‘वन रेंक वन पेंशन’ योजना से छोटे सैन्य वर्ग के वंचित रहने के विरोध में दिया ज्ञापन, पूर्व सैनिकाें ने निकाली रैली
लाडनूं। ब्लाॅक के भूतपूर्व सैनिकों के संगठन फेडरेशन ऑफ वेटरंस एसोसिएशन के तत्वावधान में क्षेत्र के पूर्व सैनिकों एवं वीरांगनाओं ने यहां रैली निकालकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री के नाम के ज्ञापन उपखंड अधिकारी को सौंप कर पूर्व सैनिक वर्ग की मांगों के समाधान की मांग की गई। इन्होंने पूर्व सैनिकों के साथ हो रहे अन्याय के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और ओआरओपी की विसंगतियों को दूर करने की मांग की। साथ ही देशव्यापी आंदोलन में शामिल होकर विरोध करने की चेतावनी दी।
लाखों पूर्व सैनिक हैं आंदोलनरत
ज्ञापन में बताया गया है कि राष्ट्ररक्षा में समर्पित रहे लाखों पूर्व सैनिक, युद्ध-वीरांगनाएं और दिव्यांग पूर्व सैनिक लम्बे समय से अपनी उचित मांगों के समाधान के प्रयोजन से आंदोलनरत है। देश के हर कोने से गत 3 अप्रैल को जिलाधीशों के माध्यम से और 30 अप्रैल को सांसदों के माध्यम से विभिन्न मांगों का ज्ञापन भेजे गए थे। इसके साथ ही गत 20 फरवरी से दिल्ली के जंतर-मंतर पर पूर्व सैनिक और वीरांगनाएं धरने पर बैठे हैं। इस धरने को एक सौ दिन पूरे हो चुके, पर सरकार द्वारा अभी कोई इस सम्बंध में कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। सरकार ने दीर्घ प्रतीक्षित वन रेंक वन पेंशन ओआरओपी. व अन्य मांगों को स्वीकृत किया था, परन्तु गैर अधिकारी पूर्व सैनिकों, जो 97 प्रतिशत हैं, के सम्बन्ध में सही तथ्य प्रस्तुत नहीं किये जाने से इन मांगों के सन्दर्भ में एैतिहासिक भेद-भाव और अन्यायपूर्ण फैसले हुए हैं और यह वर्ग बड़े वर्ग के समक्ष बुरी तरह ठगा हुआ महसूस कर रहा है। ज्ञापन में मांग की गई है कि राष्ट्रीय स्तर पर लाखों पूर्व सैनिकों द्वारा गठित संगठन ‘फेडरेशन ऑफ वेटरंस एसोसिएशंस’ से वार्ता कर समस्त मांगों पर उचित संज्ञान लेते हुए उनका शीघ्र निराकरण किया जाए।