मर्यादा के अभाव में जीवन का विकास संभव नहीं- मुनि रणजीत कुमार,
मुनिवृन्द का स्वागत किया
लाडनूं। अणुव्रत अनुशास्ना आचार्यश्री महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती मुनिश्री रणजीत कुमार नेयहां पहली पट्टी स्थित ऋषभद्वार भवन में मर्यादापत्र का वाचन करते हुए कहा कि मर्यादा पत्र तेरापंथ धर्मसंघ का छत्र है, जिसके तले साधु-साध्वियां साधना करके अपना विकास कर रहे है। मर्यादा और अनुशासन के अभाव में विकास नही हो सकता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में मर्यादाओं से सुशोभित रहना चाहिए। इस अवसर पर मुनिश्री चैतन्य कुमार अमन एवं मुनिश्री विनोदकुमार के आगमन पर मुनिवृन्द एवं सभा संस्थाओं द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया। मुनि तन्मय कुमार ने गीत प्रस्तुत किया। मुनि कौशल कुमार ने संयोजन करते हुए आगन्तुक सन्तों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में अणुव्रत आंदोलन के 75वें वर्ष पर हीरक जयंती वर्ष की कार्ययोजना की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में सागरमल बैद, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष शांतिलाल बैद, मंत्री डाॅ. वीरेंद्र भाटी मंगल सहित अनेक लोग उपस्थित थे।