राजस्व कर्मियों ने राजस्व अधिकारियों क खिलाफ खोला मोर्चा, आंदोलन की चेतावनी दी,
सहन नहीं होगा मंत्रालयिक कार्मिकों के हितों पर कुठाराघात
लाडनूं। मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के तत्वावधान में यहां राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नमा का एक ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में सुपुर्द किया। एसडीएम के निजी सहायक माणकचंद सोनी को दिए गए इस ज्ञापन में राजस्व परिषद् द्वारा राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों के विरूद्ध की गई मांग का विरोध दर्ज करवाते हुए राजस्व सेवा परिषद के पेन डाउन व कार्य बहिष्कार से आमजन के कार्य बाधित नहीं होने देने के लिए नियमानुसार अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी को तहसीलदार का चार्ज देने की मांग की गई है। ज्ञापन में बताया गया है कि राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों को तहसीलदार पदौन्नति में तहसीलदार सेवा नियम 1956 लागू होने के समय से मिल रहे आरक्षण को राजस्व सेवा परिषद् द्वारा खत्म करने की बार-बार मांग की जाकर राजस्व विभाग में वर्ग संघर्ष की स्थिति उत्पन्न की जा रही है। राजस्व सेवा परिषद् ने अपने ज्ञापन में मंत्रालयिक कर्मचारियों को मिल रहे लाभ को ही खत्म करने की मांग की गई है, जो नियम विरूद्ध होने के साथ-साथ राजस्व विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात है। राजस्व प्रशासन में पटवारी एवं भू-अभिलेख निरीक्षक फील्ड कार्य करते हैं तथा मंत्रालयिक कर्मचारी न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्य करते है, लेकिन दोनों संवर्गो में आपसी वैमनस्य फैलाने हेतु पटवार संघ एवं कानूनगों संघ के साथ मिलकर राजस्थान राजस्व सेवा परिषद् का गठन कर मंत्रालयिक संवर्ग के हितो के साथ कुठाराघात करने एवं वर्ग विभेद की नीति अपनाते हुए आपस में लड़ाने का कार्य प्रारम्भ किया गया है।
कार्य बहिष्कार से कामकाज बाधित हुआ
ज्ञापन में बताया गया है कि तहसीलदार का पद 100 प्रतिशत पदौन्नति का पद है तथा तहसीलदार के पद पर नायब तहसीलदार एवं अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी से किया जाता है। वर्तमान में राजस्व सेवा परिषद् द्वारा 28 अगस्त से कार्यबहिष्कार किया जा रहा है, जिससे आमजन के कार्य बाधित हो रहे है। राजस्थान भू राजस्व अधिनियम तथा राजस्थान भू-अभिलेख नियम के प्रावधानानुसार तहसीलदार की अनुपस्थिति में रीडर (अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी) को तहसीलदार का चार्ज दिया जा सकता है। इसी प्रकार पंजीयन अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान है कि जिला पंजीयक द्वारा किसी उप पंजीयक की अनुपस्थिति या अस्थाई पद रिक्तता में किसी व्यक्ति को चार्ज दिया जा सकता है।
वैमनस्य पैदा करने वाली मांगों को नहीं माना जाए
ज्ञापन में कहा गया है कि राजस्थान राजस्व सेवा परिषद द्वारा इस प्रकार वर्ग विभेद कर कर्मचारी में आपसी वैमन्य फैलानी वाली किसी भी मांग पर शासन स्तर से विचार नही किया जाकर कर्मचारियों के बीच वर्ग विभाजन को रोका जावे ताकि भविष्य में कर्मचारियों में आपसी सौहार्द बना रहे। गिरदावर संवर्ग के वर्ष 2013-14 में मात्र 1853 पद थे जिसे राजस्व सेवा परिषद द्वारा लगातार सरकार पर आन्दोलनों के जरिये दबाव बनाकर शत-प्रतिशत वृद्धि के साथ दुगुने से अधिक पद सृजित करवा लिये हैं, जो वर्तमान में 3917 है तथा इसी को आधार बनाकर मंत्रालयिक कर्मचारियों के तहसीलदार पदौन्नति के कोटे को खत्म करवाने का प्रयास किया जा रहा है, जो न्यायोचित भी नहीं है। राजस्व सेवा परिषद् के दबाव में मंत्रालयिक संवर्ग के तहसीलदार पद पर पदौन्नति के प्रावधानों के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जावे तथा राजस्व सेवा परिषद् के आन्दोलन के दौरान तहसीलदार के पद का चार्ज नियमान्तर्गत अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी को एवं अन्य पदों का चार्ज समकक्ष पदों को दिया जाकर आमजन को राहत प्रदान की जावे अन्यथा राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ द्वारा राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों में व्याप्त असंतोष को देखते हुए आन्दोलन की घोषणा की जायेगी। ज्ञापन देने वालों में सहायक प्रशासनिक अधिकारी हरदयाल सिंह, वरिष्ठ सहायक बाबूलाल, गणेशमल ढाका, कनिष्ठ सहायक वीरेंद्र कुमार जाट, रामदेव माली व सुरेंद्र कुमार उपस्थित रहे।