लाडनूं के राजकीय चिकित्सालय से जबरन हटाया एम्बुलेंसों को, बना डाला ऑटो रिक्शा स्टेंड,
मरीजों व घायलों की परेशानियों को देख एम्बुलेंस चालकों ने ज्ञापन देकर बताई स्थिति
लाडनूं। स्थानीय उप जिला चिकित्सालय में आएदिन गंभीर मरीजों को रैफर किया जाता है, लेकिन एम्बुलेंस के अस्पताल के आस पास में उपलब्ध नहीं होने से मरीज के घबराए परिजनों की हालत खराब हो जाती है और उन्हें मरीज को अधरझूल में छोड़ कर इधर-उधर भटकना पड़ता है। यहां अस्पताल के मुख्य द्वार के सामने की जगह पर दो-तीन एम्बुलेंस खड़े रहते थे, लेकिन कुछ लोगों ने दादागिरी पूर्वक उनसे झगड़ा-फसाद करके उन्हें वहां से हटा कर भगा दिया गया। इसके बाद वहां फर्जी तरीके से टेम्पो स्टेंड का नकली बोर्ड लाकर लगवा दिया गया, ताकि वहां स्थाई रूप से एम्बुलेंस को पार्किंग करने से रोका जा सके। इस हालत को देखते हुए यहां के कुछ एम्बुलेंस संचालकों ने कलेक्टर के नाम का एक ज्ञापन यहां तहसीलदार डा. सुरेंद्र भास्कर को दिया है। गौरतलब है कि लाडनूं क्षेत्र से तीन हाईवे गुजरने से आएदिन दुर्घटनाएं होती रहती है और घायलों को इसी अस्पताल लाया जाता है, जहां से अधिकांश घायलों को रैफर किया जाता है। इनके लिए आनन-फानन में एम्बुलेंस की जरूरत पड़ती है।
जबरन एम्बुलेंस हटा कर बनाया मनमाना ऑटो स्टेंड
ज्ञापन में बताया गया है कि लाडनूं के राजकीय चिकित्सालय के सामने एक एम्बुलेन्स स्टैण्ड बनाया जाना चाहिए। साथ ही वहां कथित रूप से जबरन बनाए गए टैम्पू स्टैण्ड को हटवाया जाना चाहिए। उन्होंने ज्ञापन में बताया है कि राजकीय चिकित्सालय के सामने बने निजी एम्बुलेन्स स्टैण्ड पर सभी एम्बुलेंस खड़ी रहती थी, लेकिन जो गत 22 जुलाई को एक वार्ड पार्षद प्रतिनिधि द्वारा कुछ टैम्पू चालकों के बहकावे में आकर जबरदस्ती एम्बुलेन्सों को वहां से हटाकर टैम्पू स्टैण्ड बना दिया है। इससे आपातकालीन एम्बुलेंस सेवाओं में बाधा पैदा हुई है। इससे गम्भीर अवस्था में हायर सेन्टर के लिए रेफर करने पर मरीज को ले जाने के लिए तत्कालीन आवश्यकता के बावजूद मरीजों के परिजनों को भटकना पड़ता है। एम्बुलेंस का स्टैण्ड राजकीय चिकित्सालय के पास ही रहना आवश्यक है, लेकिन कुछ लोगों द्वारा जबरन एम्बुलेन्स स्टैण्ड को हटवाकर वहां गलत ढंग से टैम्पू स्टैण्ड बनवा दिया गया है। जबकि नगर पालिका द्वारा कभी भी वहां टैम्पू स्टैण्ड घोषित नहीं किया गया।
नि:शुल्क सेवाएं भी देते हैं एम्बुलेंस चालक
इन एम्बुलेंस संचालकों का कहना है कि वे राजकीय चिकित्सालय लाइन से 5 कि.मी. दूरी तक सड़क दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों के लिए निःशुल्क एम्बुलेंस सर्विस उपलब्ध करवा रखी है तथा अस्पताल में भर्ती मरीज की इलाज के दौरान ही मृत्यु होने पर उसकी डेड-बोडी को पहुंचाने के लिए भी एम्बुलेन्स की निःशुल्क सेवा इनके द्वारा दी जाती है।
शांतिभंग करते हैं ऑटोचालक
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि अस्पताल के सामने टैम्पू चालक अस्थायी रूप से अपने टैम्पूओं को खड़ा करके रास्ता जाम तक कर देते हैं। इस स्थान पर यदि कोई मरीज अपना वाहन खड़ा कर देता है, तो उसके साथ ये लोग लड़ाई-झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। इन लोगों के कारण इस शांत अस्पताल क्षेत्र में शांतिभंग भी हो जाती है। इस ज्ञापन की प्रति उपखण्ड अधिकारी, नगर पालिका की अधिशाषी अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा चिकित्सालय के पीएमओ को भी दी गई है। ज्ञापन देने वालों में निजी एम्बुलेन्स चालक विकास, जावेद, मनोहर आदि शामिल हैं।