जानिए ‘किसान आईडी’ की पूरी योजना-
*जिले भर में किसानों के लिए 5 फरवरी से 31 मार्च तक होगा ग्राम पंचायत स्तरीय ‘फार्मर रजिस्ट्री’ शिविरों का आयोजन,*
*सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए प्रत्येक किसान की बनाई जाएगी फार्मर आईडी, शिविरों के सफल आयोजन को लेकर बैठक आयोजित*
डीडवाना (kalamkala.in)। भारत सरकार एवं राज्य सरकार के निर्देशानुसार एग्रीस्टेक योजना के अन्तर्गत डिजीटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (एग्रीस्टेक) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किसानों के लिए एक व्यापक और एकीकृत रजिस्ट्री डाटाबेस बनाने का कार्य किया जाएगा। इसके अन्तर्गत प्रत्येक किसान की कृषि भूमि का डाटाबेस बनाने के लिए डीडवाना-कुचामन जिले में 5 फरवरी से 31 मार्च तक तीन चरणों में फार्मर रजिस्ट्री शिविरों का आयोजन प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर होगा।जिला कलेक्टर पुखराज सैन ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ 13 दिसम्बर को सीकर जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया जा चुका है। इन शिविरों में प्रत्येक किसान को एक किसान पहचान पत्र दिया जाना प्रस्तावित है। इसमें किसान के स्वामित्व वाले समस्त खसरा नम्बर सहखातेदार होने की स्थिति में खसरे में किसान का हिस्सा, मोबाइल नम्बर, आधार संख्या, ई-केवाईसी विवरण आदि दर्ज होगा, जिससे किसानों का सही और अद्यतन डाटाबेस तैयार किया जा सके। उन्होंने जिले के समस्त जमाबंदी खाताधारकों से अपील की है कि उक्त शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर भारत एवं राज्य सरकार की इस योजना में सहभागी बनें जिससे किसानों का चहुंमुखी विकास हो सके। शिविर के जिला नोडल अधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारी डीडवाना विकास मोहन भाटी ने बताया कि किसानों को अपनी जमाबन्दी, आधार कार्ड एवं आधार से लिंक मोबाइल नम्बर लेकर पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाले शिविरों में उपस्थित होना होगा। जिससे किसानों के चहुंमुखी विकास हेतु फार्मर रजिस्ट्री आईडी महत्वपूर्ण होगी। फार्मर रजिस्टी से प्रत्येक कृषक के कल्याण हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ सुगम एवं पारदर्शी तथा समयबद्ध तरीके से संभव हो सकेगा। पीएम किसान सम्मान निधि एवं विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ हेतु फार्मर रजिस्ट्री आईडी आवश्यक होगी।
शिविरों के सफल आयोजन के संबंध में बैठक आयोजित
जिला कलक्टर के निर्देशानुसार शिविरों के सफल आयोजन हेतु मंगलवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर महेन्द्र मीणा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। बैठक में शिविर से संबंधित सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि शिविर आयोजन के संबंध में अपने-अपने विभागों से संबंधित दायित्वों के अनुसार सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि शिविरों में ‘फार्मर रजिस्ट्री के साथ-साथ ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, कृषि विभाग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, पशु पालन विभाग, सहकारिता विभाग, बैंकिग विभाग एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग से संबंधित कार्य भी किये जायेंगे। ताकि, लाभार्थियों को शिविरों में फार्मर रजिस्ट्री बनवाने के साथ-साथ इन विभागों से संबंधित कार्यों का भी लाभ प्राप्त हो सके।
5 से 7 फरवरी तक इन ग्राम पंचायतों पर होंगे शिविर
एग्रीस्टैक योजना के तहत जिले के किसानों की फार्मर आईडी बनाने के लिए जिले में डीडवाना तहसील की ग्राम पंचायत खोजास में, छोटी खाटू की पावा में, मौलासर की अलखपुरा में, लाडनूं की इंद्रपुरा में, परबतसर की ग्राम पंचायत रिड में, मकराना की मोड़ीचारणा में, नावां की इंडाली में तथा कुचामन की उगरपुरा में 5 फरवरी से 7 फरवरी तक फार्मर रजिस्ट्री शिविर आयोजित किये जायेंगे।
एग्रीस्टैक योजना की विशिष्ट फार्मर आईडी से किसान होंगे ख़ुशहाल
