खुलासा होते जा रहे हैं राजनेताओं व आपराधिक तत्वों की परस्पर सांठगांठ के किस्से,
संजय चौधरी और मुकेश भाकर को लेकर लोगों में विविध चर्चाओं का दौर मुखर होकर उभरा
लाडनूं (खुफिया कलम)। राजनेताओं व अपराधियों के बीच अवैधानिक ढंग से सांठगांठ की चर्चाएं आमजन में ही नहीं, मीडिया में भी धड़ल्ले से चलती रहती थी और राजनेता उन्हें पूरी बेशर्मी के साथ नकारते रहते थे। पहले ये सब बातें राजधानी और बड़े स्थानों तक होती रहती थी, लेकिन अब तो ठेठ ग्रामीण इलाकों तक ऐसी सांठगांठ पहुंच चुकी है। हाल ही में लाडनूं में विधायक मुकेश भाकर और राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष निर्मल चौधरी को लेकर ऐसी चर्चाएं गर्म हो रही है। केवल चर्चाएं ही गरमारम नहीं है, बल्कि ये सम्बंध उनके गले की फांस बनता जा रहा है।
यूं ही नहीं शामिल हो गए निर्मल चौधरी की बहिन की शादी में ये सब
हाल ही में सामने आया है कि छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी के बहन की शादी में राजू ठेहठ गैंग का मुख्य सरगना संजय चौधरी गोवर्धनपुरा शामिल हुआ था। लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया और विधायक इंद्राज गुर्जर के साथ गैंगस्टर की फोटो वायरल भी हुई। गत विधानसभा चुनाव से पहले आरोपी संजय चौधरी ने जब विधायक मुकेश भाकर को जान से मारने की धमकी देने की बात खुली थी, तो मुकेश भाकर ने बयान दिया था कि उनका संजय चौधरी से कोई ताल्लुकात नहीं है। अब उसके साथ विधायक मुकेश भाकर की फोटो सामने आने से विधायक के बयान और हकीकत को लेकर आम चर्चाएं छिड़ गई हैं। लोगों का तो यहां तक कहना है कि विधायक ने खुद ही खुद को धमकी दिलवा कर अपने ही लोगों से मनजीत पाल सिंह सांवराद को फसाने की साजिश रची थी। इधर मनजीत पाल सिंह सांवराद ने इस सम्बंध में बयान दिया था कि विधायक मुकेश भाकर का पूरा सपोर्ट राजू ठेठ गैंग को मिला हुआ है। इस बात की तस्दीक विधायक के साथ वायरल हुए फोटोज करते हैं।
बन सकती है कांग्रेस के गले की हड्डी
आम चर्चाएं रही कि मुकेश भाकर को नागौर लोकसभा सीट से कांग्रेस का टिकट मिल सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए लोगों का कहना है कि लोकसभा के चुनाव के दौरान यह मुद्दा कांग्रेस के गले की हड्डी बन सकता है। कांग्रेस के तीन युवा विधायकों का गैंगस्टर्स के साथ उठना-बैठना, पार्टी में शामिल होना और साथ फोटो खिंचवाना कोई साधारण या अनायास घटना नहीं कही जा सकती। अभी कुछ ही दिन पहले कांग्रेस में शामिल हुए छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी को पचा पाना अब कांग्रेस के लिए पेचीदा बन चुका है और ‘न निगलते बना और न उगलते बना’ की हालत कांग्रेस के सामने पैदा होने लगी है। कांग्रेस के लिए निर्मल चौधरी, मुकेश भाकर, संजय चौधरी और यह कार्यक्रम एक आफत बन कर उभर रहा है। मुकेश भाकर के सम्बन्धों की घनिष्ठता जहां निर्मल चौधरी से है, वहीं इन सबकी घनिष्ठता आपराधिक तत्वों के साथ होने के सबूत सहित सामने आने से लोगों में इनके व्यक्तित्व के दोहरेपन को लेकर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं। इन सब बातों को लेकर लोगों का मुखर बनना इनके लिए मुसीबत साबित हो सकता है।