कलम कला ख़ास रिपोर्ट-
लाडनूं में आधुनिकतम सुविधाओं युक्त नैसर्गिक उपचार केन्द्र से लोगों को राहत,
प्राकृतिक चिकित्सा से स्वास्थ्य लाभ के साथ मेडिकल डिग्री व कोर्सेज से बनेगा विद्यार्थियों का कैरियर
लाडनूं (जगदीश यायावर)। आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में अपनी छोटी-मोटी शारीरिक व्याधि के लिए सभी सहज रूप से ऐलोपैथिक दवाओं का सहारा लेकर फिर से काम में जुट जाते हैं, लेकिन तात्कालिक लाभ के अलावा शरीर में मौजूद बीमारी जीर्ण हो जाती है और अंग्रेजी दवाओं के साइड इफेक्ट भी पैदा होने से व्यक्ति को गंभीर बीमारियां जकड़ लेती है। साइड इफेक्ट और स्वास्थ्य के लगातार गिरते जाने की चिंता को लेकर अब लोग प्राकृतिक चिकितसा पद्धति और योग का सहारा लेने लगे हैं। इससे मिलने वाले शारीरिक, मानसिक और आत्मिक पोषण के कारण पीड़ित व्यक्ति स्वतः ही आरोग्य की तरफ बढने लगा है। इसी कारण आमजन में नेचुरोपैथी के प्रति रूझान बढा है। सभी अपने आसपास सहज सुलभ ऐसा प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र तलाश करते हैं।
मनोरम वातावरण और आधुनिक सुविधाएं
जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्यों की सोच के अनुकूल आचार्य महाप्रज्ञ नेचुरोपैथी सेंटर का प्रारम्भ किया गया है। यहां आते ही यहां का हरितिमा युक्त प्राकृतिक सौंदर्य व्यक्ति के मन को सुखद अहसास करवाता है। इस नेचुरोपैथी केन्द्र के विकास और सौंदर्यकरण के तहत परिसर में 350 छायादार एवं फलदार पेड़ों का सघन वृक्षारोपण, 700 ईनरी बाड़ एवं 400 फलों व फूलों के नवीन पौधों का पौधारोपण कर इसे मनोरम बनाया गया है। अंदर प्रवेश करने पर आंतरिक साज-सज्जा भी आधुनिक, वातानुकूलित बनाई जाने के साथ मल्टी-मीडिया, मनोरंजन आदि सभी सुविधाएं भी यहां प्रारम्भ की गई हैं। ओपन जिम्नेजियम, रोड़-लाईट्स एवं पावर बेकअप के लिए जनरेटर-सेट एवं पैदलपाथ-वे द्वारा सुविधाओं का पूरा विस्तार किया गया है, जिसका लाभ यहां आने वाले मरीजों व पारिवारिक परिचारकों को प्राप्त होता है। अस्पताल में जल-संग्रहण के लिए कुण्ड हंै। मरीजों की हर प्रकार की रूग्णावस्था के लिए उचित उपचार की पर्याप्त व्यवस्था के रूप में समस्त प्रकार के आधुनिकतम उपकरण व सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां एक बार प्रयुक्त की जाने वाली डिस्पोजेबल सामग्री एवं औषधीय तेलों एवं अन्य दवाओं का संग्रहण मौजूद है तथा 2 डीलक्स हाइड्रो थैरेपी मसाज टब एव दो स्टीम केबिन ओजोन जेनेरेटर सहित कई आधुनिक व्यवस्थाएं हैं। षट्कर्म योग-क्रिया-स्थल, मड-थैरेपी बाथरूम निर्मित कर चिकित्सा की जा रही है।
प्राकृतिक चिकित्सा की शक्ति को बढाया
मरीजों के शीघ्र आरोग्य प्राप्ति के लिए यहां प्राचीनतम और स्वास्थ्य की देखभाल की निर्दोष प्रणाली प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान को जोड़ कर इस पद्धति की शक्ति को बढा दिया गया है। विविध प्रकार के प्राकृतिक उपचारों के साथ आहार को नियंत्रित व पौष्टिक बनाकर भी व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा रहा है, ताकि शरीर में समस्त तत्वों के संतुलन से स्वास्थ्य लाभ शीघ्र हो। इनके साथ ही शरीर सक्रिय व स्वस्थ बनाने के लिए हाईड्रोथेरेपी, मालिश, योग और ध्यान एवं अन्य प्राकृतिक चिकित्सा सिस्टम का उपयेाग भी किया जाता है। यहां गठिया, दमा, ब्रोंकाइटिस, कोलाइटिस, मधुमेह, हृदय की समस्याओं, मोटापा, अम्लता, पीलिया, सांस की बीमारियों और स्पोंडीलाईटिस आदि बीमारियों का उपचार निसर्गिक पद्धति से किया जाता है। केन्द्र में डीलक्स और सेमी-डीलक्स कॉटेज के साथ 50 शैयाओं की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। यहां हाइड्रोथेरेपी, मैनिपुलेटिव थेरेपी, एक्यूपंक्चर, फिजियोथेरेपी, मड थेरेपी, सुगंध और मालिश थेरेपी, रंग और चुंबकीय थेरेपी, पोषण और आहार की उपचार पद्धति के साथ व्यायामशाला और हर्बल और प्राकृतिक भोजन प्रदान करने वाली भोजनशाला की सुविधा भी उपलब्ध है।
