर के बाप जी श्री बाईजी महाराज का भी पदार्पण हुआ। सूरसागर जोधपुर रामद्वारा से स्वामी रामप्रसाद महाराज का भी आगमन हुआ। इस अवसर पर बहुत प्रसन्ता के साथ रुक्मणि और भगवान द्वारिकाधीश का विवाहोत्सव मनाया गया। हजारों लोग कथा में उपस्थित हुए। भट्टड़ परिवार द्वारा सभी का स्वागत किया गया। सभी सन्तों की विदाई की गई। सुमन भट्टड़ ने बताया कि मुम्बई, जयपुर, कोलकाता, जोधपुर से काफी संख्या में लोगों का आगमन हुआ और कथा श्रवण किया।
