खबर का पोस्टमार्टम-
लाडनूं में पिस्तौल दिखा बालेरा के युवक को दो दिनों तक बंधक बनाया, उसके खाते में 10 लाख करीब जमा करवाने और वापस निकलवाने के पीछे क्या राज है?
पुलिस जांच में खुल पाएंगे अपराध की दुनियां के बहुत सारे पेंच, अपराधियों की एक बड़ी गैंग का होगा पर्दाफास
लाडनूं (kalamkala.in)। बालेरा (बीदासर) के दो जनों को हाल ही में लाडनूं में कुछ बदमाशों ने बंधक बना कर मारपीट करके एवं पिस्तौल दिखा कर जान से मारने की धमकी देकर उनसे लूट करने के साथ ही दो दिनों तक उनके बैंक खाते से लाखों का लेनदेन करने का मामला लाडनूं पुलिस थाने के दर्ज हुआ था। गत 23-24 सितम्बर को हुई इस गंभीर वारदात की जांच डीएसपी विक्की नागपाल कर रहे हैं। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, लेकिन ज्ञात हुआ है कि पुलिस आरोपियों का पता लगा चुकी है। आरोपी लाडनूं व आसपास के गांवों के बताए जा रहे हैं। यह वारदात बालेरा निवासी तोलाराम नायक व शेराराम जाट के साथ हुई थी। यहां हाईवे पर तिरपाल की दुकानों के पास शराब के ठेके के पीछे एक नोहरे व वहां बनी टीनशेड के कमरों में हुई। वारदात करने वाले आरोपी एक स्काॅर्पियों में आए थे और संख्या में 8-10 बताए जा रहे हैं।
पीड़ित के बैंक खाते से करीब 10 लाख के लेनदेन के पीछे क्या है
लाडनूं के पप्पू ने बालेरा के इन व्यक्तियों को फोन करके लाडनूं के हाईवे पर इस जगह बलाकर काम भी करवाया था। पप्पू के फोन में इसकी काॅल डिटेल भी मिल जाएगी। इस पप्पू को इन सभी आरोपियों के बारे में भी जानकारी है। इनकी स्काॅर्पियो गाड़ी के बारे में भी पप्पू पूछताछ में बता सकता है। पीड़ित तोलाराम, उसका साथी शेराराम व पप्पू तीनों ने उन आरोपियों को देखा था और वे वापस देख कर पहचान भी सकते हैं। ये लोग स्काॅर्पियो में पीड़ित तो लेकर उसके गांव में उसके घर भी गए थे, वहां भी कोई पहचानने वाला संभव है। इसके बाद वे उसे लेकर दो बैंकों में गए थे, जहां के सीसी टीवी कैमरों में भी आरोपियों की वीडियोक्लिप मिल सकती है। पीड़ित के मोबाईल फोन में फोन-पे डाउनलोड करके लेनदेन किया गया था, उस फोन से मैसेज और एप सब डिलीट कर दिए गए, लेकिन साइबर एकसपर्ट उन सको रिकवर कर सकते हैं। इससे किस व्यक्ति को वे रूपए भेजे गए, उसका पता लगाया जा सकता है। यह जानकारी भी संभव है कि आखिर पीड़ित के खाते में करीब 10 लाख रूपए किस व्यक्ति से जमा करवाए गए और फोन-पे से वापस किस व्यक्ति को भेजे गए? इस अवैध लेनदेन का उद्देश्य क्या था और आखिर किस अवैध धंधे का लेनदेन इस तरीके से किया गया?
