मूण्डवा ( रिपोर्टर लाडमोहम्मद खोखर)। बच्चों में खगोलीय घटनाओं और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए विपनेट क्लब एपीजे अब्दुल कलाम नेशनल काउंसिल ऑफ यंग साइंटिस्ट इंडिया व अटल टिंकरिंग लैब श्री वागीश्वरी विद्या मंदिर मूण्डवा में सेफ सोलर एस्ट्रोनॉमी वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशाप का मुख्य उद्देश्य 25 अक्टूबर 2022 को होने वाले आंशिक सूर्य ग्रहण के बारे में बच्चों को जानकारी देना। इस कार्यशाला के माध्यम से सूर्यग्रहण के प्रति बच्चों में व आमजन में प्रचलित भ्रांतियों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए किया गया। क्लब के नेशनल डायरेक्टर गजेंद्र गेपाला के द्वारा सूर्य ग्रहण से संबंधित सभी बिंदुओं मिथकों और सुरक्षित रूप से सूर्य ग्रहण देखने की विधियों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि आज भी अधिकांश लोगों को सूर्य ग्रहण को देखने के सुरक्षित तरीके की जानकारी नहीं है। इस अज्ञानता के कारण जनमानस में विद्यार्थी असुरक्षित विधियों से सूर्य ग्रहण को देखने से उनके आंखों की दृष्टि क्षमता को क्षति पहुंचती है। जिसका आभास भी हमें नहीं हो पाता इसके साथ ही ग्रहण के प्रति कई मिथक या भ्रांतियां फैली हुई है। सुरक्षित ढंग से ग्रहण देखने के लिए विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया और बताया कि क्या करें और क्या नहीं करें। किस प्रकार देखें जिससे आंखों की रोशनी पर दुष्प्रभाव या परिणाम आए।
गेपाला ने बताया कि सूर्यग्रहण देखने का सबसे सही तरीका है ऐलुमिनी माइलर काले पालिमर 14 नं. शेड के झलाईदार कांच का उपयोग कर अथवा टेलिस्कोप के माध्यम से श्वेत पर्दे पर सूर्य की छाया प्रक्षेपण कर देख सकते हैं। अध्यापक सुरेश राव ने बताया कि सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को 2:29 पर शुरू होगा और शाम को 6:32 तक रहेगा। इस प्रकार सूर्य ग्रहण 4 घंटे और 3 मिनट रहेगा भारत में सूर्य ग्रहण 4:00 बजे दिखाई देगा। भारत के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में देखा जा सकता है। भारत के अलावा यूरोप उत्तरी अफ्रीका मध्य एशिया और एशिया के दूसरे देशों में भी देखा जा सकता। भारत के मुख्य रुप से अगरतला, इलाहाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु, भागलपुर, भोपाल, भुनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, कोचीन, कटक, देहरादून के साथ राजस्थान में अजमेर में 4 बजकर 30 मिनट, माउंट आबू में 4 बजकर 34 मिनट 7 सेकंड और जयपुर में 4 बजकर 32 मिनट 2 सेकंड पर देखा जा सकता है।