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में किसानों को सशक्त करने के लिए उन्हें डिजिटल रूप से सक्षम बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। एग्रीस्टैक योजना में किसान रजिस्ट्री प्रोजेक्ट को आगामी 5 फरवरी से सम्पूर्ण राजस्थान में लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत जिले में शिविर आयोजित किये जायेंगे, जहां किसानों को फार्मर रजिस्ट्री आई.डी. बनवाने में सहयोग प्रदान किया जायेगा। जिला कलक्टर पुखराज सेन ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को डीडवाना-कुचामन जिले में किसान रजिस्ट्री शिविरों के सफल आयोजन एवं जिले के समस्त किसानों का एग्रीस्टैक पर रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने शिविरों के व्यापक प्रचार-प्रसार के भी निर्देश दिये हैं, ताकि जिले के प्रत्येक किसान को ना केवल शिविरों के आयोजन की जानकारी हो, बल्कि शिविरों में किसान फार्मर आर्डडी बनाने के साथ-साथ अन्य विभागीय योजनाओं से लाभांवित हों सकें।
प्रातः 9ः30 बजे से सायं 5ः30 बजे तक होगा शिविरों का आयोजन
जिला कलक्टर सेन ने बताया कि एग्रीस्टैक योजनांतर्गत जिले में फार्मर रजिस्ट्री अभियान का आयोजन ग्राम पंचायत स्तर पर 5 फरवरी से 29 मार्च तक किया जायेगा। इसके तहत ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित शिविरों में किसानों की विशिष्ट फार्मर आईडी बनाई जायेगी। शिविरों का आयोजन प्रातः 9ः30 बजे से सायं 5ः30 बजे तक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभियान के अंतर्गत प्रत्येक किसान को विशिष्ट फार्मर आईडी प्रदान की जायेगी। किसानों द्वारा आईडी बनवाने के लिये आधार कार्ड, जमाबंदी, मोबाईल नम्बर की जरूरत होगी। भविष्य में किसानों को सरकारी योजनाओं व सेवाओं तक आसान पहुंच करने, प्रधानमंत्री किसान/मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, कृषि विभाग की अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये फार्मर रजिस्ट्री के माध्यम से प्राप्त आईडी उपयोगी होगी।
बेहद सरल है किसान आईडी बनवाने की प्रक्रिया
शिविर कार्यक्रमानुसार 5 फरवरी से जिले में सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर शिविर आयोजित करवाये जा रहे हैं। किसान कृषि भूमि से संबंधित ग्राम पंचायत के शिविर में जाकर फार्मर आईडी बनवा सकते है। फार्मर आईडी बनाने के लिए किसान को महज अपना आधार कार्ड, आधार से लिंक्ड मोबाइल नम्बर वाला फोन और नवीनतम जमाबंदी लेकर शिविर में आना होगा।
हर किसान को मिलेगी 11 अंकों की एक विशिष्ट पहचान
किसान रजिस्ट्री, एग्रीस्टैक परियोजना के तहत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की एक पहल है। कृषक विवरण (कृषक का जनसांख्यिकीय विवरण, उसके द्वारा धारित कृषि भूमि का विवरण, प्रत्येक कृषि भूखण्ड के जीपीएस निर्देशांक, उस पर बोई गई फसलों का विवरण आदि) को डिजिटल इंफास्ट्रक्चर में संकलित किया जाकर, प्रदेश के प्रत्येक किसान को ‘आधार’ आधारित एक 11 अंकों की एक यूनिक आईडी (विशिष्ट किसान आईडी) आवंटित की जाएगी, जिससे किसान डिजिटल रूप से अपनी पहचान प्रमाणित कर सकेंगे। फार्मर आईडी जनरेट होने के बाद भूमि संशोधन (खसरा जोड़ने या हटाने) के लिए पटवारी, भू-अभि. निरीक्षक या तहसीलदार से सम्पर्क किया जा सकता है।
इसलिए उपयोगी है किसान रजिस्ट्री
भविष्य में प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए फार्मर आईडी आवश्यक है। राज्य एवं भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे पात्र किसानों को प्रदान करने के लिए फार्मर आईडी आवश्यक होगी। भविष्य में नामांतरणकरण एवं क्रय-विक्रय पंजीयन की प्रक्रिया में भी फार्मर आईडी आवश्यक होगी।किसान आईडी (बिना अतिरिक्त दस्तावेज) के माध्यम से सरकारी योजनाओं एवं सेवाओं तक पहुंच आसान हो सकेगी। पात्र किसान का प्रधानमंत्री-किसान/मुख्यमंत्री-किसान सम्मान निधि योजना, अन्य योजनाओं में स्वतः जुड़ना सम्भव होगा। किसानों से फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्यों एवं अन्य योजनाओं में त्वरित (बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज के) खरीद संभव हो सकेगी। किसान की फसल के अनुसार डिजिटल तरीके से फसलों का बीमा संभव होगा। इसके अतिरिक्ति किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा ऋण आसानी एवं शीघ्रता से मिल सकेगा। किसानों को फसलों के लिए सेवाओं और बाजारों का व्यापक विकल्प मिल सकेगा। किसान अपनी फसलों, मृदा की स्थिति और कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुसार परामर्श सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही, सरकारी योजनाओं में लाभों का समान वितरण सुनिश्चित हो सकेगा, साथ ही लाभ से वंचित पात्र किसानों की पहचान संभव होगी।