लाडनूं में कबाड़ी के गोदाम में आग लगने से 17 लाख का नुकसान, पांच घंटों बाद पाया काबू लेकिन 12 घंटों बाद भी सुलग रहा था सामान,
तेज वोल्टेज के कारण शाॅर्ट सर्किट होकर लगी आग, कबाड़ी की प्रेशर मशीन, स्क्रेप सामान और शेड वगैरह जल कर नष्ट हुए, नहीं आई लाडनूं की दमकल
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। यहां तेली रोड गली नं. में सिनेमा हाॅल के पास स्थित जाकिर कबाड़ी के जेडी स्क्रेप गोदाम में गत रात्रि अचानक आग लग जाने से लाखों रूपयों का सामान जल की राख बन गया। गत रात्रि करीब 2.30 बजे लगी इस आग की लपटों को देख कर आसपास के लोगों ने इसकी जानकारी गोदाम मालिक जाकिर कबाड़ी और फायर ब्रिगेड को दी, लेकिन लाडनूं नगर पालिका की फायर ब्रिगेड वाहन का कोई चालक मौजूद नहीं होने व गाड़ी खराब होने से वह दमकल गाड़ी नहीं आ सकी। फिर सुजानगढ फोन किया गया। वहां से डेढ घंटे बाद दमकल पहुंची। इस प्रकार करीब पांच घंटे बाद मशक्कत के बाद कहीं दमकल ने पहुंच कर आग पर काबू पाया। इसके अलावा वहां एकत्र हुए लोगों ने भी पानी की बाल्टियां भर कर आग बुझाने की चेष्टा की। लेकिन तब तक समस्त प्रकार का स्क्रेप का सामान जल चुका था। इस स्क्रेप में प्लास्टिक और अन्य ज्वलनशील वस्तुएं शामिल होने से आग पर काबू पाया जाना मुश्किल था। आग की लपटें आसमान छू रही थी। आसपास के समस्त लोग बुरी तरह से घबरा गए और अफरा-तफरी मच गई। आग की हालत यह रही कि मंगलवार को अपराह्न तक आग सुलग रही थी।
रिपोर्ट में बताया 17 लाख का नुकसान
इस सम्बंध में गोदाम मालिक जाकिर हुसैन पुत्र दीन मोहम्मद तेली निवासी गली नं. 6 तेली रोड़ लाडनूं पुलिस को रिपोर्ट देकर बताया है कि जे.डी. स्क्रेप्ट के नाम से उसका एक कबाड़ी गौदाम तेली रोड़ लाडनूं के गली नं. 6 में अवस्थित है। रात्रि करीब 2.30 बजे इस गौदाम में विद्युत के शोर्ट सर्किट से अचानक आग लग गयी, जिसको फायर ब्रिगेड सुजानगढ़ ने पहुंच कर आग पर काबू पाया। आग के कारण इस फर्म में उसका बहुत नुकसान हुआ, जिसमें 4 लाख रूपयों की कबाड़ी माल की प्रेशर मशीन और 10 लाख से अधिक कीमत के स्क्रेप सामान में गत्ते के कार्टून, प्लास्टिक की पेड बोतल, प्लास्टिक के नीले ड्रम, रबड़ के टायर व अन्य कबाड़ी का सामान तथा गौदाम में लगे टीन शेड एवं भवन भी आग लगने के कारण जल जाने से तीन लाख रूपये का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में उसने आग विद्युत कनेक्शन में अचानक तेज वोल्टेज आ जाने से शोर्ट सर्किट होकर आग लगना बताया है, जिससे उसे नुकसान पहुंचा। गौरतलब है कि लाडनूं में छिपोलाई से आगे तिरपाल गोदामों में भी पूर्व में कई बार आग लग चुकी।