हाईवे पर डाले जा रहे मुर्गियों व पशुओं के अवशेषों से परेशान हुए लोग,
अवैध बूचड़खाना संचालक रोज फेंक रहे हाईवे के दोनों तरफ ये अवशेष, पार्षद की शिकायत भी बेअसर
अबू बकर बल्खी पत्रकार। लाडनूं (kalamkala.in)। शहर के तेलीरोड पर संचालित हो रहे अवैध बूचड़खाने अब आमजन के लिए गंभीर समस्या बन चुके हैं। यहां हाईवे पर इनमें काटे जाने वाले पशु-पक्षियों के अवशेषों को लाकर डाले जाने से आमजन का यहां खड़ा रहना, गुजरना तक मुश्किल हो गया है। आस पास में रहने वाले लोगों के लिए ये मुसीबत बने हुए हैं। हवा चलते ही मुर्गियों के पंख उड़कर उनके घरों में आ जाते हैं। साथ ही तेली रोड पर खुली विभिन्न मीट की दुकानों व मीट की होटलों के बाहर लोग अपने वाहनों को आड़े-तिरछे खड़े कर देते हैं, जिससे अन्य वाहन चालकों और पैदल गुजरने वाले लोगों के लिए उधर से निकलना तक दूभर हो रहा है
पार्षद की बार-बार शिकायत के बावजूद प्रशासन पर असर जीरो
वार्ड सं. 38 के पार्षद संदीप कुमार प्रजापत ने इस सम्बंध में उपखंड अधिकारी को पत्र देकर मृत मुर्गियां के अवशेषों को डालने वालों को पांबद करने की मांग की, मगर तीन माह बीत जाने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। प्रजापत के पत्र के अनुसार यहां तेली रोड़ पर चिकन शाॅप चलाने वाले बोपारी अपने यहां कटने वाले मुर्गियों के पंखों एवं अन्य अवशेष को प्रतिदिन रात्रि के समय रेलवे ओवरब्रिज के दोनों साईड फेंक कर चले जाते हैं। जिसके चलते मुख्य मार्ग पर आवारा कुत्ते और सुअर आदि के साथ चील-कौए मंडराते रहते हैं। इधर से आवागमन करने वाले वाहन-चालकों एवं यात्रियों को इससे भारी परेशानी होती है। साथ ही विभिन्न जानलेवा बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है। एक साल पूर्व 16 जनवरी 2023 को भी नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी को पत्र लिखकर मुर्गियों के अवशेषों को खुले स्थान पर फेंकने वालो को पाबंद करने की मांग की गई थी, मगर प्रशासन की ढिलाई के चलते बूचड़खाना संचालक बेकाबू हो रहे हैं।