नगर पालिका के पूर्व ईओ व कर्मचारियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाने की मांग,
सफाईकर्मी संघर्ष समिति ने भर्ती घोटाले को लेकर ईओ को सौंपा ज्ञापन,
अवैध रूप से भर्ती 32 सफाईकर्मियों को दिया गया वेतन वापस वसूला जाए
लाडनूं। सफाईकर्मी संघर्ष समिति द्वारा नगर पालिका की अधिशाषी अधिकारी को ज्ञापन देकर नगर पालिका में अवैधरूप से नियुक्त सफाईकर्मियों को मई 2023 में फर्जीवाड़ा कर भुगतान करने वाले अधिकारियों एवं कार्मिकों के खिलाफ एफआईआर करवाने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि माह मार्च 2023 में नगरपालिका लाडनूं द्वारा 32 सफाईकर्मियों की असंवैधानिक रूप से नियुक्ति की गई, जिसमें किसी प्रकार के नियमों की पालना नहीं की गई। इसके लिए तत्कालीन ईओ व कर्मचारियों को उन लोगों को अवैध रूप से वेतन दिए जाने को लेकर एफआईआर होनी चाहिए। ज्ञापन में ऐसे अवैध भर्ती कर्मचारियों को दिए गए एक माह के वेतन की वसूली किए जाने की मांग भी की गई है।
आरटीआई से हुआ खुलासा, फाइलें गायब है
आरटीआई एक्ट के तहत सामाजिक कार्यकर्ता रोहित परिहार पुत्र भागचंद परिहार द्वारा इस संबंध में मांगी गई सूचनाओं के जवाब में पत्र क्रमांक न.पा.ला./2023/947 दिनांक 27.07.2023 में स्पष्ट किया गया है कि डी.बी. सिविल (स्पेशल) याचिका सं. 1733/2018 विरेन्द्र कुमार व अन्य बनाम राज व अन्य स्वायत्त शासन विभाग राज. जयपुर के पत्र क्रमांक 1660-1900 दिनांक 06.04.2023 की पालना में सफाईकर्मी नियुक्त किये जाने से संबंधित दस्तावेज नगरपालिका कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। इससे यह पूरी तरह स्पष्ट होता है कि मार्च 2023 में की गई सफाईभर्ती असंवैधानिक रूप से की गई है, जिसमें तात्कालीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मिलीभगत कर इस घोटाले को अंजाम दिया है।
नियमविरूद्ध भर्ती के बावजूद फर्जी तरीके से दिया गया था वेतन
ज्ञापन में इस सम्पूर्ण प्रकरण की जांच कर इन अवैध रूप से भर्ती सफाईकर्मियों को नियमानुसार भर्ती प्रक्रिया पूर्ण किये बिना मई माह में वेतन भुगतान करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। साथ ही इन सभी 32 सफाईकर्मियों से वेतनमान के रूप में दी गई समस्त राजस्व राशि की वसूली की कार्यवाही की जाए। ज्ञापन देने वालों में सफाईकर्मी संघर्ष समिति के अध्यक्ष ताराचंद सांगेला एवं कैलाशचंद, ओमप्रकाश, श्यामलाल, रोहित परिहार आदि शामिल थे। ज्ञापन की प्रतियां डीएलबी के उप निदेशक अजमेर, जिला कलेक्टर एवं उपखण्ड अधिकारी को भी दी गई हैं।