लाडनूं में सूटा के कारण टीनशेड उड़े, सोलर प्लेटें उखड़ी, बिजली के 25 खम्भे गिरने से बिजली आपूर्ति हुई बाधित
लाडनूं में सूटा के कारण टीनशेड उड़े, सोलर प्लेटें उखड़ी, बिजली के 25 खम्भे गिरने से बिजली आपूर्ति हुई बाधित
लाडनूं। बीती रात करीब दो बजे तेज आंधी सूटा आने के कारण पूरे क्षेत्र में काफी नुकसान हो गया। विद्युत निगम के 25 से 30 बिजली के खम्भे टूट गए या गिर गए। बड़ी संख्या मे ंपेड़ भी टूट कर गिरे या उखड़ गए। इसी प्रकार सड़क किनारे बनी होटलों के टीनशेड उड़ गए और दूसरी होटलों पर जाकर गिरे, जिससे बहुत नुकसान हुआ। एक व्यक्ति को सिर में चोट भी लगी। विद्युत निगम के कनिष्ठ अभियंता राजकुमार तुनगरिया ने बताया कि बाकलिया, ओड़ींट, बादेड़, डीडवाना रोड, लाडनूं शहर, मगरा बास आदि क्षेत्रों में विुत निगम को इस सूटा से अहुत नुसान पहुंचा है। रात को करीब ढाई बजे इन सभी क्षेत्रों में बिजली बंद हुई थी, जिनमें से लाडनूं शहर में तो करीब पांच घंटो से साम घंटों बाद बिजली चाजू की जा सकी। बाकलिया, बादेड़ और ओड़ींट क्षेत्रों की बिजली अभी तक वापस चालू नहीं की जा सकी है। विद्युतकर्मियों की टीमें मरम्मत कार्य में लगी हुई है। 33 हजार केवी, 11 हजार केवी के जीएसएस से जुड़े खम्भों के गिरने व तारों के टूटने से बिजली आपूर्ति में बाधा पैदा हुई। लाडनूं शहर के सघन इलाके राहूगेट में एक पीपल के पेड़ का हिस्सा टूट कर बिजली के तारों पर गिर जाने से बहुत देरी से उसे ठीक किया जा सका। ग्राम फिरवासी के तेजपुरा गांव में सरकारी सहयोग से लगी हुई सोलर प्लेटें भी इस तेज आंधी से उखड़ गई। इसमें किसान सुखाराम पुत्र बालूराम के खेत में लगे सोलर पम्पसेट को काफी नुसान पहुंचा। इसमें सूटा के कारण पूरा ढांचा क्षतिग्रस्त हो गया और सोलर प्लेंटें उड़ कर दूर-दूर तक चली गई और पूरी तरह से बिखर गई। इस सूटा के कारण लाडनूं शहर में लादूबाबा की बगीची के सामने की तरफ डीडवाना रोड पर चैपाराम माली की दूकान और पास की दो अन्य दुकानों के टीनशेड तेज हवा में उड़ गए। टीनशेड के उपर दबाव के लिए रखे हुए बड़े पत्थर भी टीनों के साथ उड़ गए, जो अन्य टीनशेड के उपर जाकर गिरे और उन्हें भी तोड़ डाला। आंधी के कारण इन दुकानों में कुर्सियां, टेबलें, चारपाइयां और पाईप व टीन सभी का नुकसान हुआ। वहां रात को सो रहे एक युवक महेन्द्र माली नामक पर एक पत्थर आकर गिरने से उसका सिर फूट गया। पार्षद सुमित्रा आर्य ने बताया कि सूचना मिलने पर उन्होंने जाकर मौका देखा तो वहां तेज आंधी ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। गरीब ढाबा संचालकों को भारी नुकसान हुआ है। महेन्द्र माली के सिर पर गहरी चोट लगी है।