दलित संगठनों का अपना अलग घोषणा पत्र, राजनीतिक दलों के साथ होगा संवाद,
सामाजिक न्याय यात्राओं से जन संवाद में तैयार हुआ था मसौदा
जयपुर। राज्य के अनुसूचित जाति वर्ग के संगठन संयुक्त रूप से ‘राजस्थान के अनुसूचित जाति वर्ग का जयपुर घोषणा पत्र-2023’ जारी करने जा रहे हैं। अनुसूचित जाति अधिकार अभियान के संयोजक पूर्व पुलिस महानिरीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि राजस्थान के 18 प्रतिशत अनुसूचित जाति की आबादी के मुद्दों को लेकर दलित एजेण्डा बनाया गया तथा उसके मसौदे को लेकर राज्य भर में एक माह तक सामाजिक न्याय यात्रा निकाली गई, जिसने पचास जिलों के 100 स्थानों पर जन-संवादों के जरिये विस्तृत विचार-विमर्श के बाद एक घोषणा पत्र तैयार किया गया है, जिसे अब जारी किया जा रहा है।
राजनीतिक दलों से होगा संवाद
अनुसूचित जाति अधिकार अभियान के सह संयोजक भंवर मेघवंशी के अनुसार इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान, के सभागार में आयोजित एक जनमंच ने राज्य भर से आ रहे प्रतिभागियों के सामने यह दलित घोषणा पत्र जारी किया जा रहा है। इस अवसर पर विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है, उनके साथ दलित घोषणा पत्र के मुद्दों पर संवाद किया जायेगा। दलित घोषणा पत्र की ड्राफिं्टग कमेटी के सदस्य एडवोकेट सतीश कुमार तथा डॉ. नवीन नारायण ने बताया कि जन-मंच कार्यक्रम में राजनीतिक दलों, दलित संगठनों, सिविल सोसायटी और मीडियाकर्मियों तथा अकेडमिक विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। जन मंच की सफलता में श्रीराम चोरडिया, डॉ. महेंद्र कुमार आनंद, पूरण मल बेरी, सुमन देवठिया, सतीश कुमार, एडवोकेट, हेमन्त मीमरौठ, एडवोकेट, चंदा लाल बैरवा, एडवोकेट, मीठा लाल जाटव, मुकेश मेहरा, खुशबू सोलंकी, एडवोकेट, कश्मीरा सिंह, रेणु गेंगट, अमृत लाल अटोरिया, भूपेन्द्र आलोरिया, विनोद कुमार, मोहन लाल वर्मा, मांगीलाल बुनकर, सूबे सिंह, सोम दत्त, महेश केडवाल, रामनिवास दैया, मनीष देवंदा, मातादीन सामरिया, रामनिवास राघव, आरएम असवाल, बाबूलाल गुरॉवडिया सहित अन्य सदस्यों का सहयोग रहा।
पांच साल पहले बना था दलित घोषणाओं का मांग पत्र
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 2018 में भी दलित समुदाय से जुड़े मुद्दे घोषणा पत्रों में शामिल करने की मांग उठी थी। दलित समाज के लोगों ने विभिन्न राजनैतिक दलों को मांग पत्र भेजा था, जिसे दलित घोषणा पत्र नाम दिया गया है। इन मुद्दों को राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए जारी किए जाने वाले राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में शामिल करने का आग्रह किया गया था। दलित घोषणा पत्र में दलित समुदाय को कृषि योग्य भूमि का आवंटन करने, निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने, विधायक कोष की 30 प्रतिशत राशि दलित समुदाय के लिए खर्च करने, आवश्यकतानुसार समाज कल्याण छात्रावास खोलने, फलोदी में महाविद्यालय की बालिकाओं के लिए छात्रावास खोलने, बापिणी, आऊ, लोहावट तथा देचू में बालक छात्रावास खोलने, छात्रवृति का भुगतान समय पर करने, राज्य के बजट में दलित समुदाय से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के लिए पर्याप्त बजट जारी करने की मांग की गई थी। दलित अधिकार अभियान के सचिव अशोक कुमार कुमार मेघवाल, एडवोकेट गोरधन जयपाल, सुरजनराम जयपाल, मेघवाल समाज के अध्यक्ष पूर्व सरपंच ताराराम पंवार, मांगीलाल लीलड़, रमेश भील, शांतिदेवी, धापूदेवी, रामचन्द्र पंवार आदि ने यह मांग पत्र जारी करते हुए तब कांग्रेस, बीजेपी, सीपीआईएम, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, बसपा आदि को भेजा था।