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बाबा बागेश्वरधाम की पदयात्रा की विस्तृत रिपोर्ट- पढें केवल ‘कलम कला’ में- बाबा बागेश्वरधाम सरकार पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री निकालेंगे ‘हिन्दू जोड़ो’ पदयात्रा, छत्तरपुर के बागेश्वर धाम से ओरछा तक 160 किमी पदयात्रा में रोज 20 किमी पैदल चलेंगे, गांवों में रहेगा पड़ाव, रामराजा सरकार के मंदिर में चढाएंगे केसरिया ध्वज

बाबा बागेश्वरधाम की पदयात्रा की विस्तृत रिपोर्ट- पढें केवल ‘कलम कला’ में-

बाबा बागेश्वरधाम सरकार पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री निकालेंगे ‘हिन्दू जोड़ो’ पदयात्रा,

छत्तरपुर के बागेश्वर धाम से ओरछा तक 160 किमी पदयात्रा में रोज 20 किमी पैदल चलेंगे, गांवों में रहेगा पड़ाव, रामराजा सरकार के मंदिर में चढाएंगे केसरिया ध्वज

बोधगया, बिहार (kalamkala.in)। अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग लगातार करते रहने वाले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अब हिंदू एकता का नारा लेकर बागेश्वर धाम से ओरछा धाम तक 160 किलोमीटर की पदयात्रा निकाल रहे हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री सनातन संस्कृति और हिंदू परंपरा को समृद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं। बांग्लादेश हिंसा और ‘नेम प्लेट’ जैसे मुद्दे पर भी वे मुखर रहे हैं। अब इन्हीं सब मुद्दों को लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पदयात्रा का निर्णय लिया है। उनकी यह पैदल यात्रा भी काफी सुर्खियों में हैं। बाबा धीरेन्द्र शास्त्री की यह पदयात्रा बागेश्वर धाम से ओरछा धाम तक होगी। इस यात्रा को लेकर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने शेड्यूल भी जारी कर दिया है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि ‘हिंदुओं को एकजुट करने और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए वे 21 से 30 नवंबर तक पदयात्रा करेंगे। पंडित धीरेंद्र शास्त्री 21 नवंबर को बागेश्वर धाम तीर्थ से अपनी यात्रा शुरू करेंगे और प्रतिदिन 20 किलोमीटर चलेंगे। वह 30 नवंबर को ओरछा पहुंचकर अपनी यात्रा का समापन करेंगे। 9 दिनों की अपनी इस पदयात्रा के दौरान वे गांव-गांव जाएंगे। सबको गले लगाएंगे।

देश में सनातनी क्रांति की जरूरत

उन्होंने कहा कि देश में सनातनी क्रांति की जरूरत है। वैष्णव धर्म को बर्बाद करने के लिए तिरूपति महाराज के प्रसाद में मछली तेल मिला दिया। देश में अब शांति नहीं बल्कि सनातनी क्रांति लाने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि इससे देश से जात-पात छुआछूत का भेदभाव मिटेगा। बाबा बागेश्वर धाम सरकार ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि हिंदुओं की बेटी-बहन पर अत्याचार नहीं हो। साथ ही, पाल घर जैसा कांड दुबारा देखने को नहीं मिले। देश में रामायण नहीं जलाई जाए। बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ जैसा व्यवहार हुआ, वैसा भारत में नहीं हो।

हिन्दुओं पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं

बागेश्वर धाम सरकार धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा है कि भारत की परिस्थति विचित्र है। अगर हालात नहीं सुधरे तो भारत बांग्लादेश हो जाएगा। लेकिन, वे ऐसा नहीं होने देंगे। भारत के हिन्दुओं पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं है। धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि सभी सनातनियों को एकजुट करने के लिए वे पदयात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि कब तक हम दूसरों के भरोसे बैठे रहेंगे। केवल एक बागेश्वर बाबा कब तब बोेलेगा। इसलिए घर-घर बागेश्वर बाबा बनाएंगे। यह पदयात्रा सनातनियों को एकजुट करने, ऊंच-नीच खत्म करने और भारत को समृद्ध बनाने के लिए होगी। इस यात्रा में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ बड़ी संख्या में उनके भक्त और हिंदू समुदाय लोगों के अलावा अन्य लोग भी शामिल होंगे।

