व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के लिए योग को बनाएं जीवन का आधार- कुलपति प्रो. दूगड़,
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सामुहिक योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित
लाडनूं (kalamkala.in)। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जैन विश्वभारती संस्थान में आचार्य महाप्रज्ञ सभागार में सामुहिक रूप से योग के विभिन्न आसन, प्राणायाम व यौगिक क्रियाओं का अभ्यास किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग से चित्त और मन की निर्मलता बढती है। जहां चित और मन की निर्मलता बढती है, वहां बुद्धि का प्रस्फुरण होता है। अपने व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के लिए हम यदि अपने जीवन में योग को अपनाएं, तो इससे बेहतर कुछ हो नहीं सकता। कार्यक्रम में योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. प्रद्युम्नसिंह शेखावत ने सबको रीढ की हड्डी, पैरों, हाथों, गर्दन, पेट, कमर, मांसपेशियों, कंधों, मस्तिष्क आदि के स्वास्थ्य के सम्बंध में विभिन्न योगाथ्यास करवाए। सभी उपस्थित लोगों ने डा. युवराज सिंह खंगारोत व दशरथ सिंह की देखरेख व मार्गदर्शन में सामुहिक योगाभ्यास किया। इस अवसर पर रजिस्ट्रार डा. अजयपाल कौशिक, दूरस्थ एवं आॅनलाईन शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, विताधिकारी आरके जैन, प्राकृत एवं संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जिनेन्द्र जैन, शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन, डा. सत्यनारायण भारद्वाज, डा. बलवीर सिंह चारण, डा. रामदेव साहू, दीपाराम खोजा, डा. जेपी सिंह, डा. पुष्पा मिश्रा, डा. आभा सिंह, डा. मनीषा जैन, डा. प्रगति चौरड़िया, अंजुलता जैन, मनीषा चौहान, जगदीश यायावर, प्रकाश गिड़िया, दीपक माथुर, घासीलाल शर्मा, रामनारायण गैणा, ओमप्रकाश सारण, राजेन्द्र बागड़ी, मनीष सोनी आदि उपस्थित रहे।