संत शिरोमणि श्री लिखमीदासजी महाराज स्मारक पर सप्तम पाटोत्सव,
5 दिसंबर 2023 तक अमरपुरा (नागौर) में चलेगा सप्तम पाटोत्सव, होंगे विभिन्न धार्मिक का अनुष्ठान
प्रातः स्मरणीय संत शिरोमणि श्री लिखमीदास जी महाराज मारवाड़ के कबीर, महान समाज सुधारक, आडंबर विरोधी, सबको समान दृष्टि से देखने बाले, ऐसे गुरु रहे है, जिन्होंने अपने जीवन काल में कोई शिष्य नहीं बनाया। संत शिरोमणि लिखमीदासजी के कार्य एवं व्यवहार को देखते हुए लोग स्वतः उनके अनुयाई बनते गए और उन्हें गुरु मानते हुए परंपरा को आगे बढ़ाते गए। संत शिरोमणि लिखमीदासजी महाराज ने अपने जीवन में अनेकों अनेक चमत्कार कर मारवाड़ की धरा को धन्य कर दिया. आज भी संत शिरोमणि लिखमीदास जी महाराज की समाधि पर हजारों अनुयाई प्रतिदिन देश विदेश से आकर धोक लगाते हैं, और अपनी मनोकामना पूर्ण करते है।
संत शिरोमणि लिखमीदास जी महाराज की गणना प्रसिद्ध संत एवं समाज सुधारकों में की जाती है, उनके भजन वाणी में साक्षात सरस्वती बिराजती है] जबकि उन्होंने किसी भी गुरुकुल या संस्था में किसी भी प्रकार की शिक्षा प्राप्त नहीं की। संत शिरोमणि लिखमीदास जी महाराज द्वारकाधीश अवतारी बाबा रामदेव के परम भक्त रहे हैं] इसके कारण उन्हें आत्मज्ञान प्राप्त हुआ और ज्ञान से दोहे, निर्गुण भक्ति एवं भजन वाणी की रचना की जो अद्भुत है। उनकी रचनाओं में मारवाड़ी, मायड़ एवं बागड़ी भाषा का मिश्रण होने के कारण भजन गाने वाले एवं ओताओं को बहुत आनंद आता है. वह भक्ति रुपी गंगा में डुबकी लगाकर भाव विभोर हो जाते हैं।
संत शिरोमणि लिखमीदासजी महाराज स्मारक विकास संस्था द्वारा अमरपुरा में उनकी समाधि पर एक भव्य स्मारक बनाया गया है। जिसकी आधारशिला तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिनांक 30 नवंबर एवं 1 दिसंबर 2011 को रखी गई। इस स्मारक का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा दिनांक 1 दिसंबर से 5 दिसंबर 2016 को किया गया। इस कार्यक्रम में राजस्थान मंत्रिमंडल के सदस्य, विधानसभा सदस्य, केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य, साधु-संतों, राजनेताओं तथा देश विदेश के अनेक श्रद्धालुओं ने सम्मिलित होकर इस महाकुम्भ में स्नान किया। इस पंच दिवसीय कार्यक्रम में देश भर के लगभग दस लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संत शिरोमणि लिखमीदासजी की समाधि के दर्शन कर अपने आप को धन्य किया।
इस वर्ष इस मंदिर का सप्तम पाटोत्सव दिनांक 1 दिसंबर से 5 दिसंबर 2023 तक अमरपुरा (नागौर) में मनाया जा रहा है। दिनांक1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक रामनाम संकीर्तन, वैदिक मंत्रों का उच्चारण, साधु संतों एवं ब्राहमणों के द्वारा किया जाएगा एवं 1 से 4 दिसम्बर तक नानी बाई मायरा का आयोजन एवं सायं 6 बजे से महाआरती का आयोजन एवं 4 को रात्री जागरण, जिसमें भारत विख्यात गायक कलाकर अपने भजनों की प्रस्तुति देगें ।
5 दिसंबर को विधि विधान से धार्मिक यज्ञ का अनुष्ठान किया जाएगा जिसमें संस्थान के सदस्य एवं गणमान्य श्रद्धालु भाग ले सकेंगे। दिनांक 5 दिसंबर को प्रातः देवस्थान एवं मंदिरों का ध्वजारोहण कार्यक्रम होगा। दिनांक 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक संत शिरोमणि लिखमीदास जी की समाधि पर आरती का सीधा प्रसारण (लाइव) किया जाएगा।
दिनांक 24 दिसम्बर २०23 रविवार को लिखमीदास जी महाराज स्मारक विकास संस्थान द्वारा प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कक्षा 10 एवं 12, स्नातक अधि स्नातक, उच्चशिक्षा में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यार्थी, राज्य सरकार, केन्द्र सरकार’ से पुरस्कृत व्यक्तियों को प्रमाणपत्र एवं प्रतीक चिन्ह गणमान्य व्यक्तियों के माध्यम दिये जावेगें ।
ऐसे महान संत जिन्होंने अपना समस्त जीवन समाज को समर्पित किया जिनकी समाधि पर दर्शन मात्र से ही हमारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और आत्मसन्तोष मिलता है। आओ, हम भी संत शिरोमणी की समाधी पर चल कर मन की शान्ती प्राप्त करें, ऐसे संत शिरोमणि लिखमीदासजी महाराज को हम बारंबार प्रणाम करते हैं। जय जय संत शिरोमणि लिखमीदास जी महाराज सबका भला करें।
– हरगोपाल भाटी ,झालावाड़ (राज )