यात्रा में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

प्रस्तावित इस यात्रा में पंडित धीरेंद्र शास्त्री के साथ हजारों की संख्या में उनके अनुयायी और भक्त भी शामिल होंगे। यात्रा रोजाना 20 किमी चलेगी। यात्रियों के लिए ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की गई है। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की इस पदयात्रा में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा। मोबाइल के माध्यम से पहले रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, उसके बाद बागेश्वर धाम की कमेटी तय करेगी की इस यात्रा में कौन शामिल होगा और कौन नहीं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पदयात्रा में शामिल होने वाले अनुयायियों से अपील की है कि वे पहले रजिस्ट्रेशन करवा लें। पंजीयन हो जाने से यात्रा में अव्यवस्था नहीं होगी। भक्तों के लिए भोजन-प्रसादी सहित अन्य जरूरी इंतजाम किए जा सकेंगे। भोजन प्रसाद की व्यवस्था धाम द्वारा कराई जाएगी, लेकिन इसके लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। धीरेंद्र शास्त्री ने ये भी कहा कि जो अनुयायी 8 दिनों तक यात्रा में साथ चलेंगे, वे अपने साथ कंबल, बिस्तर और थाली लेकर जरूर आएं. जो अनुयाई रजिस्ट्रेशन कराएंगे, इसी रजिस्ट्रेशन के आधार पर उनकी व्यवस्था की जाएगी।

केसरिया ध्वज लेकर चलेंगे भक्त

पंडित धीरेंद्र शास्त्री के मुताबिक पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म को बढ़ावा देना और हिंदू एकता को मजबूत करना है। इस यात्रा का पड़ाव रास्ते के गांव में ही रहेगा। यात्रा में शामिल अनुयायी बागेश्वर धाम से केसरिया ध्वज लेकर निकलेंगे और ओरछा पहुंचकर राम राजा सरकार को अर्पित करेंगे। कार्यक्रम को लेकर बताया गया कि यात्रा में सबसे आगे बागेश्वर धाम से केसरिया ध्वज निकलेगा, जो कि समापन अवसर पर ओरछा स्थित रामराजा सरकार मंदिर में विधि-विधान के साथ चढ़ाया जाएगा।

पदयात्रा का पड़ाव सिर्फ गांवों में होगा

बागेश्वर पीठाधीश्वर ने बताया कि नवंबर में निकलने वाली यात्रा का पड़ाव सिर्फ गांवों में ही होगा। मेरी पदयात्रा का मकसद जात, पात, ऊंच नीच सबको भूलाकर भारत को और मजबूत करने की दिशा में सनातन और हिंदू धर्म के सभी लोगों को एकजुट करना होगा। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि 160 किलोमीटर की मेरी यह पदयात्रा गांव-गांव पहुंचेगी। अब तक लोग मेरे पास आते थे, बड़े लोग तो मुझे मिल लेते हैं, लेकिन छोटे लोग मुझे नहीं मिल पाते हैं। अब ऐसा नहीं होगा, मैं खुद लोगों के बीच जाऊंगा और घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात करुंगा। साथ ही हिंदू एकता और सनातन धर्म को बढ़ावा देने का काम करूंगा।

छुआछूत को करेंगे खत्म

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार, इस पदयात्रा उद्देश्य हिंदुओं को जागृत करना है। इसके साथ ही देश में तेजी से फैल रहे जातिवाद को खत्म करना भी है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री चाहते हैं कि देश में छुआछूत जैसी बीमारी जड़ से खत्म हो और भारत देश समृद्ध और सशक्त बन सके। इस यात्रा के दौरान बाबा एससी एसटी वर्ग में हिंदुत्व की भावना जगाना और उनके साथ बैठ कर भोजन करने की सोच लेकर चल रहे हैं, ताकि देश में छुआ-छूत जैसी स्थिति खत्म हो सके। बीते दिनों धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक पत्रकार वार्ता में कहा था कि अगर देश को समृद्ध बनाना है तो जातिवाद खत्म करना ही होगा। इस पद यात्रा के माध्यम से हिंदू धर्म को बढ़ावा देना और हिंदुओं में एकता पैदा करना है फिर वह चाहे किसी भी जाति के क्यों न हों।

जल्द ही लगेगा दिव्य दरबार

बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री बिहार के बोधगया में हैं। वो अपने भक्तों को कथा सुना रहे हैं। वो सम्बोधि रिट्रीट में रुके हैं। ये जगह बोधगया से 5 किलोमीटर दूर है। यहां वो अपने भक्तों को भागवत कथा सुना रहे हैं और पिंडदान भी करा रहे हैं। उनकी कथा का रविवार को तीसरा दिन था। धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि गयाजी शांति और मोक्ष की भूमि है। यहां जल्दी ही दिव्य दरबार लगेगा। लेकिन अभी हम यहां बागेश्वर धाम के 200 परिवार के साथ आए हैं। पितरों की मुक्ति के लिए भगवान से प्रार्थना करेंगे। अभी दरबार और कथा नहीं होगी। क्योंकि हम नहीं चाहते कि पितृपक्ष में जो लाखों लोग आए हुए हैं उनको किसी प्रकार की कठिनाई हो।

kalamkala
Author: kalamkala

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