नगर पालिका के पानी के 10 लाख के टेंडर की जांच के लिए डीडीआर ने ईओ से 7 दिनों में दस्तावेज मांगे,
राजेश भोजक की शिकायत पर डीडीआर अजमेर भावना गर्ग ने शुरू की कार्रवाई
लाडनूं (kalamkala.in)। स्थानीय निकाय विभाग के उपनिदेशक (क्षेत्रीय) अजमेर भावना गर्ग (आरएएस) ने नगर पालिका मंडल लाडनूं के अधिशाषी अधिकारी जितेन्द्र मीणा द्वारा बिना एस्टीमेट के 9.90 लाख रूपये के टैंकर की निविदा में धांधली एवं लाडनूं की नगर पालिका में ईओ जितेन्द्र मीणा द्वारा की जा रही धांधलियों के संदर्भ में नगर पालिका लाडनूं के ईओ से सभी सम्बंधित दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां 7 दिनों के अंदर मांगी है। उन्होंने यह आदेश वार्ड सं. 22 के पार्षद राजेश कुमार भोजक की शिकायत पर जारी किए। आदेश के साथ शिकायत की प्रति भिजवाते हुए लिखा गया है कि शिकायत में वर्णित तथ्यों के संबंध में तथ्यात्मक टिप्पणी सहित समस्त सुसंगत दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति 7 दिवस के भीतर इस कार्यालय को भिजवाया जाना सुनिश्चित करें।
यह है शिकायत पत्र
पार्षद राजेश भोजक द्वारा की गई शिकायत के अनुसार नगरपालिका मंडल लाडनूं के अधिशाषी अधिकारी जितेंद्र मीणा द्वारा बिना एस्टीमेट के 9.90 लाख रूपये के टैंकर की निविदा में धांधली की गई है। इसमें बताया गया है कि नगरपालिका मंडल लाडनूं के अधिशाषी अधिकारी ने 14 जून शुक्रवार को एक निविदा सूचना वर्ष 2024-25 जारी की, जिसका क्रमांक न.पा.ला. स्टोर/2024/1090 हैं। इस निविदा सूचना में पालिका क्षेत्र में वृक्षारोपण हेतु पानी टैंकर सप्लाई कार्य की अनुमानित लागत 9.90 लाख रखी गई हैं। इस निविदा सूचना में अधिशाषी अधिकारी जितेंद्र मीणा ने “वृक्षारोपण हेतु” शब्द का उपयोग किया है। जबकि, आरंभ में “पौधारोपण ही किया जाता हैं। उसकी सार संभाल देखभाल ठीक ढंग से होने पर वो पौधा वृक्ष का रूप धारण करता है। इसे अधिशाषी अधिकारी भूल या त्रुटि की संज्ञा दे सकते हैं, लेकिन इसके पीछे की उनकी मंशा को वो नहीं छिपा सकते, क्योंकि इन्होंने बिना तय किए कि नगरपालिका क्षेत्र में कुल कितने पौधे हैं, जिन्हें पानी पिलाना हैं? और ये पौधे नगरपालिका क्षेत्र में किस किस स्थान पर हैं? इन पौधों में कितनी मात्रा में पानी देना हैं और कितने दिनों में पानी देना हैं? जो पानी का टैंकर की निविदा की गई उनमें टैंकर की पानी की क्षमता कितनी होनी चाहिए? इस तरह से बिना किसी अनुमान के ये निविदा सूचना निकालना स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार की मानसिकता को दर्शाता है। ये समझ नहीं आता कि इस तरह की धांधली वो भी सबके सामने करने का इन्हे साहस कहां से मिलता हैं? इसके अलावा पत्र में यह उल्लेख भी किया गया है कि अधिशाषी अधिकारी जितेंद्र मीणा ने दो निविदा सूचना जिनका क्रमांक न.पा.ला. स्टोर/2024/896 व न.पा.ला. स्टोर/2024/966 को बंद कमरे में खोल कर अपने चहेते ठेकदारों की फर्म की खाली कॉपी रखवा ली थी, ताकि उन्हें ये कार्य दे कर मोटा कमीशन प्राप्त कर सके। वो तो बात उजागर होने पर इन दोनों निविदाओं को निरस्त कर दिया गया। अधिशाषी अधिकारी के इस तरह के व्यवहार से स्पष्ट है कि वो इस पानी के टैंकर की निविदा सूचना की बिना किसी कार्य सुनियोजित किए मनचाही राशि लिखके इसमें धांधली करना चाहते हैं और अगर वास्तव में ही पौधारोपण के लिए पानी की आवश्यकता है, तो उसकी स्पष्ट अनुमानित रिपोर्ट तैयार करवा कर वो निविदा निकलवाई जाए।पत्र में 9.90 लाख की पानी की निविदा सूचना को निरस्त करवाने और अधिशाषी अधिकारी जितेंद्र मीणा से राजकोष को होने वाली हानि से बचाने, इनके विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही करने और स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार करने के उद्देश्य से की जाने वाली निविदा के लिये अधिशाषी अधिकारी जितेंद्र मीणा के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही करने की मांग की गई है।