प्राकृतिक चिकित्सा के तरीके
इस पद्धति में डायटेटिक्स, वानस्पतिक चिकित्सा, होम्योपैथी, उपवास, व्यायाम, जीवनशैली परामर्श, विषहरण और केलेशन, नैदानिक पोषण, हाइड्रोथेरेपी, प्राकृतिक उपचार, आध्यात्मिक उपचार, पर्यावरण मूल्यांकन, स्वास्थ्य सहित प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करके रोग निदान, उपचार और इलाज को विज्ञान सम्मत बनाया गया है। व्यक्ति को अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के मूल कारण के बारे में शिक्षित करके, स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ परिवर्तनों के बारे में जागरूक करने, आहार और जीवन शैली में बदलाव करने की दिशा में मार्गदर्शन से पूर्ण स्वास्थ्य लाभ के लिए तैयार किया जाता है। यहां चिकित्सा शिविरों का आयोजन भी किया जा रहा है। यहां लगाए गए चिकित्सा शिविरों में दो दिवसीय निसर्ग उपचार शिविर तथा तीन दिवसीय आचार्य महाप्रज्ञ निसर्ग उपचार शिविर में काफी लोगों ने यहां उपलब्ध सभी चिकित्सा सेवाओं का पूर्ण लाभ प्राप्त किया है। शिविरार्थियों ने अपने अनुभवों में इस चिकित्सा पद्धति और यहां की व्यवस्थाओं-सुविधाओं की सराहना की हैै। इन शिविरार्थियों ने अपने शरीर को स्वस्थ पाया और अपने घर पर भी नियमित अभ्यास करते रहने का संकल्प किया।
चिकित्सा के विभिन्न प्रकार
यहां निसर्गिक चिकित्सा पद्धति के आधुनिकतम उपकरणों व सुविधाओं की व्यवस्था की गई है और सुप्रशिक्षित चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ द्वारा व्यक्ति को पूर्ण स्वस्थ्य बनाए जाने का प्रकल्प चलाया जा रहा है। केन्द्र में महिला व पुरूष तीन डाॅक्टर्स के साथ एक डाईटीशियन, तीन थैरेपिस्ट, एक हाउस-कीपिंग सुपरवाईजर एवं प्रशासक की सेवाएं लगातार मिल रही हैं। इनके सहयोग से यहां बाॅडी मसाज, स्टीम व सोना बाथ, मड पैक बाथ, सैंड फोर्मेशन, एक्यूपंक्चर, फेसियल व लोकल स्टीम, शिरोधारा, होट व कोल्ड कम्प्रेस एड पैक तथा थ्रोट, एब्डोमिन, आर्म, नी, लैग पैक, नेचुरल, होट एंड कोल्ड हिप बाथ, एनिमा, गेंजी, टर्मरिक, नीम बाथ, जकुजी व सर्कुलर जेट हायड्रोथैरेपी, कटि स्नान, जानु स्नान, ग्रीवा बस्ति आदि की सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध करवाई जा रही है।
चिकित्सा के साथ डिग्री व अन्य कोर्सेज भी
जैन विश्वभारती संस्थान के इस नेचुरोपैथी विभाग में ‘योग एवं नेचुरोपैथी’ का नियमित एवं ‘आहार शास्त्र’ का आॅनलाईन प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया गया है। इसके अलावा बीएनवाईएस (बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड यौगिक साइंसेज) कोर्स के संचालन द्वारा योग और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में उत्कृष्टता पैदा करने के उद्देश्य से विभिन्न कोर्सेज का भी संचालन भी राजस्थान सरकार की अनापति के पश्चात् शुरू किया जाएगा। इस प्राकृतिक चिकित्सा और योग में साढ़े पांच साल के मेडिकल डिग्री पाठ्यक्रम की वर्तमान में मांग भी बनी हुई है। इससे विद्यार्थी अपने कैरियर के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, अनुसंधान परिषद जैसे केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरवाईएन) जैसे क्षेत्र के अलावा विदेशों में भी नौकरी के अवसर प्राप्त कर सकेगा। इसके अलावा स्कूलों में योग शिक्षक, चिकित्सा विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में व्याख्याता पद, प्रोफेसरशिप, रीडरशिप, योग शिक्षण, योग पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिस, सेना आदि विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकता है।