जैन पाठशाला में रत्नकरंड श्रावकाचार आधारित परीक्षा आयोजित
लाडनूं। स्थानीय श्री दिगम्बर जैन बड़ा मन्दिर में रत्नकरण्ड श्रावकाचार ग्रन्थ पर आधारित परीक्षा का आयोजन किया गया। शनिवार को हुई इस परीक्षा में 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जैन धर्म और दर्शन के विद्वान डॉ. सुरेन्द्र जैन के निर्देशन में और जैन पाठशाला लाडनूं के तत्त्वावधान में यह परीक्षा सम्पन्न कराई गई। परीक्षा के प्रायोजक रामनिवास भागचंद जैनाग्रवाल परिवार हैं। जैन समाज के सदस्य राज पाटनी ने बताया कि श्री दिगंबर जैन पाठशाला लाडनूं नगर में समाज के बच्चों और अन्य सदस्यों को धार्मिक शिक्षा देने के लिए विगत 60-70 वर्षों से निर्बाध रूप से संचालित है। पिछले 30 वर्षों से डॉ. सुरेन्द्र जैन इस पाठशाला में निरन्तर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पाठशाला में जैनधर्म के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को सिखाने के लिए डॉ.जैन द्वारा बालबोध भाग 1 से 4, छहढाला, द्रव्यसंग्रह, रत्नकाण्ड श्रावकाचार, तत्वार्थसूत्र, पूजाविधि आदि की शिक्षा देकर और परीक्षाओं का आयोजन करके इन सबका अभ्यास कराया जाता है। परिक्षा के प्रतिभागियों को पुरस्कार भी प्रदान किए जाते हैं। डा. सुरेंद्र जैन ने कहा कि आज के भौतिकतावादी वातावरण में बच्चों को धार्मिक शिक्षा और संस्कार देने के लिए पाठशालाओं का संचालन महत्वपूर्ण है।