जीवन में गुरु होना आवश्यक -कथावाचक खांडल, गणमान्य दानदाताओं और मीडियाकर्मी का हुआ सम्मान
जीवन में गुरु होना आवश्यक -कथावाचक खांडल, गणमान्य दानदाताओं और मीडियाकर्मी का हुआ सम्मान मूण्डवा (लाडमोहम्मद खोखर)। गांव रूण में सोहनलाल रिणवां परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा में सातवे दिन कथा विश्राम हुआ। कार्यक्रम सहयोगी मूलचंद कैलाश और अर्जुन ने बताया कथाव्यास कैलाश शास्त्री खांडल ग्वालू द्वारा सुदामा चरित्र का प्रसंग सुनाया जिसमें बताया कि विप्र सुदामा गरीब थे। लेकिन दरिद्र नही थे, दरिद्र मतलब किसी को धोखा देकर धन हड़पने या गौचर जमीन को दबाने वाले को दरिद्र कहा जाता है। भगवान कृष्ण सुदामा की भक्ति से प्रसन्न होकर झोपड़ी की जगह महल बना दिया । इसके साथ ही चोबीस गुरुओं का ज्ञान का प्रसंग सुनाया और बताया जी जीवन में गुरु होने अत्यंत आवश्यक है । गुरु बिना जीवन में अंधेरा होता है। साथ ही कलयुग का वर्णन बताया कि कलयुग केवल नाम आधारा.. यानी कलियुग में केशव का कीर्तन और नाम जप करें ।
इनका हुआ सम्मान
कथा के दौरान गायों के हितार्थ दान देने वालों गणमान्य नागरिकों तथा मीडिया प्रभारी फखरुद्दीन खोखर को बेहतरीन कवरेज करने पर इन सभी का फूलमाला पहनाकर मोमेंटो देकर आयोजक परिवार राजाराम सोहनलाल रिणवां द्वारा सम्मान किया गया, साथ ही कथा विश्राम के बाद कथा पंडाल से भोमियासा मंदिर तक विशाल शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए पुरुषों के साथ भाग लिया इस दौरान महा प्रसादी का भी आयोजन हुआ।