राजस्थान पत्रिका के माउंट आबू के पत्रकार हरिपाल सिंह के साथ नगर पालिका के निलम्बित कार्मिकों द्वारा मारपीट की निंदा करते हुए दोषी लोगों की गिरफ्तारी की मांग, आईएफडब्ल्यूजे (इंडियन फैडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स) ने सौंपा मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन, प्रदेश भर में चलेगा आंदोलन 

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राजस्थान पत्रिका के माउंट आबू के पत्रकार हरिपाल सिंह के साथ नगर पालिका के निलम्बित कार्मिकों द्वारा मारपीट की निंदा करते हुए दोषी लोगों की गिरफ्तारी की मांग,

आईएफडब्ल्यूजे (इंडियन फैडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स) ने सौंपा मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन, प्रदेश भर में चलेगा आंदोलन 

जालोर (kalamkala.in)। माउंट आबू में पत्रकार हरिपाल सिंह के साथ एक जुलाई को हुए मारपीट के घटनाक्रम को लेकर प्रदेश के अग्रणी पत्रकार संगठन आईएफडब्ल्यूजे ने आक्रोशित रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम से समस्त जिलों में जिला कलेक्टर को चेतावनी स्वरूप ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया है। उसी क्रम में शुक्रवार को जालोर जिला इकाई ने जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों का साथ लेते हुए मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को सौंपकर पुरजोर मांग की कि पत्रकार पर हमले के आरोपियों व इस प्रकरण में लिप्त अन्य अधिकारियों, जिनकी शह पर यह कृत्य किया गया था, उनपर शीघ्र अतिशीघ्र कड़ी से कड़ी व संतुष्टिप्रद कार्रवाई करें।
साथ ही आई.एफ.डब्ल्यू. जे. संगठन की प्रमुख मांग ‘पत्रकार सुरक्षा कानून’ को लागू करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव लाया जाए।
संगठन की प्रदेश इकाई द्वारा लिए गए निर्णयानुसार यदि जिला स्तरीय ज्ञापनों पर भी राज्य सरकार पत्रकार के साथ मारपीट की इस घटना को गंभीरता से नहीं लेती है, तो राजधानी जयपुर में संगठन के आह्वान पर हजारों की संख्या में पत्रकार व विभिन्न सामाजिक संगठन एकत्रित होकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी फिर राज्य सरकार की ही होगी।

यह सौंपा गया ज्ञापन

ज्ञापन में बताया गया है कि माउंट आबू में पत्रकार हरिपाल सिंह उखरड़ा पर हुए हमले और मारपीट के आरोपियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। गत 1 जुलाई को माउंट आबू (जिला सिरोही) में घटित अत्यंत निंदनीय और लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली इस घटना ने समस्त प्रदेशवासियों को स्तब्ध कर दिया। ‘राजस्थान पत्रिका’ के पत्रकार हरिपाल सिंह उखरड़ा पर नगरपालिका के निलंबित कर्मचारियों द्वारा न केवल योजनाबद्ध हमला किया गया, बल्कि गाली-गलौज और मारपीट जैसी घटनाएं भी की गई। पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और उस पर किया गया यह हमला न केवल व्यक्ति विशेष पर बल्कि स्वतंत्र पत्रकारिता एवं अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला है। इससे पूरे पत्रकार समाज और जनसामान्य में भय एवं आक्रोश व्याप्त है। ज्ञापन में इस कायराना हमले की कड़ी निंदा की गई है और सरकार से मांग की गई हैं कि हमले के सभी दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर गंभीर धाराओं में अभियोग दर्ज कर सख्त से सख्त सजा दी जाए। घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच करवाई जाए, जिससे इस साजिश में संलिप्त अन्य तत्वों का भी पर्दाफाश हो सके। प्रदेशभर में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सुनिश्चित दिशा-निर्देशों एवं त्वरित कार्रवाई तंत्र की व्यवस्था की जाए। ज्ञापन के साथ ही विश्वास प्रकट किया गया है कि सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हेतु इस मामले को गंभीरता से लेकर पीड़ित को न्याय दिलाने हेतु आवश्यक तत्पर तत्पर रहते हुए इस मामले को कदम उठाएगी। ज्ञापन देने वालों में सरोज चौधरी, योगेन्द्र सिंह कुंपावत, मोतीसिंह निम्बलाना, लालसिंह, दिलीप सिंह, देवेन्द्र शर्मा, सुरेश धवल, डूंगरसिंह आदि शामिल थे।

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Author: kalamkala

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