एक साथ 34 भेड़ें मारे जाने पर पीड़ित किसान को मानवता मिशन से सहायता के प्रयास तेज,
रींगण की ढाणी में किसान की 34 भेड़ों को जंगली जानवरों ने मारकर पहुंचाया 5 लाख का नुकसान
लाडनूं। तहसील के ग्राम रींगण में किसी अज्ञात हिंसक वन्य जन्तु द्वारा एक किसान के खेत में बने बाड़े में घुस कर एक साथ 34 भेंड़ों को मार कर करीब 5 लाख रूपयों का नुकान किसान को पहुंचाने के मामले में अखिल भारतीय किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल ने किसान की ढाणी में पहुंच कर मौके का जायजा लिया और बाद में उपखंड अधिकारी से मिल कर किसान को किसी भी योजना में मुआवजा दिवाए जाने की मांग की। साथ ही उन्होंने मानवता मिशन के तहत जुड़े हुए कार्यकर्ताओं को किसान के बैंक खाता के नम्बर भेज कर सहयेाग राशि जुटाने की अपील की है। किसान की ढाणी में पहुंचने पर किसान भानाराम बैंदा ने बताया कि उसकी ढाणी के पास की दुर्गेश्वरी तालाब के डूगेसरी ताल की एक हजार बीघा ओरण की जमीन है, जो पूरा जंगल क्षेत्र है। इस क्षेत्र मे ंही कोई जंगली जानवर रहने लगा है। मौके पर करीब 4 हिंसक जानवरों ने एक साथ आकर उनकी भेड़ों पर हमला किया।
पांच लाख का पहुंचा नुकसान
किसान ने बताया कि इन जानवरों ने तारबंदी व तिलों की पुलियां लगाकर बनाए गए बाड़े में तारों में गेट के नीचे से घुस कर इन सभी भेड़ों को मार गिराया। इसकी जानकारी उन्हें सुबह मिली। मौके पर वन विभाग और पशुपालन विभाग की टीमें तथा पुलिस पहुंची। रिपोर्ट बनाई गई और भेड़ों का पोस्टमार्टम करने के बाद उन्हें दफना दिया गया। बैंदा ने किसान नेता भागीरथ यादव को बताया कि उसने कर्जा लेकर इन भेड़ों की खरीद की थी और उनका पालन कर रहा था। एक-एक भेड़ 15 हजार से कम नहीं थी। इस प्रकार उसे कम से कम 5 लाख का नुकसान पहुंचा है। भागीरथ यादव के साथ किसान सभा के तहसील अध्यक्ष रामचन्द्र बरड़वा, सुरेन्द्र थालाड़, शिवभगवान लैड़ी, पन्नाराम भामू, भरत बैंधा आदि भी थे।
राजकीय सहायता का प्रावधान नहीं
भागीरथ यादव के नेतृत्व में किसान सभा के प्रतिनिधि मंडल ने बाद में एसडीम व तहसीलदार से मिलकर किसान को मुआवजा दिलवाने के सम्बंध मे ंवार्ता की। एसडीएम ने विभिन्न सरकारी योजनाओं में प्रावधान के बारे में उन्हें अवगत करवाया तथा बताया कि राजकीय योजनाओं में किसी जानवर द्वारा पहुंचाए गए नुकसान का मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है। इस पर यादव ने पीड़ित किसान को मानवता मिशन के तहत सहायता उपलब्ध करवाए जाने की अपील करते हुए विभिन्न कार्यकर्ताओं को पीड़ित किसान भानाराम बैंदा के मोबाईल नम्बर, बैंक खाता नम्बर आदि भिजवाए हैं। साथ ही इस सहायता अभियान को तेज कर दिया गया है।