बेसहारा एकाकी जीवनयापन करने वाले वृद्ध का समाजसेवियों ने किया अंतिम संस्कार,
कूल्हे की हड्डी टूटने पर हनुमानगढ ले जाकर इलाज के दौरान हुई मौत, बस स्टेंड पर बेचता था किताबें
लाडनूं। यहां पिछले 40 सालों से एकाकी जीवन-यापन करने वाले वृद्ध सतवीर सिंह अग्रवाल का बीमारी के कारण देहांत होने पर उनका गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से अंतिम संस्कार किया गया। सतवीर अग्रवाल का मूल निवास उतर प्रदेश में बरेली बताया जा रहा है, लेकिन वह लाडनूं के मालियों का मौहल्ला में पिछले 40 साल से रह रहा था। अपने गुजर-बसर के लिए वह बस स्टेंड पर घूमफिर कर पुस्तकें बेचने का काम करता था। सुबह 6 से शाम 6 बजे तक दिन भर राहगीरों व यात्रियों को बस स्टॉप पर अपनी किताबे बेचने के साथ बसों के जानकारी आदि देने में मदद करते थे। अकेले रहना और अपना जीवन-संघर्ष पूरा करना उसकी विशेषता था। सीधे व शांत स्वभाव का सतवीर अपने काम के अलावा कहीं और कोई ध्यान नहीं देता था।
कूल्हे की हड्डी टूटने से हुआ लाचार
कुछ समय पूर्व वह बस स्टेंड पर इंदिरा रसोई से खाना खाकर निकलते हुए गिर गए, जिससे उनके कूल्हे की हड्डी टूट गई और उसने चारपाई पकड़ ली। इस हालत में जब उसे राजस्थान पुलिस में कार्यरत एक क्युआरटी कमांडो ने देखा तो उन्होंने अपनी पत्नी को साथ लेकर उनकी सहायता करने के लिए क्षेत्र के अन्य समाज सेवियों का सहयोग लिया। इंटरनेट पर मानव सेवा संस्थान हनुमानगढ़ के बारे में देख कर उनसे संपर्क कर जानकारी लेकर उसे हनुमानगढ ले जाकर अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन वहां हार्ट अटैक हो जाने से उनका देहांत हो गया। यहां के युवाओं ने उनका अंतिम संस्कार विविधत ढंग से लाडनूं में करने की इच्छा प्रकट की, तब उनके पार्थिव शरीर को लाडनूं लाया गया।
बैंडबाजे के साथ धूम से निकाली अंतिम यात्रा
मंगलवार को सायं यहां पहुंचने के बाद बुधवार को उनका अंतिम संस्कार यहां लावड़िया श्मशान भूमि में किया गया। इस अवसर पर भजनों की प्रस्तुतियों के बीच दाह-संस्कार किया गया। इसके लिए समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं समाज सेवी युवाओं ने जुटाई। उनकी अंतिम यात्रा यहां जमुना सागर भवन से बस स्टेंड होकर बैंड-बाजों के साथ निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में युवा व अन्य समाजसेवी शामिल हुए। उनकी अंतिम यात्रा में मानव सेवा संस्थान हनुमानगढ की सुमन मैडल मेहरा, नगर पालिका के उपाध्यक्ष मुकेश खींची, विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष रघुवीर सिंह राठौड़, समाजसेवी भोलाराम सांखला, बंशीधर सूईवाल, ताराचंद अग्रवाल, कैलाश घोड़ेला, सैनी समाज के अध्यक्ष जवरी मल पंवार, राजेश सांखला, मुरली मनोहर टाक, भंवर लाल चौहान, मांगीलाल माली, भंवरलाल महावर, निहाल चंद सांखला, रामचन्द्र टाक, रामोतार टाक, रमेश माली, सोनू सेनी, ओमप्रकाश टाक, सोहन लाल सांखला, केशरीमल सांखला आदि मौजूद रहे।