कोई बहुत बड़ी वारदात भी छिपी है इस वारदात के पीछे
यह मामला साधारण मारपीट, अपहरण या बंधक बनाने, मात्र 5 हजार रूपए लूट लेने आदि तक ही सीमित नहीं है। यह प्रकरण किसी बहुत बड़ी गैंग की तरफ इशारा करता है। पिस्तौल के माध्यम से अपराध कारित करने, 8 से 10 जनों तक गिरोह एकसाथ सक्रिय रहना और गिरोह के मुख्य लोगों का कहीं अन्यत्र होना, जिनके माध्यम से अवैध आय के पैसों का लेनदेन व ठिकाने लगाना, इस अवैध आय के स्रोत किस प्रकार के अपराध की ओर इंगित करते हैं, आदि बहुत सारे बिन्दु इस मामले की जांच के हैं और इससे लाडनूं में सक्रिय गंभीर अपराधों के गिरोह और उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी मिल कर एक बड़ा खुलासा किया जाना संभव हो पाएगा। इस मामले में पीड़ित तोलाराम और उसके साथी शेराराम से भी गहन पूछताछ की जानी आवश्यक है, क्योंकि जो बातें और महत्वपूर्ण सूचनाएं एफआईआर में नहीं आ पाई, वे भी इस पूछताछ में खुल सकेंगी और आरोपियों की ओर कदम बढाने में इससे सहायता मिलेगी।
पीड़ित की रिपोर्ट इस प्रकार से थी
स्थानीय पुलिस को इस मामले की रिपोर्ट बीदासर तहसील के बालेरा निवासी तोलाराम नायक पुत्र पेमाराम जाति नायक ने दी, जिसमें बताया गया कि वह और उसके ही गांव का शेराराम जाट दोनों 23 सितम्बर को सुजानगढ़ में बायपास रोड पर स्थित विकास माली के प्लॉट पर आए हुए थे। तब लाडनूं के एक पप्पू नाम बताने वाले व्यक्ति ने उसे सुबह 8 बजे फोन किया और लाडनूं में बायपास रोड पर तिरपालों की दुकानों के एरिया में आने का बोला। उसने कहा कि उन्हें लेबर का काम करवाना है। इस पर वह अपनी मोटर साइकिल लेकर शेराराम के साथ लाडनूं बायपास रोड पर बताई जगह पहुंच गया। वहां एक नोहरा था, जिसमें टेणों के मकान बने हुये थे। वहां उन दोनों से थोडी देर काम करवाया गया। फिर वहां पर 8-10 लड़के इकट्ठे हो गये। वहां एक स्कोर्पियों गाड़ी व एक थार गाड़ी में कुछ लोग आये और उन्होंने उन दोनों को एक कमरे में ले जाकर सिर पर पिस्तौल तान दी और डराया कि अब उन्हें वही करना है जो वे उन्हें बताएंगे, नहीं तो जान से मार देंगे। उन्होंने उसका एटीएम अपने कब्जे में ले लिया तथा उन्होंने उसके खाते के नम्बर किसी को भेजे। दिन में करीब दो-ढाई बजे उन्होंने उसे स्कोर्पियो गाड़ी में बैठाया, जिसमें वो 5 लड़के भी थे। उनकी उम्र करीब 35 से 40 वर्ष थी, वो उसे पिस्तोल दिखाकर लाडनूं में बंद कर दिया। उनमें से 5 आदमियों ने उनकी तलाशी ली। उसके पास 5 हजार रूपये थे, जिन्हें छीन लिया और मोबाईल भी उन्होंने अपने कब्जे में ले लिया। उन लोगों ने उससे अपने बैंक खाता के नम्बर मांगे और मना करने पर उनमें से दो लड़के उसे लेकर उसके गांव में घर ले गये और डराकर उसके घर से उसकी बैंक बुक व बैंक डायरी ले ली। बैंक की ये बुक्स उसकी बी.आर.के.जी.बी. शाखा गोपालपुरा के थे। इसके बाद वे उसे वापिस लाडनूं ले आये। उसे वे लोग गोपालपुरा व सुजानगढ़ दोनों बैंकों में भी लेकर गये थे। सुजानगढ़ में उनको कहा गया कि सिर्फ एक लाख ही दे सकते हैं, तब उसे गोपालपुरा ले गये। 23 सितम्बर की रात्रि में उसे व शेराराम दोनों को उन्होंने लाडनूं में कमरे में ही बंद रखा। 24 सितम्बर को उन्होंने किसी से उसके खाते में रूपये डलवाये थे वो रूपये बैंक से वापस निकलवाने पर ही उन्होंने उसे व शेराराम को शाम को जाकर छोड़ा। तोलाराम की इस रिपोर्ट के अनुसार उन लोगों ने लगातार दो दिनों तक उन दोनों (तोलाराम व शेराराम) के मोबाईल आपने पास ही रखे तथा उसके खाते में करीब 9 लाख 58 हजार 514 रूपये किसी को धमकी देकर डलवाये और उन्होंने ही उससे जबरन बैंक से वापिस निकलवा कर ले लिए। इस बीच उन्होंने उसे जातिसूचक गालियां भी निकाली थी।