छः विद्याओं के जनक थे भगवान आदिनाथ : सीए महेंद्र पटनी,
प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का निर्वाण उत्सव मनाया
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। नगर के सभी दिगंबर जैन मंदिरों में प्रथम तीर्थंकर भगवान श्री आदिनाथ का मोक्ष कल्याणक पर्व भक्ति भाव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर नगर के श्रावकों ने भगवान आदिनाथ का महा अभिषेक एवं शांतिधारा की।
मंत्री विकास पांड्या ने बताया कि भक्तामर महामंडल विधान का आयोजन किया गया, तदुपरांत जैन समाज के लोगों ने निर्माण लाडू चढ़ाया। इस अवसर पर 48 आर्घ के साथ महामंडल विधान सानंद संपन्न हुआ।
विभिन्न कलाओं के जनक थे भगवान आदिनाथ
कार्यक्रम में जैन दर्शन मनीषी डॉ. सुरेंद्र जैन ने भगवान आदिनाथ के जीवन रहस्यों को बताया। समाजसेवी सी.ए. महेंद्र पटनी कोलकाता ने कहा कि भगवान श्री आदिनाथ असी मसी, कृषि, विद्या, वाणिज्य और शिल्प विद्या के जनक थे, अर्थात उनके समय काल से ही खेती, किसानी, विद्या, अंक विद्या और शिल्प आदि कलाओं का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर, संतु कासलीवाल अंकुश सेठी, आकाश कासलीवाल, सुरेंद्र सेठी, नरेंद्र कासलीवाल, अंकुर चूड़ीवाल, आकर्ष जैन, विशाल सेठी, राहुल जैन, अनिरुद्ध जैन, शरद जैन सुधांशु, महेंद्र सेठी एवं महिलाओं में सुशीला देवी, कासलीवाल, डॉ. मनीषा जैन, सुशीला सेठी, अंजना पांड्या, अल्पा कासलीवाल, मोनिका सेठी, कुसुम सेठी, संतोष सेठी, अध्यापिका वीणा जैन सहित दिगंबर जैन समाज के पदाधिकारियों एवं श्रावक-श्राविकाओं ने सम्मिलित होकर सभी कार्यक्रमों में सहभागिता दर्ज की तथा पुनर्जन किया।