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शिक्षक सिखाते हैं जीवन को सफल बनाने की कला- प्रो. दूगड़, जैविभा विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस मनाया

शिक्षक सिखाते हैं जीवन को सफल बनाने की कला- प्रो. दूगड़,

जैविभा विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस मनाया

लाडनूं (kalamkala.in)। जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा है कि शिक्षक हमारी संस्कृति एवं सामाजिक विकास का प्रमुख आधार है, जिनसे हम सम्पूर्ण जीवन को सफल बनाने की कला सीखते हैं। शिक्षक सम्पूर्ण राष्ट्र के विकास का प्रमुख सूत्रधार है, जो अपने सेवा, संस्कृति और कौशल के ज्ञान से सदैव हमारे देश के भविष्य का निर्माण करने में तत्पर रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को सदैव छोटे-छोटे कार्यों से सीखने हेतु प्रोत्साहित करते हुए अपने भावी शिक्षक जीवन में अनुशासन, सृजन एवं कर्मशीलता जैसे गुणों को आत्मसात करने हेतु तत्पर रहने का आह्वान किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं शिक्षकों का सम्मान

कार्यक्रम में रंगारंग सांकृतिक अभिव्यक्ति के अंतर्गत एकल नृत्य, सामूहिक नृत्य, कविता-वाचन, गायन एवं भाषण आदि की शानदार प्रस्तुतियों द्वारा मोनिका जोशी, प्राची, खुशी एवं लक्ष्मी, प्रकृति एवं समूह, अभिलाषा स्वामी, ऐश्वर्या एवं समूह, दीपिका भाटी, कोमल सोलंकी आदि ने दर्शकों की दाद बटोरी। खुशी ने पीपीटी द्वारा सभी शिक्षकों की खट्टी-मीठी यादों को प्रस्तुत किया। शिक्षकों के लिए भी अलग-अलग खेलों का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. आभा सिंह एवं डॉ. गिरिराज भोजक विजेता रहे। प्रशिक्षणार्थियों द्वारा कार्यक्रम में अपने सभी शिक्षकों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए संस्थान की आचार्य परम्परा के अनुरूप जीवन में सदैव संस्कार, सेवा एवं जन कल्याण जैसे मूल्यों को अपनाने पर बल दिया।

शिक्षक भारत को फिर से विश्वगुरू बनाएंगे

कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती को माल्यार्पण एवं ललिता द्वारा गणेश-वंदना की प्रस्तुति से हुआ। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह संस्थान आचार्यों के इंगित एवं कुलपति की प्रेरणा से शिक्षक-प्रशिक्षण द्वारा ऐसे शिक्षक विकसित करने हेतु तत्पर है, जो भारत को पुनः विश्व गुरु के रूप में ख्याति दिलवाए। शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रो. जैन ने प्रशिक्षणार्थियों को सत्य, निष्ठा एवं सामाजिकता के गुणों द्वारा अपने जीवन को सफल बनाने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम प्रभारी डॉ. गिरिराज भोजक ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में प्रो. रेखा तिवारी, डॉ मनीष भटनागर, डॉ. विष्णु कुमार, डॉ. अमिता जैन, डॉ. गिरधारी लाल शर्मा, डॉ. ममता शर्मा, देवीलाल कुमावत, स्नेहा शर्मा, खुशाल जांगिड आदि संकाय सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन भूमिका, चंचल आदि ने किया।

भारतीय गुरू-शिष्य परम्परा समूचे विश्व के लिए प्रेरक- प्रो.त्रिपाठी

आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में चल रहे दीक्षारंभ कार्यक्रम के चैथे दिन शिक्षक दिवस मनाया गया। प्राचार्य प्रो. आनंदप्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में इस कार्यक्रम में गुरु-शिष्य के संबंधों को व्याख्यायित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने विद्यार्थी जीवन में शिक्षक के महत्व पर प्रकाश डाला एवं विद्यार्थी जीवन को कई उद्धरणों के माध्यम से विश्लेषित किया। अध्यक्षीय वकतव्य में प्रो. त्रिपाठी ने भारतीय सनातन जीवन मूल्यों में निहित गुरु के महत्व पर प्रकाश डाला और धर्मपाल-कुमारिल, शंकराचार्य-सुरेश्वराचार्य, कृष्ण-अभिमन्यु, द्रोणाचार्य-अर्जुन, वल्लभाचार्य-सूरदास, नरहरिदास-तुलसीदास, कुमारिलभट्ट-मंडन मिश्र, गुरु रामदास-छत्रपति शिवाजी, रामकृष्ण परमहंस-विवेकानंद के साथ आचार्य तुलसी-आचार्य महाप्रज्ञ एवं आचार्य महाप्रज्ञ-आचार्य महाश्रमण तक की आदर्श एवं स्वस्थ गुरु-शिष्य परंपराओं के महत्व को प्रतिपादित किया। उन्होंने गुरु शब्द का उत्तरदायित्व शिष्यों की सृजनात्मक क्षमता को विकसित करना बताया और कहा कि इस आदर्शवादिता की कसौटी पर भारतीय गुरु-शिष्य परंपरा खरा उतरती रही है और यह पूरे विश्व के लिए प्रेरक है।
इस अवसर पर अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्षा प्रो. रेखा तिवाड़ी ने भी शिक्ष दिवस पर प्रकाश डाला। प्रारम्भ में छात्रा मेघना सोनी ने सरस्वती वन्दना की और इसके बाद हर्षिता कोठारी, मीनाक्षी भंसाली, रक्षिता, तृप्ति कोठारी, तमन्ना तंवर, मीनाक्षी आदि छात्राओं ने भी शिक्षक दिवस पर अपनी-अपनी भावाभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम की रूपरेखा स्नेहा बोहरा एवं गार्गी जांगिड़ के साथ ईशा प्रजापति आदि छात्राओं ने तय की। कार्यक्रम का संचालन छात्रा स्नेहा सोनी एवं विनीता कंवर ने किया। डॉ. प्रगति भटनागर द्वारा अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में डॉ. मनीष भटनागर, डॉ. विष्णु कुमार, डॉ. अमिता जैन, डॉ. आभासिंह, डॉ. गिरिराज भोजक, डॉ. गिरधारी लाल शर्मा, डॉ. बलबीर सिंह, अभिषेक चारण,, डा. विनोद कस्वा, मधुकर दाधीच, डॉ. आयुषी शर्मा, सुश्री प्रगति चैरड़िया, कुशाल जाँगिड़, सुश्री स्नेहा शर्मा, देवीलाल प्रजापत, डॉ. मनीषा जैन, डॉ. ममता पारिक, सुश्री राधिका लोहिया, मुकेश कुमार, देशना चारण एवं घासीलाल शर्मा मौजूद रहे ।

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Author: kalamkala

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