पारिवारिक शांति और एकजुटता से होती है तनाव मुक्ति- प्रो. जोशी जैनविद्या तुलनात्मक धर्म तथा दर्शन विभाग द्वारा स्वर्गीय पूनमचंद भुतोड़िया व्याख्यान माला आयोजित 

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पारिवारिक शांति और एकजुटता से होती है तनाव मुक्ति- प्रो. जोशी

जैनविद्या तुलनात्मक धर्म तथा दर्शन विभाग द्वारा स्वर्गीय पूनमचंद भुतोड़िया व्याख्यान माला आयोजित

लाडनूं (kalamkala.in)। जैन विश्वभारती संस्थान के आचार्य महाश्रमण ऑडिटोरियम में कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ की प्रेरणा एवं निर्देशन में स्वर्गीय पूनम चंद्र भूतोड़िया व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संचालित कुटुंब प्रबोधन प्रकोष्ठ के अखिल भारतीय संयोजक प्रो. रविंद्र शंकर जोशी (नागपुर) ने व्याख्यामाला में ‘भारतीय संस्कृति एवं समर्थ कुटुम्ब व्यवस्था’ विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। कुलसचिव राजेश मौजा की अध्यक्षता में इस व्याख्यान में मुख्यवक्ता प्रो. रविंद्र शंकर जोशी ने कुटुंब सहयोग की भावना को महत्वपूर्ण मानते हुए वर्तमान पीढ़ी के लिए इसकी आवश्यकता एवं महत्व को प्रतिपादित किया और बताया कि विशुद्ध भारतीय परंपरा में परिवार के सदस्यों द्वारा एक-दूसरे का साथ देते हुए एक-दूसरे की ज़रूरतों को समझकर और सदैव मिलकर काम करने की परम्परा चिरकाल से रही है, जिससे परिवारों में शांति और एकजुटता का माहौल रहता है। यही भावना दैनिक जीवन में तनाव कम करने में बहुत मददगार होती है, क्योंकि परिवार के सदस्य सदैव एक-दूसरे का भावनात्मक सहारा बनते रहे हैं। यदि आज भी समस्याओं का सामना मिलकर किया जाए, तो इस भागदौड़ भरे जीवन एवं आपाधापी के माहौल में बहुत हद तक अकेलेपन व दबाव को कम किया जा सकता है।आज इस स्थिति को समझना बदलते भारतीय सामाजिक परिवेश के लिए महत्ती आवश्यकता बन चुका है। कार्यक्रम के दौरान प्रो. जोशी एवं जोधपुर से पधारे उनके सहयोगी धनराज सोनी ने विद्यार्थियों के बीच तनाव मुक्ति हेतु कुछ खेल भी आयोजित किये, जिनका सभागार में उपस्थित सभी जनों ने उत्साहपूर्वक आनंद लिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलसचिव राजेश मौजा ने मुख्य वक्ता को संस्थान का प्रतीक चिह्न व साहित्य भेंट कर सम्मानित किया। जैन विद्या एवं तुलनात्मक धर्म तथा दर्शन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आनंदप्रकाश त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि प्रो. रविंद्र शंकर जोशी का परिचय प्रस्तुत करते हुए स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. त्रिपाठी ने स्वर्गीय पूनमचंद भूतोडिया का जीवन परिचय भी दिया एवं कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बनवारी लाल जैन ने किया।आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रविंद्र सिंह राठौड़ ने कार्यक्रम के अंत में कृतज्ञता एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में संस्थान के समस्त सदस्य, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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Author: kalamkala

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