किसानों ने बीमा क्लेम के लिए क्रॉप कटिंग व गिरदावरी की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन,
एसडीएम को ज्ञापन देकर 4 अक्टूबर से अनिश्चित कालीन पड़ाव की चेतावनी
लाडनूं। अखिल भारतीय किसान सभा के तत्वावधान में बुधवार को यहां उपखंड कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया जाकर फसल खराबे को लेकर गिरदावरी पूर्ण करने, फसलों की क्रॉप कटिंग करवा कर बीमा क्लेम दिलवाने आदि मांगें उठाई गई और एसडीएम को ज्ञापन दिया गया। धरनास्थल पर सम्बोधित करते हुए किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष भागीरथ यादव ने चेतावनी दी कि चार अक्टूबर तक सही क्रोप-कटिंग नहीं की गई तो किसान अनिश्चितकालीन पड़ाव डालेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की समस्याओं को मजाक समझ रखा है, जिसे किसी हालत किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे।किसानों से वोट लेने वाली सरकार, पैरवी बीमा कम्पनी की करती है। अब उन्हें किसानों के रोष का सामना करना पड़ेगा। सभा को मदन लाल बेरा, शिवभगवान लैड़ी, दुर्गाराम खीचड़, जगदीश पोटलिया, पन्नाराम भामू, शंकरलाल डारा, हरचंद सारण, मोहनराम जानूं, माया कंवर धोलिया आदि ने भी सम्बोधित करते हुए सरकार के किसान विरोधी रवैये के प्रति आक्रोश जताया। बाद में किसान उपखंड कार्यालय में उपखंड अधिकारी सुमन शर्मा से मिले और ज्ञापन देकर समस्याएं उनके समक्ष रखते हुए किसानों के अनिश्चित कालीन पड़ाव की चेतावनी दी।
तेरह सूत्रीय ज्ञापन दिया
अखिल भारतीय संयुक्त किसान मोर्चा व अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा मुख्यमंत्री के नाम से एसडीएम को प्रस्तुत इस 13 सूत्रीय ज्ञापन में फसल खराबे का मुआवजा व प्रधानमंत्री फसल बीमा क्लेम बाबत बताया गया है कि लगातार 40 दिनों तक वर्षा नहीं होने के कारण 70 से 90 प्रतिशत मूंग, मोठ, बाजरा व ग्वार की फसल खराब हो चुकी थी और बाकी बची फसल किसान समेटने में लगा, तो बेमौसम की भारी बारिश ने और खराबा कर दिया। अतः फसल खराबे की पटवारी से गिरदावरी शीघ्र पूर्ण करवाकर उचित मुआवजा दिया जावे। पारदर्शी तरीके से 5 किसानों की मौजूदगी ने क्रॉप कटिंग करवाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा क्लेम दिलाया जाये। रबी 2022-23 के फसल खराबे का मुआवजा व बीमा क्लेम भी तुरन्त दिया जाये। पीने का नहरी पानी सभी ढाणियों व गांवों में सुचारू रूप से दिया जाये। बछड़ों व ऊंटो पर राज्य से बाहर बिक्री पर लगी सभी रोक को तुरन्त हटाया जाये। आवारा पशुओं व सुअरों से किसानों को निजात दिलाई जाये। बिजली कटौती बन्द की जाये व किसानों को 6 घन्टे बिना ट्रीपिंग के बिजली दिलाई जाये। बकाया कृषि व घरेलु विद्युत कनेक्शन तुरन्त दिया जाये। सभी ढीले बिजली के तारों को ठीक करवाया जाये। किसानों का कर्जा माफ किया जाये। प्रधानमंत्री फसल बीमा में जो टोल-फ्री नम्बर हैं, उनका कोई उत्तर नहीं मिलता और दूसरे नम्बर बता दिए जाते हैं और उनके द्वारा बताये गये दूसरों नम्बरों पर भी कोई जबाब नहीं मिलता है और जो अधिकारी बीमा कम्पनी द्वारा नियुक्त है, वह भी फोन नहीं उठाते है। इनका हल तत्काल निकाला जाए। इससे पूर्व गत 4 व 19 सितम्बर को ज्ञापन देकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसका अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ, उन्हें गंभीरता से लिया जाए। इन सभी मांगों का निराकरण 3 अक्टूबर तक नहीं होने पर 4 अक्टूबर से किसानों का आमरण अनशन व धरना के रूप में पड़ाव शुरू किया जायेगा तथा आमरण अनशन शुरू किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में भागीरथ यादव, पन्नालाल भामू, मदन लाल बैरा, माया कंवर, रूपाराम गोरा, बाकलिया, रामचन्द्र, जगदीश गोदारा, जगदीश पोटलिया, दुर्गा राम खीचड़ आदि मौजूद रहे।