लाडनूं में आंक-दड़ा की खाईवाली के सौदे की पर्चियों सहित एक गिरफ्तार,
कुम्हार ने ली कसाई की जमानत, पुलिस लिंक तलाश करे
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। स्थानीय पुलिस ने जुआ-सामग्री सहित एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। यहां शिव मंदिर के पास से अली अकबर (33) पुत्र मो. बशीर व्यापारी निवासी वार्ड नं. 21 पोस्ट ऑफिस के पास, लाडनूं को अंक लिखी पर्ची, पेन व जुआ राशि 240 रुपए नगद समेत गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 13 आरपीजीओ के तहत मुकदमा बनाया गया है। 20 मार्च को हेड कांस्टेबल गजेन्द्र सिहं ने कांस्टेबल रामदयाल व आशीष कुमार सहित लोकल एक्ट एवं स्पेशल एक्ट की कार्यवाही के लिए शहर की गश्त के दौरान उनके स्टेशन रोड के पास पहुंचने पर सूचना मिली कि शिव मन्दिर के एक शख्स पर्ची पर नम्बर लिख कर पैसे की खाईवाली कर रहा है। इस पर वे शिव मन्दिर के पास पहुंचे, तो वहां रेल्वे स्टेशन के बाहर मुख्य सड़क पर पर दीवार के पास खडे पर्ची पर अंक लिखते-लिखवाते एक व्यक्ति दिखाई दिया। वह वर्दी सहित पुलिस को देख कर छुपने की कोशिश करने लगा। पास जाने पर वह पर्ची पर अंक लिख रहा था। उस अली अकबर नामक व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ कर पूछताछ की और चैक किया तो, उसके पास एक अंक लिखी पर्ची, पेन व 240 रुपए की जुआ-राशि मिली। उसका यह कृत्य सार्वजनिक स्थान पर पर्ची पर अंक लिख कर जुआ-सट्टा की खाईवाली का जुर्म धारा 13 आरपीजीओ पाया गया। जुआ सामग्री को जप्त कर मुलजिम को गिरफ्तार किया गया। बाद में काबिल जमानत जुर्म होने से पुलिस के समक्ष मौके पर अपने जामिन के रूप में मुलजिम अली अकबर की जमानत अभिषेक (25) पुत्र संजय नागपुरिया जाति प्रजापत निवासी कुम्हारों का बास लाडनूं ने आकर ली। जमानत व मुचलका के आधार पर मुलजिम को रिहा किया गया।
कलम कला व्यू- कहां हाथ डाले पुलिस
लाडनूं में जुआ-सट्टा की खाईवाली करके लोगों को ठगी का शिकार बनाने और धन ऐंठने वाले लोग बड़ी संख्या में सक्रिय हैं। यहां यह सामाजिक बुराई और कानूनी अपराध लम्बे समय से धड़ल्ले से चल रहा है। मेहनत-मजदूरी करने वाले और छोटे व्यापारी वर्ग के लोगों के साथ पढने वाले छात्र तक इस बुराई की चपेट में आकर अपना घर-परिवार और भविष्य खराब कर रहे हैं। यहां बस स्टेंड से राहूगेट के अंदर तक, बड़ा जैन मंदिर मार्ग पर, कुम्हारों का बास, पहली पट्टी, सदर बाजार, आधी पट्टी, तेली रोड, पुरानी रेलवे फाटक, गांधी चौक, जावा बास आदि विभिन्न स्थानों पर ऐसे लोग कहीं न कहीं बैठे मिल जाएंगे, जो पर्चियां लेकर खाईवाली करके सौदे नोट करते हैं। इनके पास पैन, अंक-दड़ा और संकेत लिखी पर्चियां और नकद रुपए जेबों में रहते हैं। पुलिस को नियमित और व्यवस्थित गोपनीय तरीके से अभियान चला कर इस कारोबार को ध्वस्त करना चाहिए। पकडे़ जाने वाले लोग मुख्य नहीं होते, वे मात्र किसी के लिए काम करने वाले एजेंट हैते हैं। जिनके लिए ये काम करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है और उन पर गैर जमानती धाराओं के